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ओमीक्रोन को लेकर बढ़ी हलचल

Last Updated- December 11, 2022 | 11:13 PM IST

कोरोनावायरस के नए और संभावित रूप से अधिक संक्रामक स्वरूप ओमीक्रोन का प्रसार तेजी से यूरोपीय देशों में हुआ है जिसकी पहचान कुछ दिन पहले ही सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में हुई थी। इसके कारण दुनिया भर की सरकारों को इसे नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा है। ब्रिटेन ने ओमीक्रोन से संक्रमण के दो मामले सामने आने के बाद शनिवार को मास्क पहनने और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के आगमन पर जांच संबंधी नियमों को सख्त कर दिया।
जर्मनी और इटली में भी शनिवार को ओमीक्रोन स्वरूप से संक्रमण की पुष्टि हुई। बेल्जियम, हॉन्गकॉन्ग और इजरायल पहुंचने वाले यात्रियों में भी वायरस के इस स्वरूप का संक्रमण मिला है। अमेरिका में संक्रामक रोगों के शीर्ष सरकारी विशेषज्ञ डॉ.एंटनी फाउची ने कहा कि यह हैरानी की बात नहीं होगी, अगर अमेरिका में पहले से ही वायरस के इस स्वरूप की मौजूदगी का पता चले। उन्होंने एनबीएस टेलीविजन से एक साक्षात्कार में कहा, ‘हमने अभी तकइसकी पहचान नहीं की है लेकिन जब आपके आसपास ऐसा वायरस हो और जो इस स्तर पर प्रसारित हो रहा हो तो यह तय है कि वह सभी जगह फैलेगा।’
ओमीक्रोन दक्षिण अफ्रीका की युवा आबादी में तेजी से फैल रहा है जिससे स्वास्थ्य पेशेवरों की चिंता बढ़ गई है। एस्ट्राजेनेका, मॉडर्ना, नोवावैक्स और फाइजर सहित तमाम दवा कंपनियों ने कहा कि ओमीक्रोन के सामने आने के बाद वे अपने टीके को उसका मुकाबला करने के लिए उसमें बदलाव लाने का प्रयास कर रहे हैं और ये टीके 100 दिन में बनकर तैयार होने की उम्मीद है।
इस बात का डर फैला है कि वायरस के नए स्वरूप में अब तक लगाए गए टीकों की सुरक्षा के प्रति अधिक प्रतिरोधक क्षमता है और ऐसे में इसको लेकर पूरी दुनिया में महामारी की चिंता बढ़ी है और साथ ही लॉकडाउन संबंधी प्रतिबंधों के अधिक समय तक लागू रहने की आशंका है। पिछले दो साल से जारी महामारी की वजह से पूरी दुनिया में 50 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और इस नए खतरे के प्रति पूरी दुनिया के देश सतर्कता बरत रहे हैं। कई देशों ने पहले ही दक्षिण अफ्रीका से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी है ताकि उन्हें ओमीक्रोन का आकलन करने के लिए समय मिल सके और वे पता लगा सके कि वायरस का यह स्वरूप, मौजूदा डेल्टा स्वरूप से कहीं अधिक तेजी से प्रसारित तो नहीं हो रहा।
 ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इंगलैंड में वायरस के नए स्वरूप से दो लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि होने के बाद कहा कि लक्षित और एहतियाती कदम उठाने की जरूरत है। वायरस के इस स्वरूप के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए इंगलैंड में देश में आने के दूसरे दिन आरटी-पीसीआर जांच कराना और रिपोर्ट में संक्रमित नहीं होने की पुष्टि होने तक क्वारंटीन में रहने का आदेश दिया है। अगर कोई ओमीक्रोन पॉजिटिव पाया जाता है तब उसके संपर्क के सभी लोगों को टीका लेने के बावजूद भी 10 दिन दिनों तक अलग रहना होगा।
