विदेशों में वर्ष 2022-23 के दौरान भारतीय हैंडीक्राफ्ट (Indian Handicraft) की मांग में सुस्ती देखी गई। हैंडीक्राफ्ट के निर्यात में 11 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई है। इसकी मुख्य वजह इससे पहले वाले वर्ष में overstocking के साथ रूस-यूक्रेन में तनाव के कारण अनिश्चितता का माहौल होना मानी जा रही है।
हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (EPCH) के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2022-23 में 29,426 करोड़ रुपये मूल्य के हैंडीक्राफ्ट उत्पादों का निर्यात हुआ, जो वर्ष 2021-22 में निर्यात हुए 33,253 करोड़ रुपये मूल्य के हैंडीक्राफ्ट उत्पादों से 11.51 फीसदी कम है।
डॉलर के लिहाज से हैंडीक्राफ्ट निर्यात 19.65 फीसदी घटकर 358.35 करोड़ डॉलर दर्ज किया गया। Woodware का निर्यात 13.78 फीसदी घटकर 7,829 करोड़ रुपये, Embroidered & Crocheted good का निर्यात 18.72 फीसदी गिरकर 4,341 करोड़ रुपये, Artmetel ware का निर्यात 7.77 फीसदी घटकर 3,829 करोड़ रुपये, Hand Printed textile & Scarve का निर्यात 7 फीसदी घटकर 2,871 करोड़ रुपये रह गया।
Agarbatti & Attar के निर्यात में 8.62 फीसदी और Zari & zari goods के निर्यात में 13.44 फीसदी कमी आई। सबसे कम Imitation jewellery के निर्यात में गिरावट देखी गई। इसका निर्यात महज 3.81 फीसदी घटकर 1,480 करोड़ रुपये दर्ज किया गया।
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EPCH के कार्यकारी निदेशक आर के वर्मा ने बताया कि कोविड की मार से उबरने के कारण वर्ष 2021-22 के दौरान विदेशी खरीदारों ने भारतीय हैंडीक्राफ्ट की भारी मात्रा में खरीद (overstocking ) करने से इनका निर्यात 30 फीसदी बढ़ा था।
वर्ष 2021-22 में बडी मात्रा में खरीद के कारण वर्ष 2022-23 के दौरान उनके पास काफी स्टॉक मौजूद रहा। इसलिए आयातकों ने वर्ष 2022-23 में जरूरत के हिसाब से ही हैंडीक्राफ्ट उत्पाद खरीदे। लिहाजा भारतीय हैंडीक्राफ्ट के निर्यात में करीब 11 फीसदी गिरावट दर्ज की गई।
इसके अलावा वर्ष 2022-23 के दौरान रूस-यूक्रेन के बीच तनाव से अनिश्चितता के माहौल में आर्थिक हालात बिगड़ने का डर सताता रहा। इससे भी आयातक बड़ी मात्रा में हैंडीक्राफ्ट उत्पाद खरीदने से परहेज करते रहे।