प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आंदोलन के दौरान मृत साथियों की याद में देशभर में श्रद्धांजलि सभा करने का आज फैसला किया जबकि विशेषज्ञों ने आंदोलन की लंबी अवधि को लेकर अपनी राय जताई थी। संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली के रामलीला मैदान में कल ‘किसान मजदूर महापंचायत’ करने की घोषणा की है।
इसमें सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन तेज करने का प्रस्ताव पारित किया जाएगा। इस मोर्च ने ही वर्ष 2020-21 में दिल्ली की सीमाओं पर हुए किसान आंदोलन का नेतृत्व किया था। इस महापंचायत में किसी ट्रैक्टर को आने की अनुमति नहीं है जबकि 5000 से अधिक लोगों को शामिल करने की अनुमति नहीं दी गई है।
आधिकारिक रूप से हालिया सरकारी बयान में फिर यह उम्मीद जताई गई थी कि किसानों को अपना आंदोलन खत्म करने का वाजिब कारण मिल जाएगा। हालांकि प्रदर्शन कर रहे किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य को मांग को कानूनी रूप से पूरा नहीं होने तक पीछे कदम नहीं हटाने पर अड़ हुए हैं।
गैर राजनीतिक संगठन संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता अभिमन्यु कोहर ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि प्रदर्शन पूरे जोर शोर से जारी है। हम अपनी मांगे पूरी नहीं होने तक किसी भी हालत में पीछे नहीं हटेंगे। हमने 10 मार्च को सफल रेल रोको प्रदर्शन किया। हमें सभी लोगों से मदद मिल रही है और ऐसे में आंदोलन को कमजोर करने का कोई सवाल ही नहीं है। किसान बातचीत के लिए तैयार हैं।
