अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के शीर्ष व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच घनिष्ठता को चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को रूस के बजाय अमेरिका, यूरोप और यूक्रेन के साथ खड़ा होना चाहिए। उनकी यह टिप्पणी सोमवार को थ्यानचिन में शांघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन से इतर तीनों नेताओं द्वारा घनिष्ठता प्रदर्शित किए जाने के बाद आई है।
मोदी, शी और पुतिन के बीच ‘एकजुटता के प्रदर्शन’ के बारे में पूछे जाने पर नवारो ने सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ में पत्रकारों से कहा, ‘यह चिंताजनक है, बहुत चिंताजनक।’ट्रंप प्रशासन के व्यापार और विनिर्माण मामलों के वरिष्ठ सलाहकार ने कहा, ‘दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता मोदी का दो सबसे बड़े तानाशाहों पुतिन और शी चिनफिंग के साथ दिखना बेहद शर्म की बात है। इसका कोई मतलब नहीं है।’ नवारो की ये टिप्पणियां और मोदी, पुतिन व शी चिनफिंग की जुगलबंदी ऐसे समय सामने आई हैं, जब भारत और अमेरिका के रिश्ते पिछले दो दशकों के सबसे नाजुक दौर से गुजर रहे हैं।
नवारो पिछले कुछ दिनों से लगातार भारत को निशाना बना रहे हैं। नवारो ने कहा, ‘मुझे समझ नहीं आता कि प्रधानमंत्री मोदी के मन में क्या है, खासकर तब जब भारत पिछले कई दशकों से चीन के साथ कभी शीत युद्ध तो कभी सीधे संघर्ष की स्थिति में रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय नेता यह समझेंगे कि उन्हें रूस के साथ नहीं, बल्कि हमारे, यूरोप और यूक्रेन के साथ होना चाहिए और उन्हें रूस से तेल खरीदना बंद करना चाहिए।
ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क और रूसी तेल की खरीद के लिए अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाया है। इससे भारत पर कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो गया है, जो दुनिया में सबसे अधिक है। भारत ने इन शुल्कों को ‘अनुचित और विवेकहीन’ बताया है।
नवारो ने दावा किया कि चीन भारत का इस्तेमाल एक ऐसी जगह के तौर पर कर रहा है जहां से वह अपना सामान दूसरे देशों में भेज सके और शुल्क से बच सके।