ईरान के तीन परमाणु केंद्रों पर रविवार तड़के किए गए अमेरिका के हमले को जहां रूस ने ‘गैर जिम्मेदाराना’ बताया है वहीं चीन ने अमेरिकी हवाई हमलों की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर का गंभीर उल्लंघन है और इससे पश्चिम एशिया में तनाव और बढ़ेगा। रूस ने कहा कि ईरान पर अमेरिकी हमले को लेकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से बातचीत की कोई योजना नहीं है।
वहीं दूसरी ओर ब्रिटेन और फ्रांस ने कहा है कि ईरान पर हुए अमेरिकी हमले में वे शामिल नहीं हैं। लेकिन ब्रिटेन ने बताया कि उन्हें पहले से इसकी सूचना थी। पाकिस्तान ने अमेरिकी हमलों की निंदा करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है। हालांकि एक दिन पहले ही पाकिस्तान ने नोबेल शांति पुरस्कार के लिए ट्रंप का समर्थन किया था।
ईरान का करीबी सहयोगी होने के अलावा, चीन ईरान के तेल का बड़ा आयातक भी है। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने गुरुवार को इजरायल-ईरान युद्ध के संदर्भ में पुतिन से फोन पर बात की और अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि संघर्षविराम जरूरी प्राथमिकता है और बल का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय विवादों को हल करने का सही तरीका नहीं है।
अमेरिका के हमले को रूस ने ‘गैर-जिम्मेदाराना’ करार देते हुए रूस ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का ‘घोर उल्लंघन’ है। रूस के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका का नाम लिए बिना कहा कि यह ‘चिंताजनक’ है कि हमला ‘ऐसे देश द्वारा किया गया जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है।’ रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि परमाणु अप्रसार संधि पर आधारित वैश्विक परमाणु अप्रसार व्यवस्था को अमेरिकी हमले से नुकसान होगा।
ब्रिटेन के कैबिनेट मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स ने बताया कि एक महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में ईरान पर अमेरिकी हमले की पहले ही सूचना दे दी गई थी हालांकि हमले के समय की सटीक जानकारी नहीं दी गई थी। जोनाथन ने कहा कि अमेरिका ने समर्थन नहीं मांगा था और ब्रिटेन इसमें शामिल नहीं था।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा कि वे इस क्षेत्र में तनाव के और बढ़ने की आशंका से बेहद चिंतित हैं। दूसरी ओर फ्रांस के विदेश मंत्री ने कहा, ‘फ्रांस न तो इन हमलों में शामिल था और न ही ऐसा करने की उसकी कोई योजना है। हम दोनों पक्षों से संयम बरतने का आग्रह करते हैं ताकि तनाव न बढ़े।’