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महाराष्ट्र विधानसभा में लोकायुक्त विधेयक पारित

Last Updated- December 28, 2022 | 7:53 PM IST
maharashtra vidhan sabha

महाराष्ट्र विधानसभा में मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद को भ्रष्टाचार रोधी संस्था लोकपाल के दायरे में लाने के प्रावधान वाला लोकायुक्त विधेयक- 2022 बुधवार को पारित हो गया। शिक्षक प्रवेश परीक्षा में कथित घोटाले को लेकर विपक्ष के सदन से बहिर्गमन करने के बाद विधेयक बिना किसी चर्चा के पारित हुआ।

सोमवार को जब इस विधेयक को पेश किया गया था तब भी हंगामे की वजह से इस विधेयक पर चर्चा नहीं हो पाई थी। सदन में यह विधेयक सोमवार को पेश किया गया था। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस विधेयक को एक ऐतिहासिक कानून करार दिया और कहा कि महाराष्ट्र इस तरह का कानून बनाने वाला पहला राज्य है।

मुख्यमंत्री की जांच शुरू करने से पहले विधानसभा में पारित कराना होगा प्रस्ताव

विधेयक के अनुसार, मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई भी जांच शुरू करने से पहले विधानसभा की स्वीकृति प्राप्त करनी होगी और प्रस्ताव को सदन के समक्ष रखना होगा। इस तरह के प्रस्ताव को पारित कराने के लिए विधानसभा के कुल सदस्यों के कम से कम दो-तिहाई सदस्यों की सहमति जरूरी होगी। इसी प्रकार मंत्रियों के खिलाफ जांच का अधिकार राज्यपाल, विधान परिषद सदस्यों के बारे में सभापति और विधानसभा सदस्यों के बारे में जांच की अनुमति देने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष को दिया गया है।

लोकायुक्त विधेयक-2022 में मुख्यमंत्री के पास भारतीय प्रशासनिक सेवा , भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच को अधिकृत करने की भी ताकत दी गई है। संबंधित मंत्रियों को भी अन्य अधिकारियों के संबंध में पूछताछ की अनुमति देने का अधिकार मुहैया किया गया है।

इस विधानसभा सत्र की शुरुआत के पहले ही शिंदे-फडणवीस सरकार ने महाराष्ट्र में लोकायुक्त कानून बनाने का निर्णय लिया था। लोकायुक्त विधेयक के मुताबिक वर्तमान मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री और मंत्री इस अधिनियम के दायरे में आएंगे। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की माने तो भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम नए लोकायुक्त अधिनियम का एक हिस्सा होगा।

First Published - December 28, 2022 | 7:52 PM IST

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