उत्तर प्रदेश में अब मकानों के नक्शे पास कराने की झंझटों से मुक्ति मिलेगी। प्रदेश सरकार इसी महीने के आखिर तक भवन निर्माण और विकास उपविधि लागू कर देगी। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग जल्द ही मंत्रिपरिषद के सामने इस नियमावली का संशोधित ड्राफ्ट अनुमोदन के लिए पेश करेगा।
नयी नियमावली के लागू होने के बाद 1000 वर्गमीटर तक के भूखंड पर बिना नक्शा पास कराए मकान बनाए जा सकेंगे जबकि 5000 वर्गफीट तक के आवासीय और 2000 वर्ग फुट तक के कमर्शियल प्लॉट पर निर्माण के लिए आर्किटेक्ट का सर्टिफिकेट ही पर्याप्त होगा।
नियमावली के मुताबिक 24 मीटर से अधिक चौड़ी सड़क पर स्थित आवासों में व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन की अनुमति होगी व 45 मीटर से अधिक चौड़ी सड़क पर मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बना सकेंगे। इसके साथ प्रदेश सरकार भूखंड पर अधिक निर्माण के लिए फ्लोर एरिया रेशियो को भी बढ़ाया जा रहा है। संशोधित ड्राफ्ट में हरित भवन निर्माण, ऊर्जा दक्षता, और आपदा प्रतिरोधी संरचनाओं पर विशेष जोर दिया गया है। इसके अलावा, उपविधि में शहरी गरीबों के लिए किफायती आवास और स्लम पुनर्वास योजनाओं को भी प्राथमिकता दी गई है।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश में भवन निर्माण और शहरी विकास को नई दिशा देने के लिए भवन निर्माण और विकास उपविधि-2025 तैयार हो चुकी है। प्रदेश के आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के अधिकारियों ने समीक्षा बैठक में बताया कि भवन निर्माण और विकास उपविधि- 2025 के संबंध में सुझाव एवं आपत्तियां आमंत्रित की गई थी। निर्धारित अवधि में 1153 सुझाव एवं आपत्तियां दर्ज की गई हैं, जिनका निराकरण किया जा रहा।
जल्द ही उपविधि का संशोधित प्रस्ताव संस्तुति के लिए मंत्रिपरिषद के सामने पेश किया जाएगा, जिसे 30 मई तक लागू करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस उपविधि के लागू होने से प्रदेश में भवन निर्माण और आवासीय परिसरों में व्यवसाय संचालन के लिए अतिरिक्त सुविधाएं उपलब्ध होंगी, साथ ही शहरीकरण और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
भवन निर्माण और उपविधि-2025 में आवासीय परिसरों में छोटे और मध्यम स्तर के व्यवसायों को संचालित करने की अनुमति दी जा रही। अधिकारियों के मुताबिक भवन निर्माण एवं विकास उपविधि- 2025 के लागू होने से न केवल शहरी नियोजन को नई दिशा मिलेगी, बल्कि निवेशकों और डेवलपर्स के लिए भी उत्तर प्रदेश एक आकर्षक गंतव्य बनेगा।