facebookmetapixel
सीतारमण बोलीं- GST दर कटौती से खपत बढ़ेगी, निवेश आएगा और नई नौकरियां आएंगीबालाजी वेफर्स में 10% हिस्सा बेचेंगे प्रवर्तक, डील की वैल्यूएशन 40,000 करोड़ रुपये तकसेमीकंडक्टर में छलांग: भारत ने 7 नैनोमीटर चिप निर्माण का खाका किया तैयार, टाटा फैब बनेगा बड़ा आधारअमेरिकी टैरिफ से झटका खाने के बाद ब्रिटेन, यूरोपीय संघ पर नजर टिकाए कोलकाता का चमड़ा उद्योगबिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोलीं सीतारमण: GST सुधार से हर उपभोक्ता को लाभ, मांग में आएगा बड़ा उछालGST कटौती से व्यापारिक चुनौतियों से आंशिक राहत: महेश नंदूरकरभारतीय IT कंपनियों पर संकट: अमेरिकी दक्षिणपंथियों ने उठाई आउटसोर्सिंग रोकने की मांग, ट्रंप से कार्रवाई की अपीलBRICS Summit 2025: मोदी की जगह जयशंकर लेंगे भाग, अमेरिका-रूस के बीच संतुलन साधने की कोशिश में भारतTobacco Stocks: 40% GST से ज्यादा टैक्स की संभावना से उम्मीदें धुआं, निवेशक सतर्क रहेंसाल 2025 में सुस्त रही QIPs की रफ्तार, कंपनियों ने जुटाए आधे से भी कम फंड

आय बढ़ाने के लिए आधे किसान गैर कृषि क्षेत्र पर निर्भर, पीपल रिसर्च की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

‘अन्नदाता परिवारों और खेती से परे उनकी आजीविका की पुनर्कल्पना’ शीर्षक से आए पेपर से पता चला है कि 52% कृषि परिवार अब गैर-कृषि गतिविधियों से अतिरिक्त आय अर्जित कर रहे हैं।

Last Updated- June 01, 2025 | 11:51 PM IST
farmers

बाजार में उतार-चढ़ाव और पर्यावरण से जुड़ी अनिश्चितताओं के कारण खेती में अस्थिरता बढ़ती जा रही है। इसकी वजह से अन्नदाता गैर-कृषि क्षेत्र से आमदनी के स्रोतों की ओर रुख कर रहे हैं। निजी थिंक टैंक पीपल रिसर्च द्वारा रविवार को भारत की उपभोक्ता अर्थव्यवस्था (प्राइस) पर जारी एक वर्किंग पेपर में यह सामने आया है।

‘अन्नदाता परिवारों और खेती से परे उनकी आजीविका की पुनर्कल्पना’ शीर्षक से आए वर्किंग पेपर से पता चला है कि 52 प्रतिशत कृषि परिवार अब गैर-कृषि गतिविधियों से अतिरिक्त आय अर्जित कर रहे हैं।

पेपर में कहा गया है, ‘विविधीकरण की ओर यह रुझान उन्हें अधिक फाइनैंशियल लचीलापन प्रदान करता है। यह कृषि आय से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए महत्त्वपूर्ण है, जो कि कीमत में अस्थिरता, मौसम की घटनाओं और अन्य बाहरी आर्थिक झटकों की वजह से अत्यधिक अस्थिर हो सकती है।’

गैर कृषि गतिविधियों से आमदनी करने वाले कृषक परिवारों में सबसे ऊपर नगालैंड है, जहां 98 प्रतिशत किसान गैर कृषि क्षेत्र से अतिरिक्त आय अर्जित कर रहे हैं। इसके बाद त्रिपुरा (94 प्रतिशत), मेघालय (85 प्रतिशत), तमिलनाडु (83 प्रतिशत), सिक्किम और उत्तराखंड (80 प्रतिशत) का स्थान है।

बहरहाल अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में अभी भी 82 प्रतिशत किसानों ने बताया कि उनकी आमदनी का एकमात्र स्रोत कृषि है। इसके बाद पंजाब (78 प्रतिशत), असम (77 प्रतिशत), कर्नाटक और मणिपुर (73 प्रतिशत) का स्थान है।

इससे पता चलता है कि कृषि से जुड़े परिवारों ने 2024-25 में सालाना 7,31,000 रुपये कमाए हैं। हालांकि इस आंकड़े में बहुत उतार-चढ़ाव है। गरीब किसान परिवारों की औसत सालाना आमदनी 2,03,000 रुपये है, जबकि अमीर किसान परिवारों की औसत सालाना आमदनी 26 लाख रुपये है।

बहरहाल अगर कृषि से जुड़े परिवारों की आमदनी में हिस्सेदारी की बात करें तो अभी भी उनके कुल आय की करीब 80 प्रतिशत कमाई कृषि गतिविधियों से हो रही है, जिसमें 67.1 प्रतिशत सीधे कृषि गतिविधियों से कमाई शामिल है। कृषि से संबंधित गतिविधियों जैसे डेरी और पशुपालन की कुल कमाई में हिस्सेदारी 7.4 प्रतिशत और कृषि श्रम की हिस्सेदारी 4.4 प्रतिशत है।

First Published - June 1, 2025 | 11:51 PM IST

संबंधित पोस्ट