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प्रधानमंत्री मोदी का वादा: तीसरे कार्यकाल में तिगुनी मेहनत और परिणाम

प्रधानमंत्री ने कहा- सबको साथ लेकर चलेगी सरकार, नखरे, नाटक, नारेबाजी और हल्ले की जगह ठोस काम करे विपक्ष

Last Updated- June 24, 2024 | 10:53 PM IST
प्रधानमंत्री मोदी का वादा: तीसरे कार्यकाल में तिगुनी मेहनत और परिणाम, Prime Minister Modi's promise: Triple hard work and results in the third term

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18वीं लोक सभा की शुरुआत के अवसर पर सोमवार को कहा कि अपने तीसरे कार्यकाल में उनकी सरकार पहले से तीन गुना ज्यादा मेहनत करेगी और परिणाम भी तीन गुना लाकर रहेगी। उन्होंने साल 2047 तक ‘श्रेष्ठ और विकसित’ भारत का लक्ष्य हासिल करने का संकल्प दोहराया और साथ ही आपातकाल को याद करते हुए देशवासियों को इसकी 50वीं वर्षगांठ पर यह संकल्प लेने का आग्रह किया कि भारत में फिर कभी कोई यह हिम्मत नहीं कर सके।

प्रधानमंत्री ने विपक्ष को नसीहत देते हुए कहा कि देश की जनता विपक्ष से ‘नखरे, ड्रामा, नारेबाजी और व्यवधान’ की जगह ‘ठोस काम’ और संसद की गरिमा बनाए रखने की उम्मीद करती है। एक अच्छे और जिम्मेदार विपक्ष की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि 140 करोड़ देशवासियों की आशाओं व आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उनकी सरकार हर किसी की सहमति के साथ और हर किसी को साथ लेकर चलने का निरंतर प्रयास करेगी।

प्रधानमंत्री का यह बयान इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि विपक्षी दलों ने कार्यवाहक अध्यक्ष की नियुक्ति के मुद्दे पर सरकार की आलोचना की है और संकेत दिए है कि पेपर लीक सहित अन्य मुद्दों पर सरकार को कठघरे में खड़ा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि कि सरकार चलाने के लिए बहुमत होता है, लेकिन देश चलाने के लिए सहमति बहुत जरूरी होती है।

आपातकाल को याद करते हुए मोदी ने कहा कि जो लोग संविधान की गरिमा के प्रति समर्पित हैं और लोकतांत्रिक परंपराओं में निष्ठा रखते हैं, उनके लिए 25 जून न भूलने वाला दिन है। उन्होंने कहा, ‘कल 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर जो काला धब्बा लगा था, उसके 50 वर्ष हो रहे हैं। भारत की नई पीढ़ी इस बात को कभी नहीं भूलेगी कि भारत के संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था। संविधान को समाप्त कर दिया गया था। देश को जेलखाना बना दिया गया था, लोकतंत्र को पूरी तरह दबोच लिया गया था।’
मोदी ने कहा कि आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर देशवासी संकल्प लेंगे कि भारत में फिर कभी कोई ऐसी हिम्मत नहीं करेगा।

अठारहवीं लोक सभा के पहले सत्र की शुरुआत सोमवार को हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनकी मंत्रिपरिषद के सदस्यों के साथ ही अन्य नवनिर्वाचित सदस्यों ने सदन के सदस्य के रूप में शपथ ली। कार्यवाहक अध्यक्ष भर्तृहरि महताब ने सदन की कार्यवाही का संचालन किया और सदस्यों को शपथ दिलाई।

सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले महताब ने राष्ट्रपति भवन में सदन के सदस्य और कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में शपथ ली थी। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ दिलाई। कार्यवाही शुरू होते ही सदन के नेता होने के नाते मोदी ने सबसे पहले शपथ ली। इस दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने ‘मोदी मोदी’ और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए।

प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण करते समय कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्षी सदस्य अपने स्थानों पर संविधान की प्रति लेकर खड़े थे। जब गृह मंत्री अमित शाह शपथ लेने आए तब भी विपक्षी सदस्यों ने संविधान की प्रति अपने हाथ में ले रखी थी, हालांकि इस दौरान वे अपने स्थानों पर बैठे हुए थे।

शपथ ग्रहण के क्रम में कैबिनेट मंत्रियों राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल, एच डी कुमारस्वामी, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, जीतन राम माझी और राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह समेत अन्य ने सदन की सदस्यता ग्रहण की। अन्य कैबिनेट मंत्रियों, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्य मंत्रियों ने भी लोक सभा सदस्य के रूप में शपथ ली। लोक सभा के नवनिर्वाचित सदस्यों ने सोमवार को जब शपथ ली तो भारत की भाषाई विविधता की झलक देखने को मिली।

अधिकतर सदस्यों ने हिंदी में शपथ ली तो कई सदस्यों ने संस्कृत, असमिया, मैथिली, तेलुगू, कन्नड, मलयालम तथा पंजाबी एवं अन्य भारतीय भाषाओं में शपथ ग्रहण की। 18वीं लोक सभा की पहली बैठक में अनेक सदस्यों को एक-दूसरे का अभिवादन करते और गले मिलते हुए देखा गया। (साथ में एजेंसियां)

First Published - June 24, 2024 | 10:53 PM IST

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