राजीव सिंह रघुवंशी (Rajeev Singh Raghuvanshi) को बुधवार को नया औषधि महानियंत्रक (DCGI) नियुक्त किया गया। एक आधिकारिक आदेश में कहा गया कि बुधवार को कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी।
वह ऐसे समय में कार्यभार संभाल रहे हैं जब पिछले नवंबर-दिसंबर में विश्व के विभिन्न देशों को निर्यात किए गए घटिया और दूषित दवाओं की कई रिपोर्ट आने के बाद भारत में फार्मास्युटिकल निर्माण और नियामक परिदृश्य सवालों के घेरे में है।
DCGI केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के प्रमुख होते हैं, जो देशभर में गुणवत्तापूर्ण दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है। रघुवंशी ने भारत की कुछ प्रमुख दवा कंपनियों में विभिन्न भूमिकाओं में काम किया है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि नियुक्ति अल्पकालिक अनुबंध के आधार पर वेतन मैट्रिक्स के स्तर 14 पर की गई है। आदेश में कहा गया है कि नियुक्ति उनके पदभार ग्रहण करने की तिथि से 28 फरवरी, 2025 को सेवानिवृत्ति की उम्र तक या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, प्रभावी होगी।
आईआईटी-बीएचयू से परास्नातक और नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी, नई दिल्ली से पीएचडी रघुवंशी ने भारतीय फार्माकोपिया आयोग (आईपीसी) के सचिव-एवं वैज्ञानिक निदेशक में काम किया है, जो स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्थान है जो भारत में बेचने और खपत के लिए निर्मित सभी दवाओं के लिए मानक निर्धारित करता है।
उनके लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, उन्होंने 2010 तक रैनबैक्सी रिसर्च लैबोरेटरीज के लिए भी काम किया और 2010 से 2021 के बीच डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के साथ काम किया। डीआरएल में रघुवंशी ने एक आर ऐंड डी टीम का नेतृत्व किया, जिसने भारतीय और वैश्विक बाजारों के लिए अभिनव फॉर्मूलेशन विकसित किए।
वह मौखिक, संशोधित रिलीज एनडीडीएस दवाओं, नेजल फार्मूलेशन, डिपो इंजेक्शन, नैनो टेक्नोलॉजी और अन्य चुनौतीपूर्ण परियोजनाओं के विकास में शामिल थे। वह डॉ. वी. जी. सोमानी का स्थान लेंगे जिनका कार्यकाल 15 फरवरी को समाप्त हो गया था।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पीबीएन प्रसाद को 16 फरवरी को 28 फरवरी तक अंतरिम डीसीजीआई के रूप में नियुक्त किया था क्योंकि सोमानी को पिछले अगस्त और नवंबर में मिले दो से अधिक विस्तार नहीं दिया गया था। डॉ रघुवंशी 16 फरवरी, 2021 को आईपीसी में सचिव-सह-वैज्ञानिक निदेशक के रूप में शामिल हुए थे।
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने जनवरी में डीसीजीआई की नियुक्ति के लिए साक्षात्कार आयोजित किया था। इस पद के लिए शीर्ष दावेदार सोमानी, रघुवंशी और जय प्रकाश थे। 30 जनवरी को यूपीएससी ने स्वास्थ्य मंत्रालय को अपने फैसले से अवगत कराया और रघुवंशी को देश के सर्वोच्च दवा नियामक पद के लिए सिफारिश की।