President Independence day eve speech: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार ने जो कदम उठाए हैं, उन्होंने अगली पीढ़ी के आर्थिक सुधारों एवं वृद्धि की नींव रख दी है। राष्ट्रपति मुर्मू ने 78वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संदेश में सरकार की उन पहलों का खास तौर पर जिक्र किया, जो गरीबों, महिलाओं, किसानों और युवाओं के हित में शुरू की गई हैं।
नौकरियां पैदा करने के लिए बजट में किए गए ऐलान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रोजगार और कौशल के लिए पांच योजनाओं का पैकेज अगले पांच साल में 4.1 करोड़ युवाओं को लाभ पहुंचाएगा। केंद्र की नई पहल से एक करोड़ युवा बड़ी कंपनियों में काम पाएंगे।
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और शीर्ष तीसरी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है। उन्होंने भारत में कथित सामाजिक स्तरों के आधार पर कलह को बढ़ावा देने वाली प्रवृत्तियों को खारिज करने का आह्वान भी किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत अपनी प्रभावशाली स्थिति का उपयोग विश्व शांति और समृद्धि के विस्तार के लिए करना चाहता है। उन्होंने कहा कि भारत 2021 से 2024 के बीच सबसे तेज वृद्धि करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल रहा है। इस दौरान औसत वृद्धि दर 8 प्रतिशत रही। इससे आम आदमी की जेब में अधिक पैसा आया और गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लोगों की संख्या में भी कमी हुई।
उन्होंने कहा, ‘यह लक्ष्य किसानों और श्रमिकों की अथक मेहनत, नीति-निर्माताओं और उद्यमियों की दूरगामी सोच तथा देश के दूरदर्शी नेतृत्व के बल पर ही हासिल हो सकता है।’उन्होंने कहा कि तेज गति से हो रही ‘न्याय-परक प्रगति’ के बल पर वैश्विक परिदृश्य में भारत का कद ऊंचा हुआ है और जी20 की अपनी अध्यक्षता के सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद उसने ‘ग्लोबल साउथ’ को मुखर अभिव्यक्ति देने वाले देश के रूप में अपनी भूमिका को मजबूत किया है।
संविधान निर्माता बाबा साहब आंबेडकर के शब्दों को उद्घृत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमें अपने राजनीतिक लोकतंत्र को सामाजिक लोकतंत्र भी बनाना चाहिए, क्योंकि राजनीतिक लोकतंत्र तब तक नहीं टिक सकता जब तक कि उसके आधार में सामाजिक लोकतंत्र न हो। उन्होंने कहा, ‘समावेशी भावना, हमारे सामाजिक जीवन के हर पहलू में दिखाई देती है। अपनी विविधताओं और बहुलताओं के साथ, हम एक राष्ट्र के रूप में, एकजुट होकर, एक साथ, आगे बढ़ रहे हैं।’
देशवासियों को 78वें स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी, सरदार पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और बाबासाहब आंबेडकर तथा भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद जैसे अनेक महान जननायकों को याद किया। तिलका मांझी, बिरसा मुंडा, लक्ष्मण नायक और फूलो-झानो जैसे स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन था, जिसमें सभी समुदायों ने भाग लिया।
उन्होंने कहा, ‘हम अपने संविधान की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। हमारे नव-स्वाधीन राष्ट्र की यात्रा में गंभीर बाधाएं आई हैं। न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुता के संवैधानिक आदर्शों पर दृढ़ रहते हुए, हम इस अभियान के साथ आगे बढ़ रहे हैं कि भारत, विश्व-पटल पर अपना गौरवशाली स्थान पुनः प्राप्त करे।’
(साथ में एजेंसियां)