facebookmetapixel
भारती एयरटेल में हिस्सेदारी बेचेगी सिंगटेल की सहायक कंंपनी, ₹10,300 करोड़ के शेयर बेचेगीBihar Election Phase-1 Voting: बिहार में मतदाताओं ने दिखाया उत्साह, हुआ 64.66% मतदानवित्त मंत्री ने दिए संकेत: बड़े बैंकों के निर्माण के लिए सरकारी बैंकों के विलय के दूसरे चरण पर शुरू हुई चर्चाSBI MF का आईपीओ जल्द, 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा वैल्यूएशन की उम्मीदआज की दुनिया में ट्रंप का जी2 सपना महज कागजी, वैश्विक प्रभाव से रहितEditorial: बिलासपुर रेल दुर्घटना ने फिर उठाए सुरक्षा पर सवालPhysicsWallah को कोर्स की कीमतें बढ़वाने वाले निवेशक नहीं चाहिए, आईपीओ 11 नवंबर को खुलेगाNSE की कंपनियों में FPIs की हिस्सेदारी 13 साल के निचले स्तर पर, DIIs और म्युचुअल फंड बने बाजार के नए दिग्गजIPO में और सुधार करेगा सेबी, पारदर्शिता और निवेशकों की सुविधा पर रहेगा फोकसबैंकिंग सेक्टर में आने वाली है सुधारों की नई लहर, कैपिटल और ग्रोथ को मिलेगी रफ्तार

DCGI: डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी बने भारत के नए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल

नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब देशका फार्मा नियामक परिदृश्य सवालों के घेरे में है

Last Updated- February 22, 2023 | 9:46 PM IST
Dr. Rajeev Singh Raghuvanshi
Dr. Rajeev Singh Raghuvanshi | Linkedin

राजीव सिंह रघुवंशी (Rajeev Singh Raghuvanshi) को बुधवार को नया औषधि महानियंत्रक (DCGI) नियुक्त किया गया। एक आधिकारिक आदेश में कहा गया कि बुधवार को कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी।

वह ऐसे समय में कार्यभार संभाल रहे हैं जब पिछले नवंबर-दिसंबर में विश्व के विभिन्न देशों को निर्यात किए गए घटिया और दूषित दवाओं की कई रिपोर्ट आने के बाद भारत में फार्मास्युटिकल निर्माण और नियामक परिदृश्य सवालों के घेरे में है।

DCGI केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के प्रमुख होते हैं, जो देशभर में गुणवत्तापूर्ण दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है। रघुवंशी ने भारत की कुछ प्रमुख दवा कंपनियों में विभिन्न भूमिकाओं में काम किया है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि नियुक्ति अल्पकालिक अनुबंध के आधार पर वेतन मैट्रिक्स के स्तर 14 पर की गई है। आदेश में कहा गया है कि नियुक्ति उनके पदभार ग्रहण करने की तिथि से 28 फरवरी, 2025 को सेवानिवृत्ति की उम्र तक या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, प्रभावी होगी।

आईआईटी-बीएचयू से परास्नातक और नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी, नई दिल्ली से पीएचडी रघुवंशी ने भारतीय फार्माकोपिया आयोग (आईपीसी) के सचिव-एवं वैज्ञानिक निदेशक में काम किया है, जो स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्थान है जो भारत में बेचने और खपत के लिए निर्मित सभी दवाओं के लिए मानक निर्धारित करता है।

उनके लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, उन्होंने 2010 तक रैनबैक्सी रिसर्च लैबोरेटरीज के लिए भी काम किया और 2010 से 2021 के बीच डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के साथ काम किया। डीआरएल में रघुवंशी ने एक आर ऐंड डी टीम का नेतृत्व किया, जिसने भारतीय और वैश्विक बाजारों के लिए अभिनव फॉर्मूलेशन विकसित किए।

वह मौखिक, संशोधित रिलीज एनडीडीएस दवाओं, नेजल फार्मूलेशन, डिपो इंजेक्शन, नैनो टेक्नोलॉजी और अन्य चुनौतीपूर्ण परियोजनाओं के विकास में शामिल थे। वह डॉ. वी. जी. सोमानी का स्थान लेंगे जिनका कार्यकाल 15 फरवरी को समाप्त हो गया था।

यह भी पढ़ें : Metro Cash & Carry के MD ने कहा, RIL के साथ आने से हमारे कारोबार को मिलेगी मजबूती

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पीबीएन प्रसाद को 16 फरवरी को 28 फरवरी तक अंतरिम डीसीजीआई के रूप में नियुक्त किया था क्योंकि सोमानी को पिछले अगस्त और नवंबर में मिले दो से अधिक विस्तार नहीं दिया गया था। डॉ रघुवंशी 16 फरवरी, 2021 को आईपीसी में सचिव-सह-वैज्ञानिक निदेशक के रूप में शामिल हुए थे।

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने जनवरी में डीसीजीआई की नियुक्ति के लिए साक्षात्कार आयोजित किया था। इस पद के लिए शीर्ष दावेदार सोमानी, रघुवंशी और जय प्रकाश थे। 30 जनवरी को यूपीएससी ने स्वास्थ्य मंत्रालय को अपने फैसले से अवगत कराया और रघुवंशी को देश के सर्वोच्च दवा नियामक पद के लिए सिफारिश की।

First Published - February 22, 2023 | 8:09 PM IST

संबंधित पोस्ट