केंद्र सरकार ने रविवार को कहा कि केरल में फैल रहा अफ्रीकन स्वाइन फ्लू (एएसएफ) जूनोटिक नहीं है और यह इंसानों में नहीं फैल सकता है। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि केरल के त्रिशूर जिले में 310 से ज्यादा सुअरों को मार दिया गया है, जहां इस बीमारी के बारे में सबसे पहले जानकारी मिली थी।
सरकार ने कहा कि फिलहाल एएसएफ के लिए कोई टीकाकरण उपलब्ध नहीं है। सरकार ने कहा कि भारत में पहली बार साल 2020 में असम और अरुणाचल प्रदेश में एएसएफ के बारे में जानकारी मिली थी और तब से यह बीमारी देश के 24 राज्यों तक फैल गई है।
केंद्रीय पशुपालन मंत्रालय ने साल 2020 में एएसएफ के रोकथाम के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना तैयार की है। मंत्रालय ने कहा कि जहां तक अभी के प्रकोप का सवाल है राज्य के पशुपालन विभाग द्वारा त्वरित प्रतिक्रिया दलों को तैनात किया गया और 5 जुलाई को एक किलोमीटर के दायरे में सुअरों का मारा गया।
मंत्रालय ने कहा कि केरल के त्रिशूर जिले की नौ पंचायतों और एक नगर निगम में 36 फार्म हैं, जहां करीब 4,100 सुअर रहते हैं। इन इलाकों की अभी सख्त निगरानी की जा रही है और अधिकारियों को भी जानवरों की निगरानी करने का सख्त निर्देश दिया गया है।
कार्य योजना के अनुसार सुअरों को मारा गया और फिर उन्हें गहरे गड्ढे में दफनाया गया। जूनोटिक बीमारी के बारे में मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि जूनोज एक संक्रामक बीमारी है, जो जानवरों से इंसानों में फैल सकती है।
रेबीज, एंथ्रेक्स, इन्फ्लुएंजा (एच1एन1 और एच5एन1), निपाह, कोविड-19, ब्रुसेलोसिस और तपेदिक जैसी बीमारियां इसमें शामिल हैं। ये बीमारियां बैक्टीरिया, वायरस, पैरासाइट्स और फंजी जैसे रोगजनकों के कारण होते हैं।
मगर जानवरों की सभी बीमारियां जूनोटिक नहीं होती हैं। अधिकतर बीमारियां जानवरों को प्रभावित करती हैं, लेकिन इंसानों के स्वास्थ्य पर इसका कोई असर नहीं होता है। गैर जूनोटिक बीमारियां प्रजाति खास होती हैं और ये इंसानों को संक्रमित नहीं करती हैं। उदाहरण के लिए मुंह एवं पैर संबंधी बीमारियां, लंपी स्किन रोग, क्लासिकल स्वाइन फीवर और रानीखेत बीमारी जूनोटिक बीमारियां होती हैं और ये इंसानों में नहीं फैलती है।
आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य रणनीतियों के प्रभावी उपायों और जानवरों के प्रति अनावश्यक भय और आतंक को रोकने के लिए यह समझना जरूरी है कि कौन सी बीमारियां जूनोटिक होती हैं।’
53.6 करोड़ मवेशियों और 85.1 करोड़ पोल्ट्री के साथ कहा जाता है कि भारत में मवेशियों की सर्वाधिक आबादी है, जो दुनियाभर के मवेशियों और पोल्ट्री की आबादी का क्रमशः 11 और 18 फीसदी है। बयान में कहा गया है कि साथ ही भारत विश्वभर में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक और अंडे का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है।