उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 10 लाख करोड़ रुपये की औद्योगिक परियोजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए एक और ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की तैयारी कर रही है। इससे पहले इसी साल फरवरी में प्रदेश सरकार ने 10 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास किया था।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीते साल फरवरी में आयोजित ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में उत्तर प्रदेश को 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इनमें से लगभग 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने का काम प्रधानमंत्री ने फरवरी, 2024 में किया। प्रदेश में आगे भी 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश को साकार करने की प्रक्रिया पाइप लाइन में है, जिसका शीघ्र शिलान्यास कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश में निवेश मित्र पोर्टल के माध्यम से निवेशकों को 450 से अधिक एनओसी आसानी से एक निश्चित समय सीमा में प्राप्त हो जाते हैं। निवेशकों को कहीं भी फाइल लेकर भटकना नही पड़ता है। बहुत सारे एनओसी ऐसे भी हैं, यदि वह समय-सीमा में नहीं प्राप्त हुए, तो उसे स्वीकृत मान लिया जाता है। यदि किसी ने गलत एनओसी दे दिया है, तो उसकी जवाबदेही तय की जाती है।
निवेशकों के साथ हुए एमओयू की मॉनीटरिंग के लिए निवेश सारथी प्लेटफॉर्म बनाया गया है। निवेश होने के बाद निवेशकों को ऑनलाइन इन्सेंटिव देने की व्यवस्था को भी आगे बढ़ाया गया है। यह तीन प्लेटफॉर्म ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने तथा निवेशकों के भटकाव को रोकने के लिए लाये गये हैं। शासन द्वारा मुख्यमंत्री फेलो तैनात किये गए हैं, जो निवेश की स्थिति एवं निवेश में आने वाली समस्या की समीक्षा करके रिपोर्ट तैयार करके शासन को अवगत कराएंगे।
गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा), में 1,170 करोड़ रुपये की लागत से 48.24 एकड़ में वरुण बेवरेजेज़ लिमिटेड द्वारा स्थापित शीतल पेय बॉटलिंग एवं डेयरी उत्पाद संयंत्र का लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके जरिए 1,500 युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गीडा का शिलान्यास वर्ष 1992 में हुआ, किन्तु वर्ष 1998 तक यहां कोई उद्योग नहीं लगा था। सरकार ने लोगों से संवाद कर समस्याओं का समाधान करना प्रारम्भ किया। इसके परिणामस्वरूप पिछले 3 से 4 वर्ष में गीडा में 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हो चुका है।
गीडा में इण्डियन ग्लाइकोल उद्योग, गैलेन्ट उद्योग, केयान डिस्टलरी, ज्ञान डेयरी, तत्वा प्लास्टिक, अंकुर उद्योग आदि द्वारा निवेश हो चुका है। गीडा द्वारा प्लास्टिक पार्क, फ्लैटेड फैक्ट्री तथा गारमेन्ट पार्क बनाने की कार्यवाही युद्ध स्तर पर आगे बढ़ायी जा रही है।