International Yoga Day: हर साल 21 जून को मनाया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस इस बार अपनी 11वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस साल का योग दिवस खास होने वाला है, क्योंकि भारत में ‘योग संगम 2025’ के तहत देश भर में एक लाख से अधिक स्थानों पर एक साथ योग सत्र आयोजित किए जाएंगे। यह आयोजन न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में योग के प्रति जागरूकता और एकता को बढ़ावा देगा। आइए, योग संगम 2025 के बारे में विस्तार से जानते हैं, जिसमें इसका महत्व, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और अन्य जरूरी जानकारी शामिल है।
योग संगम 2025, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य आयोजन है, जो भारत के आयुष मंत्रालय द्वारा संचालित किया जा रहा है। ‘संगम’ शब्द का अर्थ है मिलन या एकजुट होना। यह आयोजन योग के माध्यम से लोगों, समुदायों और संस्कृतियों को एक साथ लाने का प्रयास है। इस साल की थीम “योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ” है, जो व्यक्तिगत स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरणीय संतुलन और वैश्विक एकता पर जोर देती है। योग संगम के तहत 21 जून 2025 को सुबह 6:30 से 7:45 बजे तक देश भर में सामूहिक योग सत्र होंगे। विशाखापट्टनम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव पांच लाख से अधिक लोगों के साथ मुख्य सत्र का नेतृत्व करेंगे।
योग संगम 2025 में भाग लेना बेहद आसान है और यह पूरी तरह मुफ्त है। कोई भी व्यक्ति, समूह, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, एनजीओ या अन्य संगठन इस आयोजन में शामिल हो सकता है। रजिस्ट्रेशन के लिए निम्नलिखित कदम उठाएं:
सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट yoga.ayush.gov.in/yoga-sangam पर जाएं। वहां अपनी श्रेणी (व्यक्ति, संगठन या समूह) चुनें और जरूरी जानकारी भरें। रजिस्ट्रेशन के बाद आप 21 जून को सुबह 6:30 से 7:00 बजे तक प्रधानमंत्री के संबोधन का लाइव प्रसारण देख सकते हैं। इसके बाद 7:00 से 7:45 बजे तक कॉमन योग प्रोटोकॉल के आधार पर योग सत्र आयोजित करें। आयोजन के बाद अपनी गतिविधियों का विवरण और तस्वीरें पोर्टल पर अपलोड करें, जिसके बाद आपको आयुष मंत्रालय से भागीदारी का प्रमाणपत्र मिलेगा।
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आयुष मंत्रालय ने योग सत्रों में एकरूपता लाने के लिए कॉमन योग प्रोटोकॉल तैयार किया है। यह प्रोटोकॉल शुरुआती और अनुभवी दोनों तरह के लोगों के लिए उपयुक्त है। इसमें आसान योग आसन, प्राणायाम और ध्यान शामिल हैं, जो स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इस प्रोटोकॉल का पालन करके देश भर में एक साथ योग करने का अनुभव और भी खास हो जाता है।
योग संगम 2025 में अब तक चार लाख से अधिक लोग और 50,000 से ज्यादा संगठन रजिस्टर कर चुके हैं। राजस्थान में 1.38 लाख, आंध्र प्रदेश में 1.38 लाख, उत्तर प्रदेश में 1.01 लाख और मध्य प्रदेश में 26,159 संगठनों ने भागीदारी की पुष्टि की है। यह आयोजन शहरों से लेकर दूरदराज के गांवों तक फैला हुआ है। स्कूल, कॉलेज, आईआईटी, आईआईएम, अस्पताल, कॉरपोरेट और गैर-लाभकारी संगठन सभी इस पहल का हिस्सा बन रहे हैं।
योग संगम के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 में दस विशेष आयोजन शामिल हैं। ये आयोजन 4 जून से 28 जून तक होंगे और अलग-अलग समुदायों को योग से जोड़ेंगे। योग बंधन के तहत अंतरराष्ट्रीय सहयोग से योग को बढ़ावा दिया जाएगा। योग पार्क में सार्वजनिक पार्कों को योग स्थल में बदला जाएगा। योग समावेश के जरिए दिव्यांग और हाशिए पर रहने वाले समुदायों को शामिल किया जाएगा। हरित योग पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगा, जबकि योग अनप्लग्ड युवाओं को योग से जोड़ेगा।
इस साल का सबसे बड़ा योग सत्र विशाखापट्टनम में होगा, जहां पांच लाख से अधिक लोग एक साथ योग करेंगे। यह आयोजन गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होने की संभावना रखता है। प्रधानमंत्री का संबोधन लाइव स्ट्रीम के जरिए पूरे देश में देखा जा सकेगा। यह सत्र योग की एकता और वैश्विक प्रभाव को दर्शाएगा।
21 जून को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी गई है। यह प्रस्ताव 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से पारित हुआ था। योग न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि यह सामाजिक सद्भाव और पर्यावरण संरक्षण को भी प्रोत्साहित करता है। योग संगम 2025 इस वैश्विक संदेश को और मजबूत करेगा।
योग संगम में कोई भी शामिल हो सकता है, चाहे वह योग में नया हो या अनुभवी। इसमें कोई शुल्क नहीं है और न ही कोई सीमा। आप अपने घर, स्कूल, कार्यालय या ऑनलाइन किसी भी सत्र में हिस्सा ले सकते हैं। आयुष मंत्रालय ने मुफ्त पोस्टर, बैनर और योग गाइड उपलब्ध कराए हैं, जो रजिस्ट्रेशन के बाद डाउनलोड किए जा सकते हैं।
इस साल की थीम “योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ” व्यक्तिगत स्वास्थ्य को पर्यावरण से जोड़ती है। यह थीम जलवायु परिवर्तन, जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों और महामारी जैसे वैश्विक मुद्दों से निपटने में योग की भूमिका को रेखांकित करती है। योग संगम के जरिए भारत दुनिया को स्वस्थ और टिकाऊ जीवनशैली की ओर प्रेरित कर रहा है।