एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) ने गुरुवार को लगभग 19 साल बाद भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग (sovereign credit rating) को बढ़ाकर ‘BBB’ कर दिया है और इसके साथ स्टेबल आउटलुक दिया है। एजेंसी ने इसके पीछे मजबूत आर्थिक वृद्धि, फिस्कल कंसोलिडेशन के लिए राजनीतिक प्रतिबद्धता और महंगाई पर नियंत्रण के लिए ‘अनुकूल’ मौद्रिक नीति को कारण बताया है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा, “भारत दुनिया की सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है। पिछले पांच-छह वर्षों में सरकारी खर्च की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।”
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एसएंडपी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव “प्रबंधनीय” होगा, और अमेरिकी निर्यात पर 50% टैरिफ (यदि लगाया जाता है) से विकास में कोई “महत्वपूर्ण बाधा” नहीं आएगी। भारत व्यापार पर अपेक्षाकृत कम निर्भर है और इसकी आर्थिक वृद्धि का लगभग 60% हिस्सा घरेलू खपत से आता है।
अमेरिकी एजेंसी द्वारा रेटिंग में यह सुधार अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा भारत को “मृत अर्थव्यवस्था” करार दिए जाने के कुछ दिनों बाद आया है। ट्रंप ने 27 अगस्त से भारतीय वस्तुओं पर सबसे ज्यादा 50% टैरिफ लगाया है।
रेटिंग में सुधार से भारतीय कंपनियों के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजारों से कर्ज लेने की लागत कम होगी। एसएंडपी ने जनवरी 2007 में भारत को सबसे निचले निवेश ग्रेड ‘BBB-’ पर रखा था। यह किसी वैश्विक रेटिंग एजेंसी द्वारा किया गया पहला अपग्रेड है, जिसने भारत को सबसे निचले निवेश ग्रेड से एक पायदान ऊपर रखा है।
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‘BBB’ निवेश ग्रेड रेटिंग है और यह दर्शाता है कि देश के पास अपने कर्ज दायित्वों को आसानी से पूरा करने की क्षमता में सुधार हुआ है। पिछले साल मई में एसएंडपी ने भारत की क्रेडिट रेटिंग का आउटलुक ‘स्टेबल’ से बदलकर ‘पॉजिटिव’ कर दिया था और संकेत दिया था कि अगले 24 महीनों में रेटिंग अपग्रेड हो सकती है।
इंडियाबॉन्डस डॉटकॉम के फाउंडर विशाल गोयनका ने कहा, “एसएंडपी द्वारा भारत की रेटिंग को अपग्रेड कर ‘BBB’ और स्टेबल आउटलुक देने के बाद सरकारी बॉन्ड बाजार में तेजी देखी जा रही है। क्योंकि इससे बॉन्ड बाजारों में विदेशी और FPI निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
हाई क्रेडिट रेटिंग से व्यवस्थित रूप से देश में अधिक निवेश आता है, क्योंकि जोखिम के हिसाब से रिटर्न बेहतर होते हैं। हमें उम्मीद है कि उभरते बाजारों के अनुकूल एसेट एलोकेशन के लिए भारत ग्लोबल स्पॉटलाइट में बना रहेगा और शॉर्ट टर्म में बॉन्ड यील्ड में गिरावट आएगी।”
PTI इनपुट के साथ