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UP: हलाल सर्टिफिकेशन से जुड़े उत्पादों की बिक्री पर बैन लगा सकती है योगी सरकार

हलाल सर्टिफिकेट के साथ बिक रही शाकाहारी वस्तुओं का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन पर कारवाई करने को कहा है।

Last Updated- November 18, 2023 | 4:04 PM IST
Yogi Adityanath
File Photo: UP CM Yogi Adityanath

उत्तर प्रदेश में अब हलाल के प्रमाण पत्र के साथ बिकने वाली चीजें हराम हो जाएंगी। योगी सरकार ने हलाल सर्टिफिकेट के नाम पर चल रहे गोरखधंधे पर अपनी नजरें टेढ़ी की हैं।

बिना किसी अधिकार के खान-पान व सौंदर्य प्रसाधन के उत्पादों को अवैध ढंग से ‘हलाल सर्टिफिकेट’ देने के काले कारोबार पर अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चाबुक चलने जा रहा है।

हलाल सर्टिफिकेट के साथ बिक रही शाकाहारी वस्तुओं का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन पर कारवाई करने को कहा है। शनिवार को उत्तर प्रदेश में हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिन्द हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुंबई, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुम्बई आदि हलाल प्रमाण पत्र जारी करने वाली संस्थाओं पर एफआईआर दर्ज करायी गयी है। राजधानी लखनऊ के हजरतगंज थाने में की गयी शिकायत पर यह एफआईआर दर्ज हुयी है। शिकायत में कहा गया है कि उक्त संस्थाएं तेल, साबुन, टूथपेस्ट, मधु जैसे शाकाहारी उत्पादों को भी हलाल प्रमाण पत्र दे रही हैं। जबकि शाकाहारी वस्तुओं पर ऐसे किसी प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होती है।

शिकायतकर्ता शैलेन्द्र शर्मा ने आशंका जताई है कि कूटरचित दस्तावेजों का सहारा लेकर हलाल सर्टिफिकेट के नाम पर इकट्ठा हो रही अवैध कमाई से आतंकवादी संगठनों व राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की फंडिंग की जा रही है। वहीं अब लखनऊ कमिश्नरेट में एफआईआर भी दर्ज की गई है।

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एफआईआर के मुताबिक हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिन्द हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुम्बई, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुम्बई आदि द्वारा एक धर्म विशेष के ग्राहकों को मजहब के नाम से कुछ उत्पादों पर हलाल प्रमाणपत्र प्रदान कर उनकी ब्रिकी बढ़ाने के लिए आर्थिक लाभ लेकर अवैध कारोबार चलाया जा रहा है। इन कंपनियों के पास किसी उत्पाद को प्रमाण पत्र देने का कोई अधिकार नहीं है। उक्त कंपनियों द्वारा कूटरचित प्रमाण पत्र तैयार कर आर्थिक लाभ लेकर विभिन्न कंपनियों को हलाल प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा है। यह सामाजिक विद्वेष बढ़ाने वाला तो है ही जनआस्था के साथ छल है। शिकायतकर्ता ने इसे बड़ी साजिश की आशंका जताते हुए कहा है कि जिन कम्पनियों ने ऐसा हलाल प्रमाण पत्र इनसे नहीं प्राप्त किया है, उनके उत्पादन की बिक्री को घटाने का प्रयास भी किया जा रहा है, जो कि आपराधिक कृत्य है।

शिकायतकर्ता का आरोप है कि मजहब की आड़ लेकर एक वर्ग विशेष में अनर्गल प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है कि ऐसे उत्पाद का प्रयोग न करें जिसे इनकी कम्पनी द्वारा हलाल प्रमाणपत्र न दिया गया हो। परिणाम स्वरुप दूसरे समुदाय विशेष व्यावसायिक हितों का नुकसान हो रहा है। जिसमे उक्त कम्पनियों के मालिक प्रबन्धक के अलावा अन्य तमाम लोगो की भी एक आपराधिक षडयंत्र के तहत सहभागिता है। गौरतलब है कि खान-पान के उत्पादों की गुणवत्ता आदि के प्रमाण पत्र के लिए एफएसएसएआई व आईएसआई जैसी संस्थाओं को अधिकृत किया गया है।

First Published - November 18, 2023 | 3:39 PM IST

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