बिजली चोरी रोकने और राजस्व बढ़ाने के लिए अहम माने जा रहे स्मार्ट मीटर को लगाने का अभियान उत्तर प्रदेश में पटरी से उतर गया है।
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) लगभग एक साल बीतने के बाद भी अब तक प्रदेश की विभिन्न बिजली कंपनियों के क्षेत्रों में Smart Meter लगाने के काम को अंतिम रूप नहीं दे पाया है।
पावर कारपोरेशन की इस देरी के चलते उत्तर प्रदेश को केंद्र की महत्वाकांक्षी रिवैंप्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम(आरडीएसएस) के तहत मिलने वाला धन फंस सकता है। उत्तर प्रदेश में सभी विद्युत वितरण निगमों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने के लिए बीते साल नवंबर में ही टेंडर प्रक्रिया शुरू हुयी थी।
कई रुकावटों के बाद सबसे पहले पश्चिमांचल विद्य़ुत वितरण निगम में इंटेली स्मार्ट को इसी साल अप्रैल के महीने में 67 लाख प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का टेंडर मिला। इसके बाद पूर्वांचल व दक्षिणांचल में भी टेंडर प्रक्रिया बीते ही महीने पूरी की गयी है जहां जीएमआर के पक्ष में 76 लाख स्मार्टमीटर लगाने का टेंडर खुला है।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के लिए अभी टेंडर प्रक्रिया पूरा किया जाना बाकी है। मध्यांचल में जहां 79 लाख स्मार्ट मीटर लगने हैं वहां एक बार टेंडर रद्द किए जा चुके हैं। बाद में यहां पूरे क्षेत्र को तीन भागों में बांट कर टेंडर निकाले गए पर अभी तक प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी है। अभी तक पश्चिमांचल में जहा टेंडर प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है पावर कारपोरेशन ने जरूरी औपचारिकताएं पूरी नहीं की है। इसके चलते अभी तक पश्चिमांचल में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू नहीं हो सका है।
गौरतलब है कि इस योजना के तहत प्रदेश में प्रीपेड Smart Meter लगने है। इसी साल मार्च में योगी सरकार ने दावा किया था कि आरडीएसएस के चलते जल्द ही पूरे प्रदेश को 24 घंटे बिजली की आपूर्ति संभव हो सकेगी और राजस्व बढ़ेगा।
विधानसभा के मॉनसून सत्र में बीते सप्ताह बिजली से संबंधित एक सवाल का जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि प्रदेश में 11.97 लाख स्मार्ट मीटर लग चुके हैं।
प्रदेश सरकार ने हाल ही में खुद विधानसभा में माना है कि 42 लाख उपभोक्ताओं ने अपना पहला बिजली का बिल ही नहीं भरा है जबकि 33 लाख लोग इस्तेमाल तो करते हैं पर कोई भुगतान नहीं करते हैं। हालांकि 11.97 लाख स्मार्ट मीटर भी पुरानी केंद्रीय योजना के तहत लगे हैं।
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बिजली वितरण कंपनियों की वित्तीय व परिचालन क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से बीते साल केंद्र सरकार की ओर से लायी गयी आरडीएसएस के तहत इंसेंटिव लिंक्ड स्मार्ट मीटरिंग कार्यक्रम अभी तक उत्तर प्रदेश में शुरू भी नहीं हो सका है।