राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या और काशी-विश्वनाथ कारीडोर के चलते वाराणसी में बसने की चाह रखने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है। दोनों धार्मिक नगरों में आशियाने की बढ़ी मांग को देखते हुए योगी सरकार ने अयोध्या और वाराणसी में नए उपनगर बनाने का फैसला किया है।
अयोध्या में जहां किसानों से 70 एकड़ जमीन लेकर वशिष्ठ कुंज के नाम से लखनऊ रोड पर नई आवासीय योजना विकसित की जा रही है। वहीं, वाराणसी में एयरपोर्ट के करीब नई काशी बसाई जा रही है। नई काशी के लिए वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट के पास आर रिंग रोड के किनारे 40 गांवों की 1300 हेक्टेयर जमीन ली जाएगी। इस उपनगर में मेडिकल संस्थान, उद्योगों, शैक्षणिक संस्थानों के साथ ही वैदिक सिटी, स्पोर्ट्स सिटी और वर्ल्ड सिटी विकसित की जाएंगी।
इस उपनगरी में प्रवेश के लिए एक भव्य काशी द्वार बनाया जाएगा। नई काशी के जमीन अधिग्रहण के लिए प्रदेश सरकार से 18000 करोड़ रूपये की मांग की गई है। साथ ही जिन गांवों की जमीन ली जानी है वहां खरीदने व बेचने पर जल्द रोक लगा दी जाएगी। हाल ही में वाराणसी महायोजना में संशोधन के बाद रिंग रोड के दोनों तरफ 500 मीटर तक जमीन के मिश्रित उपयोग की अनुमति दे दी गई है। इसके बाद नई काशी में वाणिज्यिक, कार्यालय भवनों, मल्टीप्लेक्सों व शोरूमों के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।
अधिकारियों ने बताया कि नई काशी विकसित करने के बाद पुराने शहर में आबादी का दबाव घटेगा और इसके चलते यातायात सुगम हो सकेगा। बड़े पैमाने पर आसपास के जिलों व बाहर के प्रदेशों से आकर वाराणसी में बसने वालों के लिए सहूलियत होगी। नई काशी परियोजना के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद मिल कर काम करेंगे। प्रदेश सरकार से उपनगर के लिए मंजूरी मिलने के बाद जमीन अधिग्रहण शुरू हो जाएगा। परियोजना को पूरा करने के लिए दो साल की समय सीमा रखी जाएगी।
नई काशी के लिए जो योजना तैयार की गई है उसके मुताबिक 208 एकड़ में स्पोर्ट्स सिटी, 300 एकड़ में वरुणा विहार सिटी आवासीय उद्देश्यों के लिए, 250 एकड़ में मेटिसिटी, 250 एकड़ में वैदिक सिटी, 21 एकड़ में शैक्षिक सिटी जबकि 600 एकड़ में शहरी सुविधाएं व बाजार विकसित किए जाएंगे।
दूसरी तरफ अयोध्या में बनने वाले वशिष्ठ कुंज में वाणिज्यिक और आवासीय इकाइयां विकसित की जाएगीं। अयोध्या के सोहावल तहसील के फिरोजपुर उपहरार में बनने वाले वशिष्ठ कुंज में उच्च, मध्यम व दुर्बल आय वर्ग के लोगों के लिए भूखंडों का आवंटन होगा। इसके साथ ही वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए भी भूखंडों का आवंटन किया जाएगा। इस योजना के लिए 70 एकड़ जमीन किसानों से ली जाएगी। इसके लिए प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा जा चुका है।