50th G7 leaders’ summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बनते ही G7 समिट में शिरकत करने के लिए आज इटली जा रहे हैं। नई सरकार में प्रधानमंत्री बनने के बाद यह उनकी पहली अंतरराष्ट्रीय यात्रा होगी। पीएम मोदी G7 समिट के दौरान इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी (Giorgia Meloni) और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) से भी मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
गौरतलब है कि सात देशों के इस समूह में भारत हिस्सा नहीं है मगर इटली की तरफ से बुलावा आने के बाद प्रधानमंत्री 14 जून को होने वाले आउटरीच देश के रूप में जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। गौरतलब है कि भारत अभी तक 10 बार G7 समिट में शामिल हो चुका है, पीएम मोदी प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए अब से पहले चार बार G7 समिट में शिरकत कर चुके हैं। इस बार भी उन्हें आमंत्रित किया गया है और इसके साथ ही वे लगातार पांच बार समिट में शामिल होने वाले नेता बन जाएंगे।
मौजूदा समय में G7 ग्रुप में 7 बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश शामिल हैं। इनमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान, इंगलैंड, अमेरिका और यूरोपीय संघ (European Union) शामिल है।
G7 देशों के इतर इस समिट में शामिल होने वाले देशों में भारत अकेला नहीं है। भारत के अलावा, तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा, और अर्जेंटीना के राष्ट्रपति भी G7 समिट में हिस्सा लेंगे।
G7 Summit date: साल 2024 की G7 समिट 13 से 15 जून तक इटली के अपुलीया (Apulia) में बोर्गो एग्नाजिया रिजॉर्ट में आयोजित की गई है। इसमें रूस-यूक्रेन और इजराइल-हमास युद्ध जैसी बड़ी चुनौतियों पर चर्चा होने की संभावना है। माना जा रहा है कि PM मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ G7 समित की औपचारिक बैठक के इतर भी चर्चा करेंगे।
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इस G7 शिखर सम्मेलन में भारत की भागीदारी भारत के कुछ महीने पहले G20 की अध्यक्षता के विशेष महत्व की ओर संकेत करती है। G20 के दौरान भारत ने कई विवादास्पद मुद्दों पर दुनिया के अन्य सदस्य देशों के साथ सहमति बनाने में शानदार भूमिका निभाई। भारत ने अब तक वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ समिट के दो सत्र आयोजित किए हैं, जिनका उद्देश्य ग्लोबल साउथ के हितों और चिंताओं को दुनिया के सामने पर लाना रहा है।
ANI से बात करते हुए, इटली में भारत की राजदूत वाणी राव ने कहा कि यह इटली की प्रधानमंत्री की तरफ से प्रधानमंत्री मोदी के लिए एक निमंत्रण है। भारत को G7 शिखर सम्मेलन के लिए भागीदार के रूप में चुना गया है, यदि मैं गलत नहीं हूं, तो भारत एकमात्र एशियाई देश है जिसे भागीदार के रूप में चुना गया है।’
इसके अलावा, भारत की दुनिया भर में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भी G7 में बुलाए जाने की वजह है। इसकी अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और जापान के साथ जहां मजबूत रिश्ते हैं।
भारत को G7 में बुलाने का मुख्य उद्देश्य यह भी है कि G7 में सभी बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश शामिल हैं मगर भारत 3.94 ट्रिलियन डॉलर की GDP के साथ, चार G7 देशों (कनाडा, फ्रांस, इटली और इंगलैंड) से भी बड़ी अर्थव्यवस्था है।