प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को बताया कि उसने यूको बैंक के पूर्व CMD सुबोध कुमार गोयल और उनके संबंधित लोगों की करीब 106.36 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। ये संपत्तियां चल और अचल दोनों तरह की हैं। यह कार्रवाई 9 जुलाई 2025 को एक बड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत की गई है। इस मामले में गोयल और उनके करीबियों पर गंभीर आरोप हैं।
ED ने 11 जुलाई को कोलकाता की विशेष PMLA कोर्ट में गोयल, उनके परिवार, करीबी सहयोगियों और संबंधित कंपनियों के खिलाफ एक पूरक अभियोजन शिकायत (सप्लीमेंट्री प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट) भी दायर की थी। यह जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की एक प्राथमिकी से शुरू हुई, जिसमें कॉनकास्ट स्टील एंड पावर लिमिटेड (CSPL) और इसके प्रमोटरों पर बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ 6,210.72 करोड़ रुपये (ब्याज को छोड़कर) की धोखाधड़ी का आरोप है। कंपनी पर फंड्स का दुरुपयोग, स्टॉक स्टेटमेंट में हेराफेरी और बैलेंस शीट में गड़बड़ी के आरोप हैं।
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सुबोध कुमार गोयल को 16 मई 2025 को गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने CSPL को 1,460 करोड़ रुपये से ज्यादा के लोन मंजूर किए, जो बाद में गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) बन गए। इसके बदले में गोयल ने कथित तौर पर नकद, संपत्तियों और अन्य लाभ के रूप में अवैध रिश्वत ली। यह राशि शेल कंपनियों और जटिल लेनदेन के जरिए हासिल की गई। ED के मुताबिक, गोयल के करीबी और चार्टर्ड अकाउंटेंट अनंत कुमार अग्रवाल को 25 जून को गिरफ्तार किया गया। अग्रवाल पर शेल कंपनियों के जरिए अवैध फंड्स को मैनेज करने और मनी लॉन्ड्रिंग में मदद करने का आरोप है।
ED ने इस मामले में अब तक कुल 612.71 करोड़ रुपये की संपत्तियों को कुर्क किया है। जांच के दौरान 22 अप्रैल को गोयल और अन्य संबंधित लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की गई, जिसमें अवैध लाभ से जुड़े कई अहम दस्तावेज बरामद हुए। मुख्य आरोपी संजय सूरका, सुबोध कुमार गोयल और अनंत कुमार अग्रवाल इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। सूरका को 18 दिसंबर 2024 को गिरफ्तार किया गया था और उनके खिलाफ 15 फरवरी को कोलकाता की सत्र अदालत में शिकायत दर्ज की गई थी। इससे पहले, CSPL और सूरका से जुड़ी करीब 510 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को दो अलग-अलग कुर्की आदेशों के तहत जब्त किया गया था।