प्रदेश को परिवहन क्षेत्र में सुरक्षित, सुंदर और स्थाई बनाए रखने के लिए अगले तीन वर्षों में नई ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) नीति की घोषणा करने के साथ-साथ 15 साल पुराने वाहनों को हटाने की योजना तैयार की जा रही है। राज्य सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में गूगल के साथ करार (एमओयू) किया गया है। परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने केबल टैक्सी चलाने का सुझाव दिया।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य परिवहन विभाग को गूगल के साथ हुए समझौते का उपयोग करते हुए क्षेत्र की सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए एआई के उपयोग को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस ने सह्याद्री अतिथि गृह में आयोजित बैठक में परिवहन, बंदरगाह और राज्य हवाई अड्डा प्राधिकरण विभागों के लिए अगली 100 दिवसीय कार्ययोजना की समीक्षा की। उन्होंने 15 वर्ष से अधिक पुराने सभी सार्वजनिक और निजी वाहनों को प्रयोग से हटाने की आवश्यकता पर बल दिया।
13,000 से अधिक पुराने सरकारी वाहनों को प्रयोग से हटा दिया जाएगा और राज्य परिवहन निगम की 15 वर्ष से अधिक पुरानी बसों को या तो प्रयोग से हटाया जाएगा या उनके प्रदर्शन में सुधार के लिए इन वाहनों में एलएनजी (द्रवीकृत प्राकृतिक गैस) और सीएनजी (संपीड़ित प्राकृतिक गैस) किट लगाए जाएंगे, जिससे बसों की कार्यक्षमता बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि मुख्यमंत्री ने राज्य की इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति की योजना की भी रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसे अगले तीन वर्षों में लागू किया जाएगा। फडणवीस ने शहरों में आवागमन सुगमता बढ़ाने के लिए परिवहन विभाग को बाइक टैक्सी और मैक्सी कैब सेवाएं शुरू करने का निर्देश दिया।
विज्ञप्ति में कहा गया कि उन्होंने बसों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने के महत्व पर जोर दिया। घाटों पर हो रही बड़ी संख्या में दुर्घटनाओं के लिए इंजीनियरिंग समाधान भी खोजने के निर्देश दिए गए हैं। इस बैठक में बंदरगाहों और हवाई अड्डा प्राधिकरण जैसे विषयों पर भी चर्चा हुई।
परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए मुंबई और ठाणे में केबल टैक्सी सेवा शुरू करने की वकालत की। मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में परिवहन की दृष्टि से केबल टैक्सी लोकप्रिय हो सकती है। फिलहाल महाराष्ट्र में कहीं भी केबल टैक्सी नहीं है। सरनाईक के मुताबिक, अगर हम 15 सीटर या 20 सीटर केबल टैक्सी चला दें, तो हमें ट्रैफिक जाम से छुटकारा मिल सकता है।
उन्होंने कहा कि हम मेट्रो चला सकते हैं तो केबल टैक्सी चलाने में कोई दिक्कत नहीं है, क्योंकि इसे बनाने में ज्यादा जमीन की जरूरत नहीं होती। सरनाईक ने कहा कि केबल टैक्सियों को महाराष्ट्र परिवहन विभाग के तहत चलाया जाएगा। सरनाईक से पहले केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी केबल टैक्सी को परिवहन का अच्छा साधन बता चुके हैं। केबल टैक्सी को पॉड टैक्सी भी कहा जाता है। यह बिजली और सोलर से चलती हैं और काफी इको-फ्रेंडली ट्रांसपोर्ट का साधन हैं।