Israel Hamas Peace Talks: अमेरिका की मध्यस्थता में इजरायल और हमास के बीच गाजा में युद्ध रोकने और बंधकों की रिहाई के लिए पहले चरण के शांति समझौते पर सहमति बन गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर इस समझौते की जानकारी दी।
ट्रंप ने कहा, “इसका मतलब है कि सभी बंधक बहुत जल्द रिहा किए जाएंगे, और इजरायल अपनी सेना को तय की गई सीमा तक पीछे हटा लेगा। यह एक मजबूत, टिकाऊ और स्थायी शांति की दिशा में पहला कदम है। सभी पक्षों के साथ निष्पक्ष व्यवहार होगा।”
ट्रंप ने इस समझौते को “अरब और मुस्लिम दुनिया, इजरायल, सभी पड़ोसी देशों और अमेरिका के लिए एक महान दिन” बताया। उन्होंने कतर, मिस्र और तुर्की को मध्यस्थता के लिए धन्यवाद दिया और कहा, “यह एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व घटना है। धन्य हैं वे जो शांति लाते हैं।”
यह समझौता हमास के 7 अक्टूबर के हमले की दूसरी सालगिरह के एक दिन बाद हुआ। मिस्र में हुई अप्रत्यक्ष बातचीत के दौरान ट्रंप के 20 बिंदुओं वाले शांति प्रस्ताव के पहले चरण पर सहमति बनी।
समाचार एजेंसी Reuters के अनुसार, हमास ने पुष्टि की है कि गाजा युद्ध खत्म करने, इजरायली सेना की वापसी और बंधक-बंदी आदान-प्रदान पर सहमति हो गई है। हमास ने ट्रंप और गारंटी देने वाले देशों से कहा है कि वे ध्यान रखें कि इजरायल युद्धविराम समझौते का पूरा पालन करे। Associated Press की रिपोर्ट के मुताबिक, हमास इस वीकेंड तक सभी जीवित बंधकों को रिहा करेगा, जबकि इजरायली सेना गाजा के अधिकांश हिस्सों से पीछे हटना शुरू करेगी।
ट्रंप की घोषणा के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे “इजरायल के लिए बड़ा दिन” बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “कल मैं सरकार की बैठक बुलाकर इस समझौते को मंजूरी दूंगा ताकि हमारे सभी प्रिय बंधक घर लौट सकें। मैं आईडीएफ के वीर सैनिकों और सुरक्षा बलों का धन्यवाद करता हूं, जिनकी बहादुरी और बलिदान से हम इस दिन तक पहुंचे हैं।”
नेतन्याहू ने ट्रंप और उनकी टीम का भी आभार जताते हुए कहा, “ईश्वर की कृपा से हम अपने सभी लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे और अपने पड़ोसियों के साथ शांति को आगे बढ़ाएंगे।” उन्होंने आगे कहा, “योजना के पहले चरण की मंजूरी के बाद हमारे सभी बंधक घर लौट आएंगे। यह इजरायल के लिए एक बड़ी कूटनीतिक, राष्ट्रीय और नैतिक जीत है।”
नेतन्याहू ने कहा, “शुरुआत से ही मैंने कहा था कि हम तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक हर बंधक को वापस नहीं लाया जाता। हमारे दृढ़ इरादों, सैन्य प्रयासों और राष्ट्रपति ट्रंप की मदद से हम इस अहम मुकाम पर पहुंचे हैं।”