मौसम विभाग ने आज जारी अपने दूसरे पूर्वानुमान में कहा है कि पश्चिमोत्तर भारत के अधिकतर हिस्सों में इस साल जून से सितंबर के दौरान बारिश सामान्य से कम रहने के आसार हैं। विभाग ने यह भी कहा है कि बारिश पर निर्भर प्रमुख क्षेत्रों के साथ-साथ देश के शेष हिस्सों में मॉनसून सामान्य रहेगा। पश्चिमोत्तर भारत में अनाज का कटोरा कहलाने वाले पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य आते हैं। इसलिए देखना होगा कि इस क्षेत्र में कम वर्षा का कृषि उत्पादन पर कितना असर पड़ता है। इस क्षेत्र के अधिकतर हिस्से सिंचाई पर निर्भर हैं।
मौसम विभाग ने अप्रैल में जारी अपना पूर्वानुमान दोहराते हुए कहा है कि कुल मिलाकर इस साल मॉनसून सीजन में बारिश दीर्घावधि औसत (एलपीए) के 96 फीसदी पर सामान्य रहेगी। बारिश पूर्वानुमान से 4 फीसदी कम या ज्यादा रह सकती है। साल 1971 से 2020 के बीच जून से सितंबर की अवधि में बारिश का एलपीए 87 सेंटीमीटर है। मौसम विभाग ने जून से सितंबर के दौरान सामान्य बारिश की संभावना को बढ़ाकर 43 फीसदी कर दिया है और सामान्य से अधिक बारिश की संभावना 11 फीसदी है। इसी प्रकार सामान्य से कम बारिश की संभावना 25 फीसदी और कम बारिश की संभावना 20 फीसदी है।
विभाग ने अप्रैल में जारी अपने पूर्वानुमान में कहा था कि सामान्य बारिश की संभावना 35 फीसदी है। विभाग ने यह भी कहा कि ‘मॉनसून अभिसरण क्षेत्र’ या भारत के वर्षा क्षेत्रों में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून एलपीए का 96 से 106 फीसदी यानी सामान्य रहने की उम्मीद है। नीति निर्माताओं और किसानों के लिए यह राहत की खबर है क्योंकि इस क्षेत्र में खरीफ सीजन के दौरान बड़ी मात्रा में दलहन और तिलहन की खेती होती है।
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मौसम विभाग के वैज्ञानिक डीएस पई ने कहा, ‘दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के अधिकांश हिस्सों, पूर्वी मध्य भारत के कुछ हिस्सों और पूर्वोत्तर एवं सुदूर उत्तर भारत में बारिश सामान्य अथवा सामान्य से अधिक होने के आसार हैं। मगर पश्चिमोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों, पश्चिम मध्य भारत के समीपवर्ती क्षेत्रों, प्राद्वीपीय भारत के उत्तरी हिस्सों और हिमालय के तराई वाले क्षेत्रों में बारिश सामान्य अथवा सामान्य से कम रह सकती है।’विभाग ने कहा है कि 2023 के मॉनसून सीजन में अल नीलो विकसित होने की संभावना 90 फीसदी है। जून में देश भर में बारिश एलपीए के 92 फीसदी पर सामान्य से कम रह सकती है। साल 1971 से 2020 के बीच जून महीने का एलपीए यानी औसत बारिश का आंकड़ा 165.44 मिलीमीटर रहा है।