केंद्र सरकार ने पोषक आधारित उर्वरक सब्सिडी (NBS) व्यवस्था के अंतर्गत अप्रैल से सितंबर 2023 तक की सब्सिडी की घोषणा की थी और जनवरी से मार्च 2023 तक की सब्सिडी को संशोधित भी किया था।
नवीनतम अधिसूचना के अंतर्गत नाइट्रोजन की प्रति किलोग्राम सब्सिडी में जनवरी से मार्च 2023 की तुलना में अप्रैल से सितंबर 2023 में 81 फीसदी की अत्यधिक गिरावट हुई। इसका प्रमुख कारण यह है कि वैश्विक और घरेलू स्तर पर यूरिया के दाम में तेजी से गिरावट हुई है। हालांकि फास्फोरस के मामले में गिरावट कम है जबकि पोटैशियम और सल्फर के मामले में प्रति किलोग्राम क्रमश 61 और 16 फीसदी की गिरावट है।
ICRA की रिपोर्ट के मुताबिक कैबिनेट के फैसले के बाद ‘पीऐंडके’ (फास्फोरस और पोटैशियम) उर्वरकों में खरीफ सत्र के लिए सब्सिडी 38,000 करोड़ रुपये थी जबकि पूरे साल के लिए बजटीय आबंटन 44,000 करोड़ है। इसके अलावा सरकार ने खरीफ सत्र के लिए 70,000 करोड़ रुपये की यूरिया सब्सिडी को मंजूरी दे दी है जबकि इसका पूरे साल का बजट आबंटन 1,31,000 करोड़ रुपये था।
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लिहाजा पूरे साल के लिए बजटीय आवंटन 1,75,000 करोड़ रुपये की तुलना में खरीफ सत्र के लिए कुल सब्सिडी 1,08,000 करोड़ रुपये हुई। मंत्रालय को लगता है कि पूरे साल के लिए सब्सिडी 2,00,000 से 2,25,000 करोड़ रुपये रहेगी।