facebookmetapixel
SIP Calculation Explained: ₹2000 की SIP से बनाएं ₹18 लाख!जॉन क्लार्क, माइकल डेवोरेट और जॉन मार्टिनिस ने जीता 2025 का फिजिक्स नोबेल पुरस्कारइन 7 मिडकैप फंड को ब्रोकरेज ने बनाया टॉप पिक, 5 साल में ₹1 लाख के बना दिये ₹4 लाखइजराइल-हमास संघर्ष के दो साल: गाजा खंडहर, शांति अब भी दूरLG Electronics India IPO: पहले दिन मिला अच्छा रिस्पॉन्स, ग्रे मार्केट प्रीमियम 29%दो महीने में 50% उछला टेलीकॉम शेयर, 8 महीने के हाई पर पंहुचा; ₹10 से भी कम है शेयर का भावजियो पेमेंट्स बैंक लाया ‘सेविंग्स प्रो, जमा पर 6.5% तक ब्याज; साथ में मिलेंगे ये 4 फायदेवै​श्विक चुनौतियों के बावजूद रियल एस्टेट पर निवेशकों का भरोसा कायम, संस्थागत निवेश 5 साल के औसत से ज्यादाQ2 रिजल्ट से पहले TCS से लेकर Infosys तक – इन 4 IT Stocks में दिख रहा है निवेश का मौका, चार्ट से समझें ट्रेंडNew UPI Rule: 8 अक्टूबर से UPI पेमेंट में आएगा बायोमेट्रिक फीचर, सिर्फ PIN नहीं होगा जरूरी

सितंबर में सर्विस PMI घटकर 60.9 पर, कमजोर वै​श्विक मांग का दिखा असर

भारत की सर्विस सेक्टर की गतिविधियां 26वें महीने लगातार बढ़ी, लेकिन वृद्धि की रफ्तार धीमी रही।

Last Updated- October 06, 2025 | 12:28 PM IST
Service PMI
Representational Image

सितंबर में भारत की सर्विस सेक्टर की गतिविधि लगातार 26वें महीने बढ़ी, हालांकि अंतरराष्ट्रीय मांग में सुस्ती के चलते ग्रोथ की रफ्तार धीमी रही। HSBC इंडिया सर्विसेज PMI डेटा (S&P Global द्वारा संकलित) के सर्वे में यह जानकारी सामने आई। सर्वे के अनुसार, सितंबर में समायोजित इंडेक्स 60.9 पर था, जो अगस्त के 62.9 से कम है, लेकिन 50 के न्यूट्रल स्तर से काफी ऊपर, जो मजबूत विस्तार को दर्शाता है।

HSBC के चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी ने कहा, “सितंबर में भारत के सर्विस सेक्टर में व्यापार गतिविधि अगस्त के हाल ही के उच्च स्तर से धीमी हुई। अधिकांश ट्रैकर्स में कुछ कमी आई, लेकिन सर्वे में यह संकेत नहीं मिला कि सर्विस सेक्टर में वृद्धि की गति में कोई बड़ी गिरावट आई है। इसके बजाय, फ्यूचर एक्टिविटी इंडेक्स मार्च के बाद सबसे उच्च स्तर पर पहुंचा, जो सर्विस कंपनियों के व्यापार संभावनाओं को लेबर मजबूत रुझान को दर्शाता है।”

ग्रोथ की रफ्तार सीमित

सितंबर में नए ऑर्डर अगस्त के मुकाबले धीमी गति से बढ़े। ग्रोथ में यह कमी आंशिक रूप से भारतीय सेवाओं की अंतरराष्ट्रीय मांग में गिरावट के चलते हुई। निर्यात में इजाफा हुआ लेकिन यह मार्च के बाद सबसे धीमी दर से बढ़ा। कंपनियों ने बताया कि प्रतिस्पर्धी माहौल और लागत काबू में रखने के उपायों से ग्रोथ सीमित दायरे में है।

नई नौकरियों में धीमापन

रिपोर्ट में कहा गया है कि नई नौकरियों पैदा होने की रफ्तार भी धीमी हुई। केवल 5% से कम कंपनियों ने भर्ती में बढ़ोतरी की जानकारी दी। इसके अलावा, सेवाओं के लिए चार्ज किए गए मूल्य भी धीरे-धीरे बढ़े, जो मार्च के बाद सबसे धीमी वृद्धि थी।

कंपनियों ने दूसरी तिमाही के अंत में लेबर और मैटीरियल लागत में बढ़ोतरी देखी। कुल मिलाकर, मुद्रास्फीति स्थिर रही, लेकिन पिछले महीने से कम और दीर्घकालिक औसत से नीचे रही।

ग्रो​थ को लेकर आउटलुक

इस सुस्ती के बावजूद, सितंबर में ट्रेड सेंटीमेंट बढ़ा बढ़ा और छह महीने के हाई स्तर पर पहुंचा। कंपनियों ने विज्ञापन, ​स्किल डेवलपमेंट, प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण और कर कटौती जैसी वजहों को ग्रोथ के लिए पॉजिटिव फैक्टर बताया है।

मैन्युफैक्चरिंग PMI सितंबर में 57.7 पर धीमा

भारत की मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि भी सितंबर में धीमी गति से बढ़ी, मैन्युफैक्चरिंग पर्चेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) 57.7 पर रहा, जो अगस्त के 59.3 से कम है। यह सितंबर रीडिंग मई के बाद सेक्टर की सेहत में सबसे कमजोर सुधार को दर्शाती है, हालांकि यह 50 के न्यूट्रल स्तर से काफी ऊपर रही, जो विस्तार को संकुचन से अलग करता है।

कम्पोजिट PMI 61.0 पर

मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज दोनों क्षेत्रों में धीमी वृद्धि के कारण, HSBC इंडिया कंपोजिट PMI आउटपुट इंडेक्स सितंबर में अगस्त के 63.2 से घटकर 61.0 पर आ गया। यह जून के बाद सबसे कमजोर विस्तार दर को दर्शाता है। मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर दोनों में उत्पादन वृद्धि धीमी रही और नए ऑर्डर में भी नरमी देखी गई। कुल बिक्री पिछले तीन महीनों में सबसे धीमी दर से बढ़ी।

First Published - October 6, 2025 | 11:45 AM IST

संबंधित पोस्ट