पिछले वर्ष भूकंप, तूफान, बाढ़, चक्रवाती साइक्लोन और सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण एशिया प्रशांत क्षेत्र में 65 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ था। वैश्विक परामर्शदाता फर्म एऑन की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2023 में वैश्विक स्तर पर 98 प्राकृतिक आपदा की घटनाएं हुई थीं। इनमें 380 अरब डॉलर की आर्थिक हानि उठानी पड़ी। इससे पहले 2022 में प्राकृतिक आपदाओं के चलते 55 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था।
एऑन की रिपोर्ट कहती है कि प्राकृतिक आपदाओं से हुआ नुकसान 21वीं शताब्दी के औसत से 22 प्रतिशत अधिक रहा। इसमें सबसे ज्यादा हानि यूरोप एवं अमेरिका में तूफान और भूकंप की घटनाओं के चलते हुई। एऑन का मुख्यालय लंदन में है और न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध है। यह कंपनी जोखिम कम करने वाले उत्पाद पेश करती है।
एशिया प्रशांत क्षेत्र में 65 अरब डॉलर का अधिकांश आर्थिक नुकसान चीन में बाढ़ और भारत में सूखे की स्थिति के कारण हुआ, जो 21वीं शताब्दी औसत से 48 फीसद कम है। इस बीच, एशिया प्रशांत में सुरक्षा अंतर यानी कुल नुकसान का वह हिस्सा जो बीमित नहीं था, 91 प्रतिशत था, जबकि बीमित आर्थिक क्षति कुल हानि का केवल 9 प्रतिशत या 6 अरब डॉलर रहा। एऑन के अनुसार यह 21वीं शताब्दी के औसत 15 अरब डॉलर से कम रहा।
एऑन के एशिया प्रशांत क्षेत्र के पुनर्बीमा समाधान के मुख्य कार्य अधिकारी जॉर्ज अटर्ड कहते हैं, ‘एऑन की एशिया प्रशांत के लिए वैश्विक जोखिम प्रबंधन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2023 के अनुसार यद्यपि शीर्ष 10 प्राकृतिक आपदाताओं में जलवायु परिवर्तन शामिल नहीं था, जबकि यह शीर्ष दस जोखिमों में चार को सीधे प्रभावित करता है। इनमें कारोबारी हस्तक्षेप, तेजी से बाजार के रुझान में परिवर्तन, आपूर्ति श्रृंखला वितरण विफलता और नियामकीय या विधायी परिवर्तन आदि शामिल हैं।’
कंपनी की 2024 की जलवायु और आपाद रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया प्रशांत में सबसे अधिक तबाही बाढ़ के कारण होती है। इससे 2010 के बाद से प्रत्येक वर्ष 30 अरब डॉलर वार्षिक क्षति बढ़ गई है। एशिया प्रशांत में बाढ़ लगातार चौथे वर्ष सबसे अधिक नुकसान पहुंचाने वाला कारक साबित हुआ है यानी 2023 में कुल क्षति का 64 प्रतिशत बाढ़ के कारण हुआ।
एशिया प्रशांत का आधे से अधिक नुकसान चीन में बाढ़ के कारण हुआ। इस कारण 32 अरब डॉलर से अधिक की आर्थिक क्षति हुई। इसमें बीमित नुकसान भी 1.4 अरब डॉलर का रहा। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023 में जहां सबसे ज्यादा बारिश और बाढ़ की घटनाएं हुईं, उनमें हॉन्ग कॉन्ग, दक्षिणी कोरिया, भारत और पाकिस्तान रहे। भारत और पाकिस्तान में बाढ़ के कारण लगभग 29,00 लोगों की जान गई। अधिकांश आर्थिक क्षति ने ऐसे क्षेत्रों को अधिक प्रभावित किया जहां बीमित संपत्तियां बहुत कम थीं।
एशिया प्रशांत और ओशियाना क्षेत्र में लगभग 13 अरब डॉलर की आर्थिक क्षति हुई। इसमें बीमित क्षति 1.4 अरब डॉलर रही। पिछले साल एशिया प्रशांत क्षेत्र में कई बड़े भूकंप भी तबाही का कारण बने। साल 2023 के अक्टूबर में अफगानिस्तान में भूकंप से लगभग 15,00 लोगों की जान चली गई, जबकि दिसंबर में चीन में आए भूकंप के कारण लगभग 200,000 घर तबाह हो गए।
इसके अलावा भीषण गर्मी और लू ने भी 2023 में एशिया प्रशांत क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया। चीन में पिछले साल जुलाई में 52.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था। खास यह कि अप्रैल-मई में सप्ताह लंबी लू ने दक्षिणी और दक्षिणी-पूर्वी एशिया के देशों को झिंझोड़ कर रख दिया। इसके अतिरिक्त सूखे के कारण भी चीन और भारत में नुकसान हुआ है।