देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के एक छोर पर वाकई कीचड़ में कमल खिलने जा रहा है। धातु और कांच से बना यह कमल मुंबई महानगरीय क्षेत्र को पूरी दुनिया से मिला देगा। असल में बात हो रही है नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की, जिसकी छत कमल की पंखुड़ियों की शक्ल में बनी है। उम्मीद की जा रही है यह हवाई अड्डा इसी साल चालू हो जाएगा। यह मुंबई का दूसरा हवाई अड्डा होगा और अपनी खूबसूरत डिजाइन से यात्रियों को आकर्षित करेगा।
इस हवाई अड्डे में कमल ही कमल नजर आ रहे हैं। हवाई अड्डे की इमारत में दाखिल होते ही छत के नीचे आपको बड़ा सा आंगन मिलेगा। यह आंगन बिल्कुल तालाब की तरह होगा, जिसमें कमल ही कमल खिले होंगे। इमारत के बाहर आगे के हिस्से में कांच पर ऐसी जाली लगी है, जो कमल की पत्तियों की तरह लगती है। इन जालियों से छनकर आती सूरज की रोशनी छत पर टकराती है और फिर नीचे फर्श पर बिखरती जाती है।
शहर के बीचोबीच स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की डिजाइन भी अनूठी है, जहां ऊपर देखने पर हजारों सफेद मोर यात्रियों के स्वागत में अपने पंख फैलाए नजर आते हैं। इस हवाई अड्डे के टर्मिनल 2 की छतरी में ऐसे ही सजावटी सुराख बने हैं। इस इलाके में फिलहाल यह इकलौता हवाई अड्डा है और 2024 में 5.48 करोड़ मुसाफिर इससे होकर गुजरे थे।
उम्मीद है कि नवी मुंबई हवाई अड्डा बनने पर छत्रपति शिवाजी महाराज हवाई अड्डे पर यात्रियों की भीड़ कम हो जाएगी। नए हवाई अड्डे के पहले चरण में 2 करोड़ यात्री सालाना समेटे जा सकेंगे। इस हवाई अड्डे का उद्घाटन होने के साथ ही मुंबई महानगर क्षेत्र में अनूठी वास्तु शैली वाले दो हवाई अड्डे हो जाएंगे और दोनों ही सिंगापुर के चांगी, पेइचिंग के ताशिंग तथा दोहा के हमाद हवाई अड्डों की तरह मशहूर शाहकार बन जाएंगे।
नवी मुंबई में डिजाइन कमल के ही इर्द-गिर्द घूमती है, जिसका विचार लंदन की जाहा हदीद आर्किटेक्ट्स ने दिया था। इसी कंपनी ने 2014 से 2019 के बीच पेइचिंग का ताशिंग इंटरनैशनल एयरपोर्ट भी डिजाइन किया था। नवी मुंबई इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एनमायल) हवाई अड्डा चालू करने के लिए 18,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। पूरी परियोजना पांच चरणों में पूरी होने की संभावना है। पिछले साल दिसंबर में यात्रियों के बगैर एक विमान उतारकर (वैलिडेशन लैंडिंग) इस हवाई अड्डे पर लगे उपकरणों का परीक्षण किया गया। सुरक्षा का सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए यह जरूरी होता है।
नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम और प्रिसिजन अप्रोच पाथ इंडिकेटर की जांच की। उसके बाद इंस्ट्रूमेंट अप्रोच प्रक्रिया गढ़कर वैलिडेशन फ्लाइट की तैयारी की गई। इससे पहले अक्टूबर में भारतीय वायु सेना का एयरबस सी295 इस हवाई अड्डे पर उतरने वाला पहला विमान बना था।
नवी मुंबई इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड साझा उपक्रम है, जिसमें मुंबई इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एमआईएएल) की 74 फीसदी हिस्सेदारी है और बाकी हिस्सा महाराष्ट्र नगर एवं औद्योगिक विकास निगम का है। एमआईएएल पर भी अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण का संयुक्त स्वामित्व है।