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विंध्याचल मंदिर में श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड संख्या से गदगद योगी सरकार, काशी-अयोध्या की तर्ज पर करेगी विकसित

मिर्जापुर स्थित विंध्याचल मंदिर में इस साल श्रद्धालुओं की संख्या रिकॉर्ड तोड़ रही है, अनुमान है कि 2025 में यहां आने वाले लोगों का आंकड़ा 1 करोड़ पार कर जाएगा

Last Updated- September 08, 2025 | 8:35 PM IST
Vindhyachal Dham
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

उत्तर प्रदेश के काशी-मथुरा-अयोध्या में श्रद्धालुओं व पर्यटकों की बढ़ती तादाद से उत्साहित योगी सरकार अब विंध्याचल को बड़े आकर्षण के रूप में विकसित कर रही है। सरकार ने हाल ही में बने ‘विंध्य कॉरिडोर’ और बेहतर यातायात सुविधाओं के साथ इसे खास आकर्षण बनाने की दिशा में काम तेज कर दिया है।

श्रद्धालुओं की भीड़ में नया रिकॉर्ड

मिर्जापुर स्थित विंध्याचल मंदिर में इस साल श्रद्धालुओं की संख्या रिकॉर्ड तोड़ रही है। अनुमान है कि 2025 में यहां आने वाले लोगों का आंकड़ा 1 करोड़ पार कर जाएगा। सिर्फ साल के पहले छह महीनों में ही 64 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। यानी हर महीने औसतन 10 लाख लोग मंदिर पहुंचे। पिछले साल 2024 में पूरे साल के दौरान 78 लाख दर्शनार्थी आए थे, जिसे इस बार आसानी से पार कर लिया जाएगा। यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।

मंत्री ने बताया कि विंध्य त्रिकोण यात्रा में शामिल विंध्यवासिनी देवी मंदिर, अष्टभुजा मंदिर और काली खोह मंदिर में भी भीड़ बढ़ रही है। विंध्यवासिनी में भारी भीड़ के चलते पास के पहाड़ पर स्थित अष्टभुजा मंदिर में इस साल अब तक 38 लाख से अधिक भक्त पहुंचे हैं, जबकि पिछले साल पूरे साल में यहां 55 लाख श्रद्धालु आए थे। वहीं गुफा में स्थित कालीखोह मंदिर में भी रोजाना हजारों लोग पहुंच रहे हैं।

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सरकार का फोकस: आस्था और पर्यटन का संगम

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि राज्य सरकार विंध्याचल को पर्यटन का प्रतीक बनाने में जुटी है। यहां श्रद्धालुओं को धार्मिक आस्था, प्राकृतिक खूबसूरती और सांस्कृतिक धरोहर का अनोखा संगम मिलेगा। उन्होंने बताया कि अष्टभुजा और कालीखोह मंदिर क्षेत्र को भी कॉरिडोर शैली में दोबारा विकसित किया जा रहा है। सड़क, घाट और परिवहन सुविधाओं को आधुनिक बनाया जा रहा है। साथ ही मल्टी-लेवल पार्किंग, शौचालय, भीड़ प्रबंधन क्षेत्र और यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाएं तैयार हो रही हैं। गंगा किनारे नए घाट और पैदल पथ बनाए जा रहे हैं, ताकि श्रद्धालु कई घाटों को जोड़ते हुए धार्मिक यात्रा कर सकें। गंगा आरती को और भव्य बनाने के लिए खास मंच भी तैयार हो रहा है।

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि पहले मिर्जापुर में बरसात के समय झरनों को देखने के लिए ही लोग आते थे, लेकिन अब सालभर यहां श्रद्धालु और पर्यटक पहुंच रहे हैं। यहां उन्हें धार्मिक आस्था के साथ-साथ प्रकृति का सौंदर्य भी आकर्षित कर रहा है।

उन्होंने बताया कि मिर्जापुर और विंध्याचल की पहाड़ियों को पर्यटन योजना में शामिल किया गया है। झरने, जंगल और ट्रैकिंग पथ विकसित किए जा रहे हैं। सलखन फॉसिल पार्क का यूनेस्को की अस्थायी विश्व धरोहर सूची में शामिल होना भी इस क्षेत्र की लोकप्रियता बढ़ा रहा है।

मेश्राम ने यह भी बताया कि साल 2024 में प्रदेश में 64.9 करोड़ पर्यटक आए। यह पिछले साल से 17 करोड़ ज्यादा है। लगातार तीसरे साल उत्तर प्रदेश घरेलू पर्यटन में देश का नंबर एक राज्य बना हुआ है।

First Published - September 8, 2025 | 8:35 PM IST

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