facebookmetapixel
दीवाली पर यात्री वाहनों की बिक्री का रिकॉर्ड: मारुति, टाटा और ह्युंडै की बिक्री में 30% तक उछालEditorial: पराली जलाने की समस्या का स्थायी समाधान जरूरीकाबू में महंगाई, लेकिन कीमत चुकानी पड़ी: भारत की ‘इन्फ्लेशन जीत’ की छिपी कीमतनिजी पूंजीगत व्यय सुस्त, वेतन वृद्धि की कमी से मांग को नहीं मिल रहा सहारासंवत 2082 में सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट पर करें खरीदारी, तेज उतार-चढ़ाव में सतर्क रहने की सलाहCore sector growth: 8 बुनियादी उद्योगों की सितंबर में वृद्धि दर 3% रही, 3 महीने के निचले स्तर पर आईDiwali 2025 Sales: दिवाली पर बना नया कीर्तिमान, बिक्री ₹6.05 लाख करोड़ तक पहुंची, बाजार में “वोकल फॉर लोकल” की गूंजRBI की स्टडी में बड़ा खुलासा: तेज लिस्टिंग गेन के बाद गिर रहे हैं SME IPOs, SEBI लाएगी नए नियमअमेरिका के 40% ट्रांस-शिपमेंट टैरिफ से भारत-आसियान पर असर, सेमीकंडक्टर समेत इन सेक्टर्स की बढ़ेंगी मुश्किलें: मूडीजTata Trust: वेणु श्रीनिवासन आजीवन ट्रस्टी बने, मेहली मिस्त्री पर नजर

Heatwave: भीषण लू से देश बेहाल, स्वास्थ्य के साथ-साथ आ​र्थिक संकट का भी खतरा

पूरा देश इस समय इतिहास में सबसे तीव्र लू की चपेट में है। कई उत्तरी राज्यों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया जा रहा है।

Last Updated- June 11, 2025 | 10:19 PM IST
Weather: Hot Summer day in Delhi

पूरा देश इस समय इतिहास में सबसे तीव्र लू की चपेट में है। कई उत्तरी राज्यों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया जा रहा है। दिल्ली, लखनऊ और राजस्थान के कुछ शहरों में सबसे ज्यादा गर्मी पड़ रही है। दिल्ली समेत कई नगरों में तो बढ़ते तापमान के कारण रेड अलर्ट तक जारी किया गया है। कई जगह स्वास्थ्य चिंताएं पैदा हो गई हैं और एहतियाती उपाय के तौर पर स्कूल बंद कर दिए गए हैं। ऐसे हालात उस समय बने हैं जब इससे पहला साल यानी 2024 भी विश्व स्तर पर अब तक का सबसे गर्म वर्ष घोषित किया गया था।

जलवायु परिवर्तन का आ​र्थिक प्रभाव भी उतना ही खतरनाक है। लगातार बढ़ती गर्मी के कारण वर्ष 2030 तक वैश्विक स्तर पर अनुमानित तौर पर लगभग 8 करोड़ नौकरियां जा सकती हैं। इनमें अकेले भारत से ही 3.4 करोड़ नौकरीपेशा प्रभावित हो सकते हैं।

बेतहाशा गर्मी की वजह से काम के घंटे बुरी तरह प्रभावित होते हैं। इसका सीधा असर जीडीपी पर दिखता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार, गर्मी और उमस से श्रम घंटे कम होने के कारण इस दशक के अंत तक देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को 4.5% तक का नुकसान झेलना पड़ सकता है।

देश में पिछले कुछ वर्षों से हीटवेव यानी भीषण लू के दिनों में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है। इस साल, जम्मू-कश्मीर जैसे आम तौर पर ठंडे क्षेत्रों में भी मई में छह दिन भीषण लू वाले दर्ज किए गए। भीषण लू की घटनाओं में वृद्धि का मानवीय जीवन पर बहुत ही विनाशकारी प्रभाव देखने को मिला है। वर्ष 2014 और 2022 के बीच हजारों लोगों ने हीट स्ट्रोक के कारण अपनी जान गंवाई है। इससे सबसे अ​धिक 1,908 मौतें 2015 में दर्ज की गईं। यही नहीं, मौसम विशेषज्ञों और एजेंसियों के अनुसार भारत में तीव्र लू के दिनों में 2030 से 2040 तक तेजी से वृद्धि होने का अनुमान है।

First Published - June 11, 2025 | 10:19 PM IST

संबंधित पोस्ट