facebookmetapixel
Cabinet Decisions: असम में NH-715 के कलियाबोर-नुमालीगढ़ खंड को चौड़ा करने को मिली मंजूरी, खर्च होंगे ₹6,957 करोड़अमेरिकी सरकार का शटडाउन: वीजा और प्रवासन आवेदकों पर असरअगली पॉलिसी में RBI सस्ता कर सकता है कर्ज! एनॉलिस्ट का अनुमान- आगे 25-75 bps घट सकती हैं ब्याज दरेंGST रेट कट का दिखा असर, सितंबर में कलेक्शन 9% बढ़कर ₹1.89 लाख करोड़ के पार निकलाRabi Crops MSP Hike: किसानों को दिवाली तोहफा! सरकार ने रबी फसलों की MSP बढ़ाई, गेहूं पर ₹160/ क्विंटल का इजाफासाल दर साल 27% गिरी टेक हायरिंग, भारत में IT और इंजीनियरिंग नौकरियों की मांग धीमीCabinet Decisions: दलहन आत्म​निर्भरता मिशन को मंजूरी, ₹11,400 करोड़ खर्च से 2 करोड़ किसानों को होगा लाभUPI ट्रांजेक्शन पर कोई फीस नहीं, EMI चूकने पर फोन डिजिटल तरीके से हो सकता है लॉक!DA hike: सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को दिवाली गिफ्ट! सरकार ने 3% बढ़ाया महंगाई भत्ताLG Electronics India IPO: 7 अक्टूबर से खुलेगा आईपीओ, प्राइस बैंड ₹1080-₹1140; ग्रे मार्केट में अभी से हलचल

Smart Meters In UP: स्मार्ट मीटर को लगाने का अभियान पटरी से उतरा

UPPCL लगभग एक साल बीतने के बाद भी अब तक प्रदेश की विभिन्न बिजली कंपनियों के क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर लगाने के काम को अंतिम रूप नहीं दे पाया है।

Last Updated- August 16, 2023 | 1:19 PM IST
Demand for smart prepaid meters increases in UP, relief to consumers on electricity bills यूपी में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की मांग बढ़ी, बिजली बिल पर उपभोक्ताओं को राहत

बिजली चोरी रोकने और राजस्व बढ़ाने के लिए अहम माने जा रहे स्मार्ट मीटर को लगाने का अभियान उत्तर प्रदेश में पटरी से उतर गया है।

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) लगभग एक साल बीतने के बाद भी अब तक प्रदेश की विभिन्न बिजली कंपनियों के क्षेत्रों में Smart Meter लगाने के काम को अंतिम रूप नहीं दे पाया है।

पावर कारपोरेशन की इस देरी के चलते उत्तर प्रदेश को केंद्र की महत्वाकांक्षी रिवैंप्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम(आरडीएसएस) के तहत मिलने वाला धन फंस सकता है। उत्तर प्रदेश में सभी विद्युत वितरण निगमों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने के लिए बीते साल नवंबर में ही टेंडर प्रक्रिया शुरू हुयी थी।

कई रुकावटों के बाद सबसे पहले पश्चिमांचल विद्य़ुत वितरण निगम में इंटेली स्मार्ट को इसी साल अप्रैल के महीने में 67 लाख प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का टेंडर मिला। इसके बाद पूर्वांचल व दक्षिणांचल में भी टेंडर प्रक्रिया बीते ही महीने पूरी की गयी है जहां जीएमआर के पक्ष में 76 लाख स्मार्टमीटर लगाने का टेंडर खुला है।

Also Read: Prayagraj Mahakumbh: महाकुंभ 2025 की तैयारी में लगी उत्तर प्रदेश सरकार, 5000 विशेष आवासों के लिए निजी फर्म के साथ मिलाया हाथ

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के लिए अभी टेंडर प्रक्रिया पूरा किया जाना बाकी है। मध्यांचल में जहां 79 लाख स्मार्ट मीटर लगने हैं वहां एक बार टेंडर रद्द किए जा चुके हैं। बाद में यहां पूरे क्षेत्र को तीन भागों में बांट कर टेंडर निकाले गए पर अभी तक प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी है। अभी तक पश्चिमांचल में जहा टेंडर प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है पावर कारपोरेशन ने जरूरी औपचारिकताएं पूरी नहीं की है। इसके चलते अभी तक पश्चिमांचल में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू नहीं हो सका है।

गौरतलब है कि इस योजना के तहत प्रदेश में प्रीपेड Smart Meter लगने है। इसी साल मार्च में योगी सरकार ने दावा किया था कि आरडीएसएस के चलते जल्द ही पूरे प्रदेश को 24 घंटे बिजली की आपूर्ति संभव हो सकेगी और राजस्व बढ़ेगा।

विधानसभा के मॉनसून सत्र में बीते सप्ताह बिजली से संबंधित एक सवाल का जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि प्रदेश में 11.97 लाख स्मार्ट मीटर लग चुके हैं।

प्रदेश सरकार ने हाल ही में खुद विधानसभा में माना है कि 42 लाख उपभोक्ताओं ने अपना पहला बिजली का बिल ही नहीं भरा है जबकि 33 लाख लोग इस्तेमाल तो करते हैं पर कोई भुगतान नहीं करते हैं। हालांकि 11.97 लाख स्मार्ट मीटर भी पुरानी केंद्रीय योजना के तहत लगे हैं।

Also Read: योगी सरकार का बड़ा फैसला! अब सभी गांवों में मिलेगी Free Wi-Fi की सुविधा

बिजली वितरण कंपनियों की वित्तीय व परिचालन क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से बीते साल केंद्र सरकार की ओर से लायी गयी आरडीएसएस के तहत इंसेंटिव लिंक्ड स्मार्ट मीटरिंग कार्यक्रम अभी तक उत्तर प्रदेश में शुरू भी नहीं हो सका है।

First Published - August 16, 2023 | 1:19 PM IST

संबंधित पोस्ट