कुछ बड़ी औद्योगिक परियोजनाएं गुजरात समेत अन्य राज्यों की झोली में जाने के बाद आलोचना का सामना कर रही महाराष्ट्र सरकार दावोस में चल रही विश्व आर्थिक मंच (WEF) से बड़ा निवेश लाने में कामयाब रही।
महाराष्ट्र ने वैश्विक निवेशकों के साथ 1.37 लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे राज्य में एक लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।
महाराष्ट्र में निवेश के लिए निवेशकों को आकर्षित करने दावोस गए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई लौटकर कहा कि यह एमओयू उच्च प्रौद्योगिकी वाली अवसंरचना, अक्षय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, इस्पात निर्माण और कृषि खाद्यान प्रसंस्करण के क्षेत्रों में किए गए हैं। सभी निवेशकों से मैग्नेटिक महाराष्ट्र में निवेश करने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और भारत का प्रभाव दावोस में भी अनुभव किया जा रहा है। अपनी यात्रा को सफल बताते हुए उन्होने कहा कि कुल 1.37 लाख करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। यह संतोषजनक और बड़ी उपलब्धि है। एकल खिड़की भुगतान, पूंजी सब्सिडी, माल एवं सेवा कर (जीएसटी) सब्सिडी से राज्य में भारी निवेश आएगा। महाराष्ट्र में औद्योगिक विकास की भारी संभावनाएं हैं और सरकार संभावित निवेशकों का खुले दिल से स्वागत करती है। सरकार निवेशकों को हर प्रकार का सहयोग प्रदान करेगी।
शिंदे ने कहा कि उच्च प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 54,276 करोड़ रुपये के एमओयू किए गए हैं। इससे 4,300 लोगों को रोजगार मिलेगा।
सूचना प्रौद्योगिकी और वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में 32,414 करोड़ रुपये के समझौते हुए हैं, जिनसे 8,700 लोगों को नौकरी मिलेगी, वहीं नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्रों में 46,000 करोड़ रुपये के समझौते हुए हैं, जिनसे 4,500 लोगों को रोजगार मिलेगा।
इस्पात निर्माण क्षेत्र में 2,200 करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिससे 3,000 लोगों को नौकरी मिलेगी और 1,900 करोड़ रुपये का समझौता कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में हुआ है, जिससे 600 लोगों को रोजगार मिलेगी।
शिंदे ने कहा कि आगामी दो दिनों में और एमओयू पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। एमओयू सिर्फ कागजों पर नहीं रहेंगे और भूमि को चिह्नित करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।