facebookmetapixel
भारत को दुनियाभर की कंपनियों से मिला ₹1.02 लाख करोड़ का फूड प्रोसेसिंग निवेश; जानें कौन-कौन है लिस्ट में?ITC हटने से ₹15,000 करोड़ का बढ़ा बोझ! जीवन बीमा कंपनियां IRDIA को लिखेगी पत्र; डिस्ट्रीब्यूटर्स का कमीशन घटाने की योजनाभारत को पशु टीका का ग्लोबल हब बनाने के लिए बना VVIMA, ₹1 लाख करोड़ के वेटरनरी वैक्सीन बाजार पर नजरFMCG, ज्वेलरी से लेकर रिटेल सेक्टर तक, GST कटौती के बाद ग्राहक त्योहारों में कर रहे हैं जबरदस्त खरीदारीGold Outlook: त्योहारी मांग के चलते सोने-चांदी में तेजी जारी रहने की संभावना, एक्सपर्ट्स को मुनाफावसूली की उम्मीदMPC की बैठक से पहले SBI की रिपोर्ट में सुझाव: रीपो रेट में हो 25 बेसिस पॉइंट की कटौती, पर एक्सपर्ट्स की राय में मतभेदMF vs FPI: मेटल और पावर यूटिलिटीज पर MFs बुलिश, FPIs ने ऑयल और आईटी शेयरों से की ताबड़तोड़ बिकवालीLicious ने शुरू की 30 मिनट में मीट और सीफूड की डिलीवरी, अब ग्राहकों को मिलेगा ताजा प्रोटीन तुरंत अपने घर परNew Rules From Oct: UPI, NPS और ऑनलाइन गेमिंग में 1 अक्टूबर से होंगे ये बड़े बदलाव, जानें क्या-क्यातेजस्वी का नीतीश सरकार पर हमला, कहा: उन्होंने जो वादा किया उसके लिए ₹7 लाख करोड़ की जरूरत

IMF के वृद्धि अनुमानों पर भी युद्ध का होगा असर

IMF के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हम लोगों की मौत से बहुत दुखी हैं और स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। हालांकि आर्थिक परिणामों के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।’

Last Updated- October 09, 2023 | 11:13 PM IST
IMF

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिम एशिया में एक और भू-राजनीतिक संकट की स्थिति के बीच मंगलवार को अपना द्विवार्षिक विश्व आर्थिक अनुमान जारी करेगा। इस संघर्ष में अधिक देशों के शामिल होने की आशंका के बीच इसके वृद्धि अनुमानों को लेकर और अनिश्चितता बढ़ सकती है। आईएमएफ ने रविवार को कहा कि वह इजरायल और गाजा के घटनाक्रम पर नजर रख रहा है और ऐसे में किसी भी आर्थिक प्रभाव का आकलन करना जल्दबाजी होगी।

आईएमएफ के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हम लोगों की मौत से बहुत दुखी हैं और स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। हालांकि आर्थिक परिणामों के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।’ आर्थिक नीति विशेषज्ञों ने कहा कि मोरक्को के मारकेश में सोमवार को शुरू हुई आईएमएफ-विश्व बैंक की वार्षिक बैठक के एजेंडे पर इस संघर्ष का कोई सीधा प्रभाव नहीं दिखा है लेकिन इस संघर्ष का मुद्दा उठाया जा सकता है क्योंकि यह वैश्विक आर्थिक सुधार की राह में एक और चुनौती बन सकता है।

पूर्व वित्त सचिव और एशियाई विकास बैंक के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक लवासा ने कहा, ‘दुनिया अभी तक महामारी से पूरी तरह से उबर नहीं पाई है और रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा का संकट बढ़ने के साथ-साथ आपूर्ति श्रृंखला में भी बाधा की स्थिति बनी है। ऐसे में राजनीतिक परिदृश्य की संभावनाएं भी बदलेंगी और मौजूदा अनिश्चितता और भी बढ़ सकती है।’

आईएमएफ-विश्व बैंक की वार्षिक बैठक 50 वर्षों में पहली बार अफ्रीकी महाद्वीप में हो रही है। जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की चौथी बैठक भी 12 और 13 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की बैठक के दौरान होगी।

अधिकांश क्षेत्रों में संकटपूर्ण वित्तीय स्थिति, यूक्रेन पर रूस के आक्रमण और कोविड-19 महामारी के चलते पिछले साल आईएमएफ का वर्ल्ड इकॉनमिक आउटलुक बेहद प्रभावित हुआ।

जुलाई में जारी अपने वर्ल्ड इकॉनमिक आउटलुक के अपडेट में, आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2023 की मार्च तिमाही में देश की उम्मीद से बेहतर वृद्धि का हवाला देते हुए वित्त वर्ष 2024 के लिए भारत के आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को 20 आधार अंक बढ़ाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया था। आईएमएफ ने 2023 के लिए अपने वैश्विक वृद्धि अनुमान को 20 आधार अंक से बढ़ाकर 3 प्रतिशत कर दिया था जिसमें अमेरिका (20 आधार अंकों) और ब्रिटेन (70 आधार अंकों) के लिए वृद्धि पूर्वानुमान में संशोधन किया गया।

भारत के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी अगस्त की मासिक आर्थिक समीक्षा ने वित्त वर्ष 2024 के लिए 6.5 प्रतिशत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि अनुमान को बनाए रखा है।

हालांकि इजरायल की मौजूदा स्थिति का व्यापार पर तत्काल प्रभाव नहीं हो सकता है लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अगर रूस-यूक्रेन संघर्ष की तरह ही अगर यह संघर्ष इतने ही लंबे समय तक जारी रहता है तब संभावित रूप से वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए यह जोखिम की स्थिति होगी।

(साथ में रॉयटर्स)

First Published - October 9, 2023 | 11:13 PM IST

संबंधित पोस्ट