facebookmetapixel
H-1B visa new rules: भारतीय प्रोफेशनल्स को मिली राहत, H-1B वीजा फीस सिर्फ नए आवेदन पर लागूAmul ने 700 से ज्यादा प्रोडक्ट्स के घटाए दाम, जानें पनीर, घी और मक्खन कितना हुआ सस्ताम्युचुअल फंड्स और ETF में निवेश लूजर्स का खेल…‘रिच डैड पुअर डैड’ के लेखक ने निवेशकों को क्या सलाह दी?Bonus Stocks: अगले हफ्ते कुल पांच कंपनियां निवेशकों को देंगी बोनस, बिना कोई खर्च मिलेगा अतिरिक्त शेयर10 साल में 1716% का रिटर्न! बजाज ग्रुप की कंपनी निवेशकों को देगी 1600% का डिविडेंड, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्तेDividend Stocks: अगले हफ्ते निवेशकों के बल्ले-बल्ले! 100 से अधिक कंपनियां बांटेंगी डिविडेंड, देखें पूरी लिस्टअमेरिका की नई H-1B वीजा फीस से भारतीय IT और इंजीनियर्स पर असर: NasscomHDFC, PNB और BoB ने MCLR घटाई, EMI में मिल सकती है राहतH-1B वीजा होल्डर्स के लिए अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट, जेपी मॉर्गन की चेतावनी: अभी US छोड़कर नहीं जाएंDividend Stocks: सिविल कंस्ट्रक्शन सेक्टर से जुड़ी यह कंपनी देगी 30% का तगड़ा डिविडेंड, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्ते

‘भारत की GDP ग्रोथ FY26 में 6.3% रहेगी’, विश्व बैंक का दावा – निर्यात पर पड़ेगा असर, पर अर्थव्यवस्था में दिखेगी तेजी

विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का सार्वजनिक कर्ज-GDP अनुपात घट रहा है और वित्तीय स्थिरता बढ़ेगी। मजबूत घरेलू मांग के साथ GDP ग्रोथ FY26 में 6.3% पर स्थिर रहेगी।

Last Updated- June 10, 2025 | 8:53 PM IST
World Bank
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

India GDP Growth: विश्व बैंक ने मंगलवार को अपनी ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स रिपोर्ट में कहा कि भारत में बढ़ते टैक्स राजस्व और घटते खर्चों की वजह से सार्वजनिक कर्ज-GDP अनुपात धीरे-धीरे कम होगा। इससे वित्तीय मजबूती आएगी। विश्व बैंक ने भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान वित्त वर्ष 2026 के लिए 6.3% पर बरकरार रखा है। यह अप्रैल में साउथ एशिया डेवलपमेंट अपडेट में भी कहा गया था। हालांकि, बढ़ती व्यापार बाधाओं और प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में कमजोर गतिविधियों की वजह से निर्यात कमजोर पड़ सकता है। 

रिपोर्ट में कहा गया, “भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज 6.3% की ग्रोथ बनाए रखेगा।”

बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2026 के बजट में नया प्लान बताया था। अब सरकार कर्ज-GDP अनुपात को वित्तीय लक्ष्य बनाएगी, न कि सिर्फ वित्तीय घाटे को। सरकार का लक्ष्य है कि 2031 तक कर्ज-GDP अनुपात 50% तक लाया जाए, जिसमें एक प्रतिशत की छूट हो सकती है।

विश्व बैंक ने कहा कि 2025 में औद्योगिक उत्पादन में कमी की वजह से ग्रोथ थोड़ी धीमी रही, लेकिन अगले दो वित्त वर्षों (2027 से) में यह औसतन 6.6% सालाना तक पहुंच सकती है। इसमें मजबूत सर्विस सेक्टर और निर्यात में सुधार की बड़ी भूमिका होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत से बढ़ती आयात मांग दक्षिण एशिया में व्यापार को बढ़ावा देगी। विश्व बैंक ने 2025 में वैश्विक ग्रोथ 2.3% रहने का अनुमान लगाया है, जो पिछले 17 सालों में सबसे कम है, अगर वैश्विक मंदी को छोड़ दें। 

हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया कि अगर बड़े देश व्यापार तनाव कम करने में कामयाब रहे, तो वैश्विक ग्रोथ उम्मीद से जल्दी सुधर सकती है। इससे नीतिगत अनिश्चितता और वित्तीय अस्थिरता कम होगी।

Also Read: अगले 5 साल में भारतीय कंपनियां करेंगी $850 अरब का रिकॉर्ड निवेश, बिजली-एयरलाइंस-ग्रीन हाइड्रोजन में दिखेगा बूम

दक्षिण एशिया के लिए जोखिम और सुझाव

रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि विकासशील देशों को व्यापार और निवेश साझेदारियां बढ़ाकर और क्षेत्रीय समझौतों के जरिए व्यापार में विविधता लाकर और खुलापन अपनाना चाहिए। 

अप्रैल में, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत की 2026 की ग्रोथ का अनुमान 30 बेसिस पॉइंट घटाकर 6.2% कर दिया था। IMF ने अपनी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक में कहा कि बढ़ते व्यापार तनाव और वैश्विक अनिश्चितता ने ग्रोथ अनुमान को मुश्किल बना दिया है। 

विश्व बैंक ने दक्षिण एशिया के लिए प्रमुख जोखिम बताए, जैसे प्रमुख साझेदारों से व्यापार बाधाएं बढ़ना और वैश्विक व्यापार नीति में अनिश्चितता। रिपोर्ट में कहा गया, “अगर वैश्विक मुद्रास्फीति बढ़ी या जोखिम लेने की क्षमता घटी, तो वैश्विक वित्तीय स्थिति सख्त हो सकती है। इससे क्षेत्र की मुद्राएं कमजोर हो सकती हैं और पूंजी बाहर जा सकती है।”

क्षेत्र में हिंसा, सामाजिक अशांति बढ़ने या प्राकृतिक आपदाओं के बार-बार आने का खतरा भी अर्थव्यवस्थाओं के लिए नुकसानदायक हो सकता है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत में निर्माण और सर्विस सेक्टर की ग्रोथ स्थिर रही, जबकि खेती का उत्पादन सूखे से उबर गया। ग्रामीण मांग ने इसमें बड़ा सहयोग दिया। 

नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (NSO) के डेटा के मुताबिक, भारत की वास्तविक GDP ग्रोथ 2025 में 6.5% रही, जो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के 6.6% के अनुमान से थोड़ा कम है।

First Published - June 10, 2025 | 8:45 PM IST

संबंधित पोस्ट