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ललित मोदी की मुश्किलें बढ़ीं, Vanuatu सरकार ने पासपोर्ट रद्द करने का फैसला किया

रिपोर्ट के मुताबिक, वनुआतु को बाद में पता चला कि ललित मोदी भारत का भगोड़ा कारोबारी है। इसी वजह से यह फैसला लिया गया।

Last Updated- March 10, 2025 | 12:04 PM IST
Lalit Modi
Lalit Modi (File Photo)

भगोड़े कारोबारी ललित मोदी को बड़ा झटका लगा है। वनुआतु के प्रधानमंत्री जोथम नापत ने वहां की नागरिकता आयोग को निर्देश दिया है कि ललित मोदी का पासपोर्ट रद्द किया जाए।

वनुआतु डेली पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ललित मोदी ने भारत से बचने के लिए वनुआतु की नागरिकता ली थी, लेकिन अब उनका पासपोर्ट रद्द होने जा रहा है। इस फैसले में न्यूजीलैंड में भारत की उच्चायुक्त नीता भूषण की अहम भूमिका रही। उन्होंने कुछ अन्य द्वीपीय देशों के साथ मिलकर ललित मोदी के पासपोर्ट को रद्द कराने में मदद की।

इस वजह से लिया गया फैसला

सोशल मीडिया पर वानुअतु डेली पोस्ट ने लिखा, ‘हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मीडिया में हुए खुलासों के बाद यह फैसला लिया गया है। बाकी जानकारी हम कल के अखबार में देंगे.’ इस बयान में ज्यादा जानकारी साझा नहीं की गई है.

रिपोर्ट के मुताबिक, वनुआतु को बाद में पता चला कि ललित मोदी भारत का भगोड़ा कारोबारी है। इसी वजह से यह फैसला लिया गया।

देश के गृह मंत्री नापट ने कहा कि मोदी की नागरिकता आवेदन की जांच में कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला, लेकिन पिछले 24 घंटे में इंटरपोल ने भारत के अनुरोध को दो बार खारिज किया।

नापट ने स्पष्ट किया कि वानुअतु की नागरिकता पाना किसी का अधिकार नहीं, बल्कि एक विशेषाधिकार है और इसे वैध कारणों से ही लिया जा सकता है। उन्होंने कहा, “कोई भी वैध कारण प्रत्यर्पण से बचने के लिए नागरिकता लेने को सही नहीं ठहराता, लेकिन ललित मोदी की मंशा यही थी।”

गौरतलब है कि हाल ही में खबर आई थी कि ललित मोदी ने वानुअतु की नागरिकता ले ली है। यह एक छोटा द्वीप राष्ट्र है, जो अपने सिटिजनशिप बाय इन्वेस्टमेंट (CBI) प्रोग्राम के लिए जाना जाता है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि भारत पूर्व आईपीएल प्रमुख ललित मोदी के खिलाफ मामला कानूनी प्रक्रिया के तहत आगे बढ़ा रहा है।

ललित मोदी पर लगे आरोप

ललित मोदी, जो कभी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के उपाध्यक्ष थे, पर बोली में गड़बड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) 1999 के उल्लंघन के आरोप हैं। उन पर वित्तीय अनियमितताओं के तहत अनधिकृत फंड ट्रांसफर का भी मामला दर्ज है। वह 2010 में जांच के दौरान भारत छोड़कर चले गए थे।

वैनुआटु का सिटिजनशिप बाय इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम: 30-60 दिनों में पासपोर्ट, कोई रेजिडेंसी जरूरी नहीं

वैनुआटु का सिटिजनशिप बाय इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम उन निवेशकों को तेजी से नागरिकता हासिल करने का मौका देता है, जो इसमें पैसा लगाते हैं। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रोग्राम की कीमत $1,35,500 से $1,55,500 (लगभग 1.18 करोड़ से 1.35 करोड़ रुपये) के बीच है। इस योजना से वैनुआटु की कुल राष्ट्रीय आय का करीब 30% हिस्सा आता है।

इस प्रोग्राम की खासियत यह है कि इसमें नो-रेजिडेंसी नियम लागू है, यानी आवेदकों को नागरिकता पाने के लिए वैनुआटु में रहना जरूरी नहीं है। निवेश करने के बाद, उन्हें सिर्फ 30 से 60 दिनों के भीतर देश का पासपोर्ट मिल सकता है।

First Published - March 10, 2025 | 12:04 PM IST

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