ईरान, इराक, जॉर्डन और इजरायल द्वारा शुक्रवार को अपने हवाई क्षेत्र बंद करने के बाद भारतीय एयरलाइनों का अंतरराष्ट्रीय संचालन बुरी तरह गड़बड़ा गया। पिछले महीने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की ओर से अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने के कारण पहले ही चुनौतियों का सामना कर रहीं विमानन कंपनियों की दिक्कतें और बढ़ गई हैं। दोहरे प्रतिबंधों के कारण पश्चिम की ओर जाने वाले हवाई रास्ते नाटकीय रूप से संकुचित हो गए हैं, जिससे विशेष रूप से यूरोप और उत्तरी अमेरिका के लिए घूम कर उड़ानें जा रही हैं। इसमें काफी अधिक समय लग रहा है और उड़ानें रद्द होने की संख्या बढ़ गई है।
ईरान की ओर से अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने का कदम इजरायल के बड़े पैमाने पर सैन्य कार्रवाई के बाद उठाया गया है। इजरायल द्वारा ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ के नाम से शुक्रवार को शुरू किए गए अपने अभियान में पूरे ईरान में परमाणु और रक्षा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया। ईरान ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए तुरंत अपने हवाई क्षेत्र को सील कर दिया। इराक, जॉर्डन और इजरायल ने भी ऐसा ही किया, जिससे हवाई मार्गों में व्यवधान बढ़ गया।
पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र पहले से ही प्रतिबंधित होने के कारण भारतीय एयरलाइनों को घूमकर अपने गंतव्य तक जाना पड़ रहा है। इससे ईंधन की लागत बढ़ गई है, चालक दल के रोटेशन में दिक्कत खड़ी हो गई और अतिरिक्त लॉजिस्टिक जटिलताएं उभरी हैं।
भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने शुक्रवार को परामर्श जारी कर कहा कि ईरान और आसपास के क्षेत्रों में हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण उसकी कुछ सेवाओं में उड़ान का समय लंबा हो सकता है या उड़ानें रद्द हो सकती हैं। एयरलाइन ने एक्स पर कहा, ‘हवाई अड्डे के लिए रवाना होने से पहले हमारी वेबसाइट या ऐप पर अपनी उड़ान की स्थिति की जांच करें।’
एयर इंडिया के लिए स्थिति और भी अधिक गंभीर हो गई। भारतीय विमानन इतिहास में सबसे घातक उड़ान आपदाओं में से एक का सामना करने के 24 घंटे से भी कम समय में इस एयरलाइन को अपनी कम से कम 16 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द या पुनर्निर्देशित करना पड़ा है। बीते गुरुवार को अहमदाबाद में एयर इंडिया की उड़ान एआई171 के भीषण दुर्घटना में 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई थी।
एयर इंडिया ने एक्स पर कहा कि कई ट्रांस-अटलांटिक और यूरोप जाने वाली उड़ानें प्रभावित हुई हैं। लंदन हीथ्रो से मुंबई जाने वाली उड़ान एआई130 को वियना भेजा गया, जबकि न्यूयॉर्क से दिल्ली जाने वाली एआई102 शारजाह में उतरी। न्यूयॉर्क से मुंबई आने वाली एक अन्य उड़ान एआई116 को जेद्दा भेजा गया। लंदन से दिल्ली आने वाली उड़ान एआई2018 को मुंबई में उतारना पड़ा और नेवार्क से दिल्ली उड़ान एआई106 को वियना डायवर्ट कर दिया गया।
विदेश जाने वाली उड़ानों को भी इसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा। मुंबई से लंदन जाने वाली एआई129 और मुंबई से न्यूयॉर्क जाने वाली एआई119 दोनों को मुंबई लौट आना पड़ा। दिल्ली से वाशिंगटन डीसी जाने वाली एआई103 और टोरंटो जाने वाली एआई189 को बीच रास्ते से वापस बुला लिया गया। इस बीच, वैंकूवर से दिल्ली जाने वाली एआई188 को जेद्दाह भेज दिया गया और दिल्ली से न्यूयॉर्क जाने वाली एआई101 को मौजूदा हवाई क्षेत्र की स्थितियों के आधार पर फ्रैंकफर्ट या मिलान की तरफ मोड़ा गया।
शिकागो से दिल्ली जाने वाली एआई126 को भी जेद्दाह में उतरना पड़ा। लंदन से बेंगलुरु जाने वाली उड़ान एआई132 को शारजाह की तरफ मोड़ा गया। दो अन्य उड़ानों- लंदन से एआई2016 और वाशिंगटन से दिल्ली जाने वाली एआई104 को वियना भेजा गया। टोरंटो से दिल्ली जाने वाली एआई190 को फ्रैंकफर्ट के लिए मोड़ दिया गया।
एयर इंडिया ने उड़ानों के मार्ग में बदलाव से यात्रियों को हुई असुविधा पर खेद जताया है। विमानन कंपनी यात्रियों के यात्रा कार्यक्रम का दोबारा निर्धारण कर है या फिर उन्हें पूरी रकम लौटाने की पेशकश कर रही है। एयर इंडिया ने कहा, ‘यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के वैकल्पिक प्रबंध हो रहे हैं।’ कंपनी ने कहा कि असुविधा कम करने के लिए वह जरूरत पड़ने पर यात्रियों के रहने का भी इंतजाम कर रही है।