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सावन में काशी विश्वनाथ धाम में उमड़ेगा 1.5 करोड़ श्रद्धालुओं का सैलाब, आरती के सभी स्लॉट पहले ही फुल

प्रशासन ने सावन में बढ़ती भीड़ को देखते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर में प्लास्टिक पर रोक लगाई और पूजा शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया है।

Last Updated- July 07, 2025 | 7:25 PM IST
Kashi Vishwanath temple
वाराणसी का काशी विश्वनाथ मंदिर

इस बार सावन में वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में 1.5 करोड़ से ज्यादा भक्तों के पहुंचने की संभावना है। सावन में काशी विश्वनाथ दर्शन को लेकर भक्तों में  इस कदर उत्साह है कि मंदिर में होने वाली आरती के महीने भर के सभी स्लॉट पहले से ही बुक हो चुके हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर में हर रोज पांच बार आरती होती है और मंदिर प्रशासन इसके लिए स्थान बुक करता है। प्रशासन का कहना है कि 11 जुलाई से 9 अगस्त तक सावन के पूरे महीने के लिए आरती के सभी स्थान एडवांस में ही बुक हो चुके हैं।

काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा के मुताबिक पूरे महीने भर के लिए मंगला आरती, भोग आरती, सप्तऋषि आरती और श्रृंगार आरती के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग पूरी हो चुकी है। हालांकि, रात में होने वाली शयन आरती जहां काशी के वासी भजनों से बाबा विश्वनाथ सुलाते हैं उसे सदियों पुरानी परंपरा के मुताबिक सभी के लिए फ्री व खुला रखा गया है।

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इससे पहले काशी विश्वनाथ धाम स्थित सभागार  में वाराणसी मंडल के आयुक्त की अध्यक्षता में सावन की तैयारियों को लेकर एक समन्वय बैठक में मंदिर दर्शन के लिए भक्तों को बेची जाने वाली पूजा की थाली व रुद्राभिषेक के शुल्क को बढ़ाने पर प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया।

बैठक के दौरान पूजा थाली आपूर्ति करने वाले वेंडर्स एवं शास्त्रीगणों ने अपनी समस्या बताई। पूजा थाली वेंडर्स ने बताया कि एक थाली का मात्र 65 रुपए मूल्य है इसमें पूजन सामग्री की बहुत कम मात्रा में ही आ पाती है इसलिए श्रद्धालु असंतोष व्यक्त करते हैं। शास्त्री गणों ने बताया कि एक रुद्राभिषेक पर शास्त्री को मात्र 150 रुपए मिलते हैं।

मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि यह दर 2014 में रुद्राभिषेक टिकट का मूल्य तय किया गया था तब से दर में कोई वृद्धि न होने के कारण वेंडर्स एवं शास्त्री को भी पुराने दर पर ही भुगतान किया जा रहा है। मंडलायुक्त ने इस विषय पर 11 वर्षों में हुई मूल्य वृद्धि तथा आजीविका की लागत में हुए परिवर्तनों के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान समय के मुताबिक  एक प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए मंदिर प्रशासन को निर्देशित किया।

मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह से रोका जा चुका है। हालांकि अभी भी चढ़ाने के लिए दूध एवं फूल माला श्रद्धालु प्लास्टिक के पात्र में लाते हैं और प्लास्टिक के पात्र में ही दुकानदार विक्रय भी करते हैं। यह फैसला लिया गया कि सिंगल यूज प्लास्टिक पॉलीथिन इत्यादि का प्रवेश आज से पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। सावन के महीने में जो 11 जुलाई से शुरू होकर  9 अगस्त तक रहेगा, इस अवधि में प्लास्टिक की अन्य वस्तुएं यथा प्लास्टिक के लोटे आदि का भी धाम में प्रयोग हतोत्साहित किया जाएगा। दिनांक 10 अगस्त 2025 से किसी भी प्रकार का प्लास्टिक यथा दूध का पात्र अथवा फूल माला का पात्र ले कर किसी भी व्यक्ति का प्रवेश धाम परिसर में पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।

First Published - July 7, 2025 | 7:18 PM IST

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