facebookmetapixel
सर्विसेज की ‘मंदी’ नहीं, बस ‘रफ्तार में कमी’: अक्टूबर में सर्विस PMI घटकर 58.9 पर₹16,700 करोड़ में बिक सकती है RCB टीम! पैरेंट कंपनी के शेयरों में 28% तक रिटर्न की संभावनाGroww IPO: 57% सब्सक्रिप्शन के बावजूद लंबी रेस का घोड़ा है ये शेयर? एक्सपर्ट ने बताया क्यों3% प्रीमियम पर लिस्ट हुआ Orkla India का शेयर, मार्केट कैप पहुंचा ₹10,000 करोड़ के करीबसुस्त शुरुआत के बाद सोने-चांदी की कीमतों में तेजी, घरेलू बाजार में जानें आज के भावपहले कमाते थे ₹52, अब मिलते हैं ₹45; दो-दो ऑर्डर एक साथ ले जाने से डिलीवरी बॉय की कमाई घटीबिहार विधानसभा चुनाव 2025: पहले चरण में सुबह 9 बजे तक कुल 13.13% मतदान, सहरसा जिले में सबसे अधिक 15.27% वोटिंगFortis से Paytm तक, MSCI की नई लिस्ट में 4 भारतीय शेयर शामिल – चीन ने भी दिखाई ताकतStocks to Watch today: पेटीएम, ब्रिटानिया, अदाणी एनर्जी जैसे दिग्गजों के नतीजे तय करेंगे दिशाStock Market today: शेयर बाजार में हल्की बढ़त, शुरुआती गिरावट के बाद निफ्टी में रिकवरी

ISRO 25-year vision: अंतरिक्ष क्षेत्र में 10 फीसदी हिस्सा चाहता है भारत

भारतीय अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था का आकार भी मौजूदा 9 अरब डॉलर से बढ़कर 45 अरब डॉलर हो जाएगा और इसमें निजी क्षेत्र की महत्ती भूमिका होगी।

Last Updated- August 20, 2024 | 11:17 PM IST
India aims 10% share in global space economy in 10 yrs: Isro chief Somanath अंतरिक्ष क्षेत्र में 10 फीसदी हिस्सा चाहता है भारत

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन एस सोमनाथ ने कहा कि भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए अगले 25 वर्षों का दृष्टिकोण तैयार किया है। इसमें वैश्विक स्तर पर भारतीय अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था की हिस्सेदारी को मौजूदा 2 फीसदी से बढ़ाकर अगले दस वर्षों में 10 फीसदी करने का है। उन्होंने कहा कि उस वक्त तक भारतीय अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था का आकार भी मौजूदा 9 अरब डॉलर से बढ़कर 45 अरब डॉलर हो जाएगा और इसमें निजी क्षेत्र की महत्तवपूर्ण भूमिका होगी।

मंगलवार को आयोजित एआईसीटीई और भारतीय अंतरिक्ष संघ के कार्यक्रम के दौरान सोमनाथ ने मीडिया से कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी क्षेत्रों की दिलचस्पी बढ़ रही है और 10 से अधिक कंपनियों एवं संगठनों ने लघु उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (एसएसएलवी) के विनिर्माण में रुचि दिखाई है, जिनमें से कुछ को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए संभावित बोलीदाता के तौर पर चुना गया है।

न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा की खबर में बताया गया है कि 16 अगस्त को एसएसएलवी की तीसरी उड़ान के बाद सोमनाथ ने घोषणा की थी कि प्रक्षेपण यान तैयार हो चुका है और बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए रॉकेट भी उद्योग में जाने के लिए तैयार है।

सोमनाथ ने कहा, ‘हम अगले 10 वर्षों में वैश्विक स्तर पर अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को मौजूदा 2 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी तक देखना चाहते हैं। आने वाले समय के लिए हमारे नजर में एक सक्रिय परिवेश का निर्माण करना, मानव अंतरिक्ष उड़ान, मानव अंतरिक्ष स्टेशन और साल 2040 तक चांद पर एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को भेजना शामिल है।’

हाल ही में इसरो ने अर्थव्यवस्था पर अंतरिक्ष मिशनों के प्रभाव का आकलन करने के लिए अध्ययन शुरू किया है। उन्होंने कहा, ‘अध्ययन से पता चला कि हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रमों का आर्थिक प्रभाव निवेश का 2.5 गुना था, जो अरबों डॉलर में था। इससे लाखों लोगों के लिए रोजगार और नौकरियों के अवसर पैदा हुए। इससे मछुआरों, कृषकों, फसल पूर्वानुमानों, प्राकृतिक संसाधन परियोजना और आपदा से बचाव के लिए सहायता प्रणाली भी तैयार की है।’

First Published - August 20, 2024 | 10:58 PM IST

संबंधित पोस्ट