उत्तर प्रदेश में पर्यटकों को लुभाने के लिए वाटर स्पोर्ट्स और तैरते हुए रेस्टोरेंट शुरू किए जाएंगे। पर्यटकों के सबसे पसंदीदा शहरों अयोध्या, काशी और मथुरा में जहां ओपन कैटामारन बोट के जरिए रोमांचक जल भ्रमण की सुविधा शुरू की जाएगी। वहीं, गोरखपुर के प्रसिद्ध रामगढ़ ताल में फ्लोटिंग रेस्टोरेंट का संचालन होगा।
उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन निगम ने भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण को पत्र लिखकर गोवा और केरल की तर्ज पर अयोध्या, काशी और मथुरा में ओपेन कैटामारन बोट संचालन का निर्णय लिया है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए जलमार्ग प्राधिकरण से 6 कैटामारन बोट उपलब्ध कराने के लिए समझौता किया गया है। दूसरी तरफ गोरखपुर के रामगढ़ ताल में फ्लोटिंग रेस्टोरेंट की शुरुआत गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की। बीते साल इसी महीने रामगढ़ ताल में क्रूज सेवा की शुरुआत की गयी थी।
प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि जलमार्ग प्राधिकरण से समझौते के तहत अयोध्या, काशी, मथुरा में 2-2 बोट का संचालन किया जायेगा। अब तक अयोध्या और काशी में एक जैसे कैटामारन बोट की आपूर्ति की जा चुकी है। इस बोट में 50 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि जलमार्ग प्राधिकरण को यह भी सुझाव दिया गया है कि अब जो भी कैटामारन बोट की आपूर्ति की जाए, वह ओपन हो, इसमें पैट्री, शौचालय सहित अन्य सुविधायें उपलब्ध हों। उन्होंने बताया कि इस वर्ष मई से जून तक लगभग 32 करोड़ पर्यटकों ने प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों का भ्रमण किया। इससे निवेश तथा रोजगार की संभावना को गति मिली है।
उन्होंने कहा, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) ने उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन निगम को पिछले महीने अयोध्या और काशी में कैटामारन, जबकि प्रयागराज में इलेक्ट्रिक बोट हैंडओवर किया था। प्रयागराज में दो मिनी क्रूज बोट में 30-30 लोगों व 6 मोटर बोट में 4 पर्यटकों के बैठने की व्यवस्था है। इनके संचालन की प्रक्रिया पर्यटन निगम के द्वारा शुरू कर दी गई गई है। मॉनसून के बाद इन सभी का संचालन शुरू किया जाएगा।
वहीं गोरखपुर के रामगढ़ताल में पर्यटकों के लिए बीते साल 15 दिसंबर को लेक क्वीन क्रूज की सवारी की सुविधा शुरू की गयी थी। अब इस ताल में फ्लोट के नाम से फ्लोटिंग रेस्टोरेंट बनाया गया है। कुल 9600 वर्गफुट क्षेत्रफल और तीन मंजिला इस फ्लोटिंग रेस्टोरेंट में एकसाथ 100 से 150 आगंतुक बैठ सकते हैं।
‘फ्लोट’ का संचालन करने वाली कंपनी के प्रबंध निदेशक आलोक अग्रवाल बताते हैं कि ग्राउंड फ्लोर से पहले और दूसरे फ्लोर तक लिफ्ट की भी सुविधा है। ग्राउंड फ्लोर पर बने फूड कोर्ट में शुद्ध शाकाहारी व्यंजनों की लंबी श्रृंखला मिलेगी जबकि पहले फ्लोर पर संगीतमय पार्टी की जा सकेगी। दूसरा फ्लोर ओपन रूफटॉप का है जहां खुले में बैठकर ताल का दीदार करने के साथ व्यंजनों का स्वाद लिया जा सकता है। इसके निर्माण पर दस करोड़ रुपये से अधिक की लागत आई है और इसे इंडियन रजिस्ट्रार ऑफ शिपिंग के मानकों के अनुरूप बनाया गया है।
गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) को ये फ्लोटिंग रेस्टोरेंट से प्रतिमाह साढ़े चार लाख रुपये का राजस्व मिलेगा। जीडीए ने संचालक कंपनी से फिलहाल 15 साल के लिए करार किया है। कार्य संतोषजनक रहने पर इसे 5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है।