UP Rain: मॉनसून के आखिरी चरण में जहां उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिलों में भारी बारिश से हालात बिगड़े हैं वहीं किसानों के चेहरों पर रौनक नजर आने लगी है। धान के पकने के समय हो रही जोरदार बारिश से अच्छी फसल की उम्मीद बंधी है। वहीं गन्ने के लिए भी इस समय की बारिश मुफीद मानी जा रही है।
कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सितंबर की अच्छी बारिश गन्ना और धान दोनों फसलों के लिए महत्वपूर्ण है और बीते तीन दिनों में सबसे ज्यादा पानी उन्हीं जिलों में बरसा है जहां इसकी खेती होती है। उनका कहना है कि मॉनसून के देर से आने के बाद भी जुलाई में और अब सितंबर में हुई बारिश ने धान की अच्छी पैदावार होने की उम्मीदें जगा दी हैं। प्रदेश में इस बार सामान्य से महज 11 फीसदी ही कम पानी बरसा है जो कि खेती के लिए खराब नहीं है।
उत्तर प्रदेश में इस बार धान की बोआई लक्ष्य से अधिक हुई है। इसका बड़ा कारण जुलाई के पहले दो हफ्तों में हुई अच्छी बारिश को माना जा रहा है। वहीं पछैती किस्म की धान बोने वालों को अगस्त में होने वाली बारिश का सहारा मिल गया। प्रदेश में इस बार 102.05 लाख हेक्टेयर धान बोआई का लक्ष्य रखा गया था जबकि वास्तविक बोआई का रकबा 102.21 लाख हेक्टेयर रहा है। इस तरह लक्ष्य का 102 फीसदी धान की बोआई हुई है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में कालानमक चावल की खेती वाले जिलों बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, महराजगंज, गोंडा और बलरामपुर में बीते कुछ दिनों में भारी बारिश हुई है जिससे फसल अच्छी होने की संभावना है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि कालानमक चावल को पानी की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है और खासकर पकने के समय पर पानी खेतों में सोना बनकर बरसा है। उनका कहना है कि सब्जियों को छोड़ कर सभी फसलों के लिए इस समय की बारिश अच्छी है।
बीते कुछ दिनों से हो रही बारिश से सब्जियों की फसल जरूर बर्बाद हुई है। सोनभद्र, मिर्जापुर में टमाटर की खेती वाले इलाकों में जोरदार बारिश के बाद फसल के सड़ने का खतरा मंडराने लगा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि आलू बोआई अगले महीने से शुरू होगी और इस हालात में अभी की बारिश के चलते खेतों में नमी बनी रहेगी जो फसल के लिए अच्छा है।
हालांकि तीन दिनों से हो रही बारिश से प्रदेश के 8 जिलों में बाढ़ के हालात भी पैदा हुए हैं और इससे 10,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। प्रदेश में बीते 36 घंटों में तूफान और बारिश से 21 लोगों की मौत हुई है।
आगरा, मथुरा, झांसी और जालौन में भारी बारिश ने हालात बिगाड़े हैं। आगरा में ताज कैंपस में पानी भर गया है वहीं ललितपुर और जालौन में नदी-नाले उफान पर हैं। बारिश के चलते फर्रुखाबाद, एटा, पीलीभीत, जालौन, आगरा, कानपुर और अलीगढ़ में स्कूलों में छुट्टी कर दी गयी। गुरूवार को प्रदेश के 75 में से 72 जिलों में बारिश हुई है जिनमें हाथरस में सबसे ज्यादा 185 मिलीमीटर रही है।