India Services PMI: भारत के सेवा क्षेत्र (Services Sector) की ग्रोथ अक्टूबर में थोड़ी धीमी रही, लेकिन कुल मिलाकर प्रदर्शन मजबूत रहा, जिसे मजबूत घरेलू मांग और GST राहत ने सहारा दिया। S&P Global के आंकड़ों के अनुसार, HSBC इंडिया सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) सितंबर के 60.9 से घटकर अक्टूबर में 58.9 पर आ गया। यह मई के बाद से सबसे धीमी ग्रोथ रेट है। हालांकि अब भी यह 50 अंक के स्तर से काफी ऊपर है, जो विस्तार और दबाव के बीच की सीमा बताता है।
कंपनियों ने बताया कि ग्राहकों की बढ़ती संख्या और GST में राहत ने एक्टिविटी को सपोर्ट दिया, लेकिन प्रतिस्पर्धा और भारी बारिश ने ग्रोथ की रफ्तार को सीमित कर दिया। इसके बावजूद, हेडलाइन इंडेक्स अपने लॉन्ग टर्म एवरेज 54.3 से ऊपर बना रहा।
HSBC की चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी ने कहा, “अक्टूबर में भारत का सर्विसेज PMI घटकर 58.9 पर आ गया, जो मई के बाद से सबसे धीमी गति रही। प्रतिस्पर्धी दबाव और भारी बारिश इसके प्रमुख कारण रहे। फिर भी, सेवाओं का PMI अब भी 50.0 के न्यूट्रल स्तर और लॉन्ग टर्म एवरेज से काफी ऊपर है।”
उन्होंने आगे कहा कि इनपुट लागत में वृद्धि की दर 14 महीनों में सबसे कम रही, जिससे कंपनियों को कुछ राहत मिली। वहीं, भारत का कंपोजिट PMI सितंबर के 61.0 से घटकर अक्टूबर में 60.4 हो गया, जो सेवाओं की धीमी वृद्धि के कारण है।
यह भी पढ़ें: मैन्युफैक्चरिंग PMI अक्टूबर में बढ़कर 59.2 पर, GST राहत और इनपुट लागत में कमी से मिली रफ्तार
अक्टूबर में नए बिजनेस ऑर्डर्स में तेजी तो रही, लेकिन यह पांच महीनों में सबसे कमजोर रही। बाढ़ और बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने मांग को प्रभावित किया। अंतरराष्ट्रीय बिक्री भी बढ़ी, लेकिन मार्च के बाद से सबसे धीमी रही- जिससे संकेत मिलता है कि विदेशी मांग स्थिर है, परंतु उसकी गति कम हुई है।
सर्वे में पाया गया कि इनपुट कॉस्ट में बढ़ोतरी की दर 14 महीनों में सबसे कम रही। कंपनियों ने फलों, सब्जियों, रखरखाव और निर्माण सामग्री पर बढ़े खर्च का जिक्र किया। GST सुधारों से मूल्य दबाव में कमी आई है। आउटपुट कीमतें भी सात महीनों में सबसे धीमी गति से बढ़ीं, और केवल 5% से कम कंपनियों ने कीमतें बढ़ाने की सूचना दी।
कंपनियों ने डिलीवरी समयसीमा पूरी करने और सेवाओं की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए अक्टूबर में स्टाफ की भर्ती बढ़ाई। हालांकि, भर्ती की रफ्तार मामूली रही और यह पिछले 18 महीनों में सबसे कमजोर स्तरों में से एक थी। फिर भी, इस बढ़ोतरी ने चार साल में पहली बार बकाया काम को कम करने में मदद की। सर्विस प्रोवाइडर्स ने भविष्य को लेकर भरोसा जताया, हालांकि भरोसे का स्तर तीन महीने के निचले स्तर पर रहा। प्रतिस्पर्धा और मौसम से जुड़ी अनिश्चितताओं ने विश्वास को थोड़ा प्रभावित किया।
भारत के मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर का संयुक्त उत्पादन (Composite PMI) अक्टूबर में मजबूत विस्तार में रहा, लेकिन गति थोड़ी धीमी पड़ी। HSBC इंडिया कंपोजिट PMI आउटपुट इंडेक्स सितंबर के 61.0 से घटकर 60.4 पर आ गया – जो मई के बाद का सबसे निचला स्तर है। निर्माण क्षेत्र में तेजी रही, लेकिन सेवाओं की सुस्ती ने कुल इंडेक्स को नीचे खींचा।