भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता विजय कुमार मल्होत्रा अपने जीवन के उत्तरार्द्ध में एक खेल प्रशासक और उस व्यक्ति के तौर पर अधिक याद किए जाते रहे जिन्होंने 1999 के लोक सभा चुनाव में दक्षिण दिल्ली सीट से मनमोहन सिंह को हराया था। मल्होत्रा का मंगलवार को 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 1999 का यह चुनाव मल्होत्रा और मनमोहन सिंह दोनों के लिए महत्त्वपूर्ण था। राज्यसभा में पांच साल बिताने के बाद मल्होत्रा फिर से लोकसभा में वापसी करना चाह रहे थे। सिंह के लिए, यह चुनावी राजनीति में उनका पहला और एकमात्र प्रयास था। मल्होत्रा ने सिंह को 29,999 मतों के अंतर से हराया और भाजपा ने दिल्ली की सभी सात लोक सभा सीटें जीतीं।
सिंह, पांच साल बाद देश के प्रधानमंत्री बने लेकिन उन्होंने फिर कभी लोक सभा चुनाव नहीं लड़ा। वर्ष 2004 के लोकसभा चुनावों में मल्होत्रा एकमात्र भाजपा उम्मीदवार थे जिन्होंने अपनी सीट बरकरार रखी जबकि कांग्रेस ने दिल्ली की बाकी छह सीटें जीतीं। यह दिल्ली में भाजपा के दिग्गज नेता माने जाने वाले मल्होत्रा का अंतिम लोकसभा चुनाव था।
मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमले के कुछ दिनों बाद हुए वर्ष 2008 के दिल्ली विधान सभा चुनावों में, मल्होत्रा कांग्रेस की शीला दीक्षित के खिलाफ भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार थे, लेकिन कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की। इसके बाद मल्होत्रा ने दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में कार्य करने के लिए अपनी लोकसभा सीट छोड़ दी।
मल्होत्रा ने दिल्ली विश्वविद्यालय के पीजीडीएवी कॉलेज में 36 साल तक वरिष्ठ लेक्चरर और रीडर के रूप में पढ़ाया। सुरेश कलमाडी को 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों के भ्रष्टाचार घोटाले में गिरफ्तार किए जाने के बाद, मल्होत्रा ने 26 अप्रैल 2011 से 5 दिसंबर 2012 तक, भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) के कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में काम किया। वह 1974 में तेहरान एशियाई खेलों के दौरान भारतीय दल के प्रमुख भी थे। मल्होत्रा ने भारतीय तीरंदाजी को बहुत बढ़ावा दिया। वह भारतीय तीरंदाजी संघ के संस्थापक थे और वह 1973 से 2015 तक, 40 वर्षों से अधिक समय तक राष्ट्रीय महासंघ के अध्यक्ष रहे।
सोमवार शाम को मल्होत्रा के निधन से कुछ घंटे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा की दिल्ली राज्य इकाई के नए कार्यालय का उद्घाटन किया, जहां उन्होंने भारतीय जनसंघ को दिल्ली की राजनीति में एक शक्ति बनाने में मल्होत्रा के योगदान को याद किया। मल्होत्रा का जन्म 3 दिसंबर, 1931 को लाहौर में हुआ था और उनका परिवार विभाजन के दौरान दिल्ली आ गया था। उस दौरान उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर शरणार्थियों के बीच काम किया जो बाद के वर्षों में भारतीय जनसंघ के लिए मूल समर्थन का आधार बना। वह दो बार (1958-67) दिल्ली नगर निगम के सदस्य रहे। वर्ष 1967 से 1972 तक वह दिल्ली प्रशासन के मुख्य कार्यकारी पार्षद थे जो प्रोटोकॉल में मुख्यमंत्री के पद के बराबर था।
मल्होत्रा की लोकसभा प्रोफाइल के मुताबिक जम्मू – कश्मीर को भारत का अहम हिस्सा बनाने जाने की मांग को लेकर किए गए विरोध प्रदर्शन में उन्हें 1953 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी और एन सी चटर्जी के साथ गिरफ्तार किया गया था और उन्होंने छह महीने जेल में बिताए थे। 1966 में वह गाय सुरक्षा अभियान के दौरान हुई पुलिस की गोलीबारी में वह बाल-बाल बचे थे और उन्हें एक पखवाड़े के लिए जेल में रखा गया था।
आपातकाल के दौरान उन्होंने 19 महीने जेल में बिताए। वर्ष 1977 में उन्होंने दक्षिण दिल्ली से अपना पहला लोकसभा चुनाव जीता। वह 1970 के दशक में भारतीय जनसंघ की दिल्ली इकाई के प्रमुख रहे और वर्ष 1977 से 1980 तक जनता पार्टी दिल्ली इकाई के प्रमुख भी रहे जब भारतीय जनसंघ का इसमें विलय हो गया था।