मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में नाबार्ड द्वारा आयोजित ऑर्गेनिक आम महोत्सव में मध्य प्रदेश के स्थानीय आम ‘सुंदरजा’ और आलीराजपुर जिले के भारी भरकम आम ‘नूरजहां’ की धूम है। इस महीने की 12 तारीख तक चलने वाले आम महोत्सव का छठा संस्करण गुरुवार को आरंभ हुआ जहां नाबार्ड की बाड़ी परियोजना के तहत प्रदेश के विभिन्न इलाकों में उत्पादित ऑर्गेनिक आम प्रदर्शन और बिक्री के लिए रखे गये हैं।
सुंदरजा को मिला जीआई टैग
एक जिला एक उत्पाद योजना में चिह्नित रीवा जिले के ‘सुंदरजा’ आम को हाल ही में जियोग्राफिल इंडिकेशन टैग (जीआई टैग) प्राप्त हुआ है जबकि ‘नूरजहां’ अपने आकार (एक आम ढाई से तीन किलो वजन का) के कारण लोगों को लुभा रहा है।
नाबार्ड मध्य प्रदेश के महाप्रबंधक कमर जावेद ने बताया, ‘‘सुंदरजा को जीआई टैग दिलाने की प्रक्रिया नाबार्ड ने ही शुरू की थी। हमने बनारस की संस्था ह्यूमन वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन की सहायता से यह पहल की थी और गत मार्च में प्रदेश के रीवा जिले की आम की इस खास किस्म को जीआई टैग प्रदान किया गया।’’ उन्होंने बताया कि जीआई टैग मिलने के बाद इस आम को बेहतर कीमत और बड़े बाजार मिलने की संभावना भी बढ़ी है।
आकार के कारण प्रसिद्ध है नूरजहां
आलीराजपुर से नूरजहां आम लेकर आए किसान रूमेल बघेल ने बताया कि आलीराजपुर जिले कट्ठीवाड़ा ब्लॉक में नूरजहां आम के केवल तीन वृक्ष हैं जो उनके पास हैं। उन्होंने बताया कि आम की यह अफगानी किस्म अपने पपीते के आकार के बड़े फलों के लिए जानी जाती है। इस किस्म का एक आम तीन किलो तक का होता है। एक आम की कीमत 1,200 रुपये से 1,500 रुपये के बीच होती है।
प्रदर्शनी में इन आमों के अलावा लंगड़ा, चौसा, केसर, दशहरी आदि आम की अन्य किस्में भी रखी गई हैं जिन्हें मध्य प्रदेश में जैविक तरीके से उगाया गया है। ये सभी आम प्राकृतिक तरीके से पकाये गये हैं।
नाबार्ड, मध्य प्रदेश के मुख्य महाप्रबंधक (सीजीएम) सुनील कुमार ने बताया, ‘नाबार्ड ने 2003-04 में जनजातीय विकास कोष की स्थापना की थी। इसके माध्यम से मध्य प्रदेश में अब तक 99 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं जिनसे 77,000 से अधिक आदिवासी परिवार लाभान्वित हुए हैं। इस परियोजना के तहत 73,500 एकड़ भूभाग में विभिन्न प्रकार के उत्पादन कार्य किए जा रहे हैं।’
क्या है जीआई टैग ?
जीआई टैग किसी उत्पाद के एक खास भौगोलिक क्षेत्र की उपज होने का प्रमाण होता है जो उस क्षेत्र के कुछ गुण समेटे होता है। यह टैग बताता है कि संबंधित उत्पाद में एक खास भूभाग में उत्पन्न होने के कारण कुछ खास गुण हैं। यह टैग सुनिश्चित करता है कि संबंधित उत्पाद के लोकप्रिय नाम का इस्तेमाल कोई अन्य न करें।