facebookmetapixel
भारत की चीन को टक्कर देने की Rare Earth योजनानेपाल में हिंसा और तख्तापलट! यूपी-नेपाल बॉर्डर पर ट्रकों की लंबी लाइन, पर्यटक फंसे; योगी ने जारी किया अलर्टExpanding Cities: बढ़ रहा है शहरों का दायरा, 30 साल में टॉप-8 सिटी में निर्मित क्षेत्रफल बढ़कर हुआ दोगुनाबॉन्ड यील्ड में आई मजबूती, अब लोन के लिए बैंकों की ओर लौट सकती हैं कंपनियां : SBIअगस्त में Equity MF में निवेश 22% घटकर ₹33,430 करोड़ पर आया, SIP इनफ्लो भी घटाचुनाव से पहले बिहार को बड़ी सौगात: ₹7,616 करोड़ के हाईवे और रेलवे प्रोजेक्ट्स मंजूरBYD के सीनियर अधिकारी करेंगे भारत का दौरा, देश में पकड़ मजबूत करने पर नजर90% डिविडेंड + ₹644 करोड़ के नए ऑर्डर: Navratna PSU के शेयरों में तेजी, जानें रिकॉर्ड डेट और अन्य डिटेल्समद्रास HC ने EPFO सर्कुलर रद्द किया, लाखों कर्मचारियों की पेंशन बढ़ने का रास्ता साफFY26 में भारत की GDP 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 6.9 फीसदी हो सकती है: Fitch

IPEF की बैठक होगी अहम

भारत सहित 13 देशों के बीच समझौते पर सहमति की उम्मीद

Last Updated- November 06, 2023 | 9:57 PM IST
IPEF

अमेरिका की पहल पर बने इंडो पैसिफिक इकनॉमिक फ्रेमवर्क (आईपीईएफ) के तहत भारत सहित 13 अन्य देश स्वच्छ और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था पर बातचीत को आगामी मंत्रिस्तरीय बैठक में अंतिम रूप दे सकते हैं। यह बैठक अगले सप्ताह सैन फ्रांसिस्को में होने वाली है।

इसके साथ ही आईपीईएफ के 4 स्तंभों में से 3 पर बातचीत पूरी हो जाएगी। अमेरिका की ओर से की गई आर्थिक पहल के डेढ़ साल के भीतर यह पूरा हो जाएगा।

इस पहल के दूसरे स्तंभ आपूर्ति श्रृंखला के लचीलेपन पर समझौते की कानूनी जांच प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है। सरकार से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि आपूर्ति श्रृंखला के लचीलेपन पर समझौते पर हस्ताक्षर करने को लेकर घरेलू मंजूरी की प्रक्रिया चल रही है।

पहले स्तंभ या ट्रेड पिलर पर भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। हालांकि इस पर बातचीत पूरी होने में कुछ और वक्त लग सकता है, क्योंकि इस पर वार्ता सबसे थकाऊ है।

भारत ने ट्रेड पिलर को कुछ समय के के लिए पर्यवेक्षण के दर्जे में रखा है। इसका मतलब यह हुआ कि इस स्तंभ में शामिल होने को लेकर भारत का रुख लचीला है और बातचीत पूरी होने के बाद ही अंतिम फैसला होगा।

अमेरिकी वाणिज्य सचिव जिना रायमोंडो ने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘डेढ़ साल के भीतर बाइडन प्रशासन ने भारत प्रशांत क्षेत्र के 14 साझेदार देशों के साथ एक ढांचा स्थापित किया है, जिससे दीर्घावधिआर्थिक मसलों का समाधान हो सके और अमेरिका और अन्य साझेदार नए बदलावों के मुताबिक प्रतिक्रिया दे सकें और अवसरों का लाभ उठा सकें, चाहे कोविड-19 से आपूर्ति श्रृंखला में पैदा हुए व्यवधान से निपटने का मसला हो, या निवेश के नए अवसर का लाभ उठाने का मसला हो।’

दूसरी व्यक्तिगत मंत्रिस्तरीय बैठक भारत के लिए अहम है, क्योंकि अब तक इस साल किसी व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर नहीं हो सका है। राजनीतिक तनाव के कारण कनाडा से बातचीत पटरी से उतर गई है। वहीं ब्रिटेन के साथ बातचीत में कुछ प्रमुख क्षेत्रों में सहमति नहीं बन सकी है।

बहुपक्षीय आर्थिक सहयोग व्यवस्था भारत के साथअमेरिका के लिए भी रणनीतिक महत्त्व का है क्योंकि इसे दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में चीन के बढ़ते प्रभाव को कम करने की पहल के रूप में देखा जा रहा है।

काउंसिल फॉर सोशल डेवलपमेंट में मानद प्रोफेसर विश्वजीत धर ने कहा, ‘अगर आप आपूर्ति श्रृंखला स्तंभ को देखें तो इसमें श्रम एवं पर्यावरण मानक का बड़ा महत्त्व है। भारत इसके अनुपालन के लिए अभी तैयार नहीं है। मानक को लेकर चिंता है और मांग के मुताबिक मानक पूरा करना कठिन है।’

First Published - November 6, 2023 | 9:57 PM IST

संबंधित पोस्ट