मध्य प्रदेश सरकार ने उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जिसके तहत प्रदेश के औद्योगिक इलाकों में मौजूद भूखंडों में से 20 फीसदी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (SC/ST) उद्यमियों के लिए आरक्षित रहेंगे।
प्रदेश मंत्रिमंडल ने इसके लिए मध्य प्रदेश एमएसएमई इंडस्ट्रियल लैंड ऐंड बिल्डिंग अलॉटमेंट ऐंड मैनेजमेंट रूल्स 2021 में संशोधन करने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने इन उद्यमियों को प्रीमियम और डेवलपमेंट शुल्क में भी 50 फीसदी छूट देने को मंजूरी प्रदान की है।
मध्य प्रदेश में MSME विभाग के सचिव पी. नरहरि ने कहा कि औद्योगिक इलाकों में एससी-एसटी वर्ग के कारोबारियों को प्राथमिकता के आधार पर प्लॉट आवंटित किए जाएंगे।
इससे पहले इसी वर्ष के आरंभ में राज्य सरकार ने एमपी स्टार्ट अप नीति और क्रियान्वयन योजना-2022 में संशोधन करने का निर्णय लिया था ताकि एससी-एसटी वर्ग के उद्यमियों को अधिक सुविधाएं प्रदान की जा सकें। इसके तहत किसी एससी-एसटी उद्यमी द्वारा प्राप्त निवेश या फंडिंग पर 18 लाख रुपये तक की अधिकतम सहायता दी जा सकेगी। चार चरणों में यह मदद अधिकतम 72 लाख रुपये की होगी।
प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने हाल ही में कहा था कि एससी-एसटी वर्ग के लिए विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को एक साथ करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से सभी विभागों के लिए लाभ का विश्लेषण करना आरंभ होगा। देवड़ा ने कहा कि राज्य सरकार इन श्रेणियों के लोगों के आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में काम करने के लिए बजट की कोई कमी नहीं है।