अब फास्टैग सिर्फ टोल टैक्स भरने तक सीमित नहीं रहेगा। सरकार इसे अब पार्किंग फीस, ट्रैफिक चालान, इंश्योरेंस प्रीमियम और इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) चार्जिंग जैसे कई कामों के लिए भी उपयोगी बना रही है। इससे न केवल लोगों का समय बचेगा, बल्कि पेमेंट का सिस्टम भी ज्यादा स्मार्ट और सुविधाजनक हो जाएगा।
अब तक फास्टैग का इस्तेमाल टोल प्लाजा पर टोल टैक्स चुकाने के लिए होता था। लेकिन सरकार की योजना है कि एक ही फास्टैग से गाड़ी से जुड़े हर जरूरी भुगतान जैसे पार्किंग चार्ज, चालान, बीमा प्रीमियम और ईवी चार्जिंग भी हो सकेगी। करीब 11 करोड़ फास्टैग अब तक बैंकों की ओर से जारी हो चुके हैं, और सरकार चाहती है कि इनका इस्तेमाल और ज्यादा कामों में हो ताकि लोगों को एक ही प्लेटफॉर्म से कई सेवाएं मिलें।
इसको लेकर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने हाल ही में एक वर्कशॉप का आयोजन किया। इसमें वित्त मंत्रालय, NHAI और कई फिनटेक कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि फास्टैग को और कितने तरीकों से उपयोग किया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार चाहती है कि फास्टैग को एक ऐसा मजबूत डिजिटल टूल बनाया जाए जिससे लोगों को बेहतर सुविधा मिले और ट्रांसपोर्ट सिस्टम को संभालना भी आसान हो।
वर्कशॉप में ‘मल्टी लेन फ्री फ्लो’ यानी MLFF सिस्टम पर भी बात हुई। यह एक ऐसा सिस्टम है जिसमें गाड़ियों को टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ेगा, और उनका टोल सीधे कट जाएगा। इससे जाम की समस्या खत्म होगी और टोल कलेक्शन में पारदर्शिता भी आएगी।
क्या FASTag एनुअल पास लेना ज़रूरी है? अगर कोई रोड यूज़र इसे नहीं लेना चाहे तो क्या होगा?
FASTag एनुअल पास लेना अनिवार्य नहीं है। जो लोग इसे नहीं लेना चाहते, वे पहले की तरह अपने FASTag का इस्तेमाल करते रह सकते हैं। मौजूदा FASTag सिस्टम पहले जैसे ही चलता रहेगा। ऐसे यूज़र टोल प्लाज़ा पर तयशुदा शुल्क के हिसाब से सामान्य लेनदेन कर सकते हैं।