विधानसभा चुनाव घोषित होने के एक दिन बाद महायुति सरकार ने अपने ढाई साल के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड पेश किया। जिसमें पिछली महाविकास आघाड़ी और वर्तमान सरकार के कामकाज की तुलना की गई है। इस चुनाव में सत्ता और विपक्षी दलों के नेताओं के जुबान में महाराष्ट्र से बाहर गई परियोजनाएं, धारावी परियोजना और लाडली बहना योजना सुनाई दे रही है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपनी सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए कहा कि सवा दो साल में कैबिनेट की 60 से 70 बैठक हुई और उसमें 900 फैसले लिए गए। ये संक्षिप्त रिपोर्ट कार्ड है। हमारे कार्यों से एमवीए के नीचे की जमीन खिसक गई है। हमारे भाई-बहन उन्हें मुंहतोड़ जवाब देंगे और आने वाले चुनाव में फिर से महायुति की सरकार बनेगी।
शिंदे ने विपक्षी पर हमला बोलते हुए कहा कि वे कह रहे हैं कि उनकी सरकार बनने पर सभी योजनाएं बंद कर देंगे, जेल में डालेंगे और पोल खोलेंगे। उनकी पोल तो पहले खुल गई है, हमारी लाडली बहनें यह सुनने वाली नहीं हैं। हमने तय किया है कि लाडली बहनों को लखपति बनाएंगे। हमने कोई भी निर्णय व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए नहीं लिया है। ए
मवीए सरकार ने अटल सेतु, मेट्रो कारशेड, बुलेट ट्रेन के काम में स्पीड ब्रेकर लगाए, हमारी सरकार ने स्पीड ब्रेकर हटाने का काम किया। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महायुति सरकार की तरफ से किसानों की बिजली माफ़ करने से लेकर विभिन्न समाज के लिए बनाए गए महामंडल का उल्लेख किया।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सत्तारूढ़ महायुति को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वे पहले से ही प्रेस कांफ्रेंस में बैठे हैं।
फडणवीस ने राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार को चुनाव से पहले विपक्षी एमवीए के सीएम पद का चेहरा पेश करने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि महायुति को मुख्यमंत्री पद के चेहरे की घोषणा करने की जरूरत नहीं है, हमारे मुख्यमंत्री यहां बैठे हैं। मैं पवार साहब को सीएम पद के लिए अपना चेहरा घोषित करने की चुनौती देता हूं।
फडणवीस ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सीएम चेहरे की घोषणा नहीं कर रही है, क्योंकि उन्हें नहीं लगता कि उनका सीएम चुनाव के बाद आ सकता है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि हमें मुख्यमंत्री पद का चेहरा पेश करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हमारा काम ही हमारा चेहरा है। महाविकास आघाड़ी को विपक्ष के नेता का चेहरा तय करना चाहिए। विपक्ष गठबंधन एमवीए की तरफ से शरद पवार पहले ही कह चुके हैं कि चुनाव के बाद मुख्यमंत्री तय किया जाएगा।
कांग्रेस ने महायुति सरकार पर राज्य के हितों का त्याग करने और महाराष्ट्र की परियोजनाओं को गुजरात भेजने का आरोप लगाया। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट करके कहा कि महायुति सरकार इस बात के लिए संदिग्ध रूप से जानी जाएगी कि उन्होंने महाराष्ट्र के हितों का पूरी तरह से त्याग कर दिया है। कांग्रेस और एमवीए अपने पसंदीदा के लिए अलग भूमिका निभाने में विश्वास नहीं करते, पूरे देश के समान विकास में विश्वास करते हैं।
बुनियादी ढांचे की नई परियोजनाएं, विशेष निवेश क्षेत्रों और आधुनिक उद्योग से सभी भारतीय नागरिकों को लाभ होना चाहिए, न कि केवल एक राज्य को। रमेश के अनुसार जब 1970 और 80 के दशक में गुजरात का औद्योगीकरण जारी था, तब अन्य राज्यों से परियोजनाएं छीने बिना गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (जीएसएफसी), गुजरात रिफाइनरी और आईपीसीएल जैसी परियोजनाएं स्थापित की गईं।
आदित्य ठाकरे ने कहा कि महायुति सरकार के तहत राज्य से व्यवसाय और नौकरियां बाहर भेज दी गईं। विपक्ष को जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कहा कि महायुति सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों सहित इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में अच्छा काम किया जा रहा है। विपक्षी दल ही गुजरात के ब्रांड एंबेसेडर हैं।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा लाडली बहन योजना बंद करने के लिए कांग्रेस नेता अदालत गए, लेकिन कुछ नहीं हुआ। विपक्ष की तरफ से केवल नैरेटिव तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है। लाड़ली बहन योजना की सफलता से उनको दिक्कत है, उनको अपच हो रहा है। जवाब में शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि अगर एमवीए सत्ता में लौटती है तो वह मौजूदा महायुति सरकार की लाडकी बहिन योजना और टोल न लेने के फैसले को बरकरार रखेंगे। इतना ही नहीं हम लाडकी बहिन योजना के तहत दी जाने वाली वित्तीय सहायता की राशि बढ़ाएंगे।
कांग्रेस की तरफ से दावा किया कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के जरिए फैसला किया कि बॉलीवुड को मुंबई से दूर स्थानांतरित किया जाना चाहिए। भाजपा के तमाम दबाव के बावजूद, मुंबई में दादा साहब फाल्के के समय के 100 साल से अधिक के इतिहास वाला फिल्म उद्योग कहीं नहीं जा रहा है। जल्द ही महाराष्ट्र के लोग उन लोगों से अपना बदला लेंगे जिन्होंने राज्य के साथ विश्वासघात किया है।
शिवसेना ( उद्धव ठाकरे) की तरफ से कहा गया कि महाविकास आघाडी (एमवीए) की सरकार सत्ता में वापस आयी तो वह बहु-अरब डॉलर की धारावी पुनर्विकास परियोजना की निविदा से परे दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को खत्म कर देगी। धारावी पुनर्विकास परियोजना का क्रियान्वयन कर रहे अदाणी समूह को मुंबई में 1,080 एकड़ जमीन दी जा रही है। चुनाव से पहले मंत्रिमंडल की पिछली कई बैठकों में की गई कई सौगातों की घोषणा की आड़ में सरकार ने अदाणी समूह को लाभ पहुंचाने के लिए फैसले लिए हैं।
सत्ताधारी महायुति गठबंधन में भाजपा, शिवसेना, एनसीपी शामिल है। जबकि विपक्षी गठबंधन एमवीए में शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) शामिल है। प्रदेश में 20 नवंबर को मतदान और 23 नवंबर को मतगणना होगी। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है।