कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए भारत में तैयार भारत बायोटेक के टीके कोवैक्सीन को वैश्विक स्तर पर मंजूरी मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। ऑस्ट्रेलिया ने सोमवार को कोवैक्सीन को औपचारिक रूप से मान्यता देने की घोषणा की जिसके बाद इस टीके लिए संभावना बढ़ गई है। इस निर्णय के बाद कोवैक्सीन टीका लगाने के बाद कोई व्यक्ति ऑस्ट्रेलिया की यात्रा कर सकता है। ऑस्ट्रेलिया सरकार का निर्णय ऐसे समय में आया है जब महज दो दिनों बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) कोवैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी देने के विषय पर अंतिम समीक्षा के लिए बैठक करने वाला है। डब्ल्यूएचओ इस विषय पर 3 नवंबर को विचार करेगा। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली की राजधानी रोम में जी-20 समूह देशों के शिखर सम्मेलन में कहा था कि डब्ल्यूएचओ को अब जल्द से जल्द कोवैक्सीन को अनुमति दे देनी चाहिए।
डब्ल्यूएचओ के एक तकनीकी सलाहकार समूह ने कोवैक्सीन को आपात स्थिति में इस्तेमाल के लिए सूचीबद्ध करने के विषय पर अंतिम निर्णय लेने के लिए भारत बायोटेक से कुछ अतिरिक्त स्पष्टीकरण मांगे थे। ऑस्ट्रेलिया के अलावा जिन देशों ने यात्रा उद्देश्यों के लिए कोवैक्सीन को मंजूरी दी है उनमें नेपाल, जिम्बाब्वे, ईरान, फिलीपीन्स, मॉरिशस और मैक्सिको शामिल हैं। कोवैक्सीन के अलावा ऑस्ट्रेलिया ने चीन की साइनोफार्म द्वारा तैयार बीबीआईबीपी-कोर वी को भी मंजूरी दी है। यह मान्यता 12 वर्ष और उससे अधिक आयु के यात्रियों के लिए है जिन्हें कोवैक्सीन का टीका लगाया गया है और उन 18 से 60 वर्ष के लोगों के लिए है जिन्हें बीबीआईबीपी-कोर वी का टीका लगाया गया है। ऑस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य विभाग के अधीन काम करने वाले थेरेपेटिक गुड्स एडमिनिस्ट्रिेशन ने एक बयान में कहा, ‘हाल के दिनों में टीजीए ने इन टीकों से जुड़ी कुछ अतिरिक्त सूचनाओं की भी मांग की थी। इनके अध्ययन से यह स्पष्ट हो गया है कि ये टीके कोविड से सुरक्षा देते हैं और बाहर से आने वाले लोगों द्वारा संक्रमण फैलाने की आंशका काफी कम कर देते हैं।’