ब्रिटेन ने बोत्सवाना, इस्वातिनी (पूर्व में स्वाजीलैंड), लेसेथो, नामीबिया, दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे के अलावा रविवार से अंगोला, मालावी, मोजाम्बिक और जांबिया को भी लाल सूची में डालने का फैसला किया है। इसका अभिप्राय है कि यहां से आने वाले लोगों को क्वारंटीन के नियम का अनुपालन करना होगा। ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, यूरोपीय संघ, ईरान, जापान, थाईलैंड और अमेरिका सहित कई देशों ने भी पिछले कुछ दिनों में दक्षिण अफ्रीकी देशों पर वायरस के नए स्वरूप के मद्देनजर पाबंदी लगाई है।
यह कदम विश्व स्वास्थ्य संगठन के सुझाव के विपरीत है, जिसमें उसने आकलन के बिना अत्यधिक प्रतिक्रिया से बचने को कहा था। कई देशों द्वारा उड़ानों पर रोक लगाए जाने के बावजूद यह चिंता बढ़ रही है कि वायरस का स्वरूप पहले ही दुनिया के कई देशों में फैल चुका है। इटली और जर्मनी में हाल में ओमीक्रोन से संक्रमण के मामलों की पुष्टि हुई है। अफ्रीकी देश मोजांबिक से इटली लौटा व्यक्ति ओमीक्रोन स्वरूप से संक्रमित पाया गया है। यह व्यक्ति एक कारोबारी है और 11 नवंबर को नेपल्स के निकट स्थित अपने घर लौटा था। उसके घर के पांच सदस्य भी वायरस के नए स्वरूप से संक्रमित पाए गए हैं जिनमें दो स्कूली बच्चे में भी शामिल है। सभी संक्रमितों को नेपल्स के उपनगर कैसरटा में क्वारंटीन में रखा गया है और सभी में संक्रमण के हल्के लक्षण हैं और उनकी हालत ठीक है। मिलान के सैको अस्पताल और इटली के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान ने भी उसमें ओमीक्रोन स्वरूप से संक्रमित होने की पुष्टि की है और कहा कि उसे टीके की दोनों खुराक लग चुकी थी। जर्मनी में म्यूनिख के मैक्स वोन पेट्टेनकोफर इंस्टीट्यूट ने भी 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका से लौटे दो यात्रियों के ओमीक्रोन स्वरूप से संक्रमित होने की पुष्टि की है।
नीदरलैंड के सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान ने कहा कि ओमीक्रोन का संक्रमण संभवत: कई लोगों में मिला है और दक्षिण अफ्रीका से दो विमानों में सवार होकर शुक्रवार को एम्स्टर्डम आए और इन लोगों को क्वारंटीन में रखा गया है। कुल 61 लोगों की जांच की गई थी। इजरायल ने बताया कि मालावी से लौटे एक व्यक्ति के ओमीक्रोन स्वरूप से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इसके बाद हाल में दक्षिणी अफ्रीकी देशों से लौटे 800 लोगों की जांच की जा रही है।
वहीं ऑस्ट्रेलिया ने रविवार को कहा कि उसके वैज्ञानिक यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि दक्षिण अफ्रीका से लौटे और कोविड-19 के शिकार दो लोगों में कहीं ओमीक्रोन स्वरूप का संक्रमण तो नहीं है।
भयावह प्रकोप
चीन के अधिकतर हिस्सों को दुनिया के लिए बंद रखा गया है क्योंकि एक नए अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि यदि वहां लगी पाबंदियों को हटा दिया जाता है तो उसे महामारी के भयावह प्रकोप का सामना करना पड़ेगा और रोजाना संक्रमण के 6.30 लाख से अधिक मामले सामने आ सकते हैं। पेइकिंग विश्वविद्यालय के गणितज्ञों की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर चीन अन्य देशों की तरह यात्रा प्रतिबंध को हटा देता है और कोरानावायरस संक्रमण के प्रसार को कतई बर्दाश्त नहीं करने के रुख को छोड़ देता है तो देश में रोजाना 6,30,000 से अधिक मामले सामने आ सकते हैं।           

First Published - November 28, 2021 | 11:33 PM IST

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