उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग (यूपीएसईआरसी) ने पावर ट्रांसमिशन व यूपी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (यूपीएसएलडीसी) की वर्ष 2025-26 के लिए दरों का ऐलान कर दिया है। उत्तर प्रदेश में पहली बार प्रति यूनिट ट्रांसमिशन चार्ज की जगह प्रति मेगावॉट प्रति माह की दर पर दरों का निर्धारण किया गया है।
आयोग का कहना है कि इससे ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन का कैश फ्लो मजबूत होगा। आयोग के मुताबिक ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन अब ओपन एक्सेस कंज्यूमर के अलावा राज्य के डिस्कॉम व भारतीय रेल से पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन 2.13284 लाख रुपया प्रति मेगॉवाट प्रतिमाह वसूली करेगा। अब केवल ओपन एक्सेस कंज्यूमर ही प्रति यूनिट की दर पर 26 पैसा प्रति यूनिट भुगतान करेंगे।
पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन द्वारा जारी आदेश में पहली बार ऐसी व्यवस्था की गई है कि अब तक सिस्टम पर होने वाले खर्च का जो भार अकेले पावर कॉरपोरेशन पर आता था उसे निजी क्षेत्र नोएडा पावर कंपनी व भारतीय रेल को भी वहन करना पड़ेगा यूपीएसएलडीसी में कौशल विकास व सर्टिफिकेशन के लिए प्रोत्साहन भी अनुमन्य होगा।
यूपीएसएलडीसी की वर्ष 2025-26 के लिए एलडीसी शुल्क रुपया 678 प्रति मेगावॉट प्रति माह तय की गई है। नियामक आयोग ने दरें तय करते समय ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन की ओर से दाखिल कुल वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) में कटौती की गई है। कॉरपोरेशन ने 6279.11 करोड़ रुपये का एआरआर दाखिल किया था जबकि आयोग ने इस संशोधित कर 5442.82 करोड़ रुपये कर दिया है।