भारत ने पाकिस्तान को एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से 80 करोड़ डॉलर की वित्तीय सहायता मंजूर होने का कड़ा विरोध किया है। सूत्रों ने कहा कि भारत ने विरोध जताते हुए आशंका जताई है कि एडीबी के संसाधनों का गलत इस्तेमाल किया जाएगा।
एडीबी की बोर्ड बैठक में पिछले दिनों पैकेज पर मतदान हुआ था, जिसमें भारत ने हिस्सा नहीं लिया। भारतीय अधिकारियों ने एडीबी को चेताया है कि पाकिस्तान का रक्षा व्यय बढ़ रहा है, कर-जीडीपी अनुपात घट रहा है और प्रमुख वृहद आर्थिक सवधारों पर उसने कोई प्रगति नहीं दिखाई है।
एडीबी ने पाकिस्तान में राजकोषीय मजबूती बरकरार रखने तथा लोक वित्त प्रबंधन सुधारने के लिए 80 करोड़ डॉलर के पैकेज को मंजूरी दे दी। पाकिस्तान के लिए एडीबी की कंट्री डायरेक्टर एमा फैन ने कहा, ‘पाकिस्तान ने वृहद आर्थिक हालात सुधारने में काफी प्रगति की है।’
किंतु भारत ने कहा है कि एडीबी और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की वित्तीय सहायता वाले पिछले कार्यक्रमों ने वृहद आर्थिक माहौल को मजबूती दे दी होती तो पाकिस्तान 24वें राहत कार्यक्रम के लिए आईएमएफ के दरवाजे पर पहुंचा ही नहीं होता।
सूत्रों के मुताबिक भारत ने कहा है कि इस तरह का पिछला प्रदर्शन सवाल खड़े करता है कि कार्यक्रम का ढांचा क्या वाकई कारगर था और उन्हें कैसे लागू किया गया था या उनकी निगरानी किस तरह की गई थी।
पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादी हमला होने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया। इस हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे, जिसके बाद ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया।