बीते दिनों बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव को 14.8 किलो सोने के साथ जांच अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था। कन्नड़ अभिनेत्री ने इन सोने को अपने कपड़े में छिपाकर रखा था। गिरफ्तारी के बाद रान्या राव को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रान्या ने कपड़ों में सोना छिपाने के लिए मॉडिफाइड जैकेट और रिस्ट बेल्ट का इस्तेमाल किया था। रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि रान्या राव पिछले 15 दिनों में 4 बार दुबई गई थी, जिसकी वजह से जांच एजेंसियां उस पर कड़ी नजर रख रही थीं। रान्या के कपड़ों से जो सोना मिला, उसकी कुल कीमत 12.56 करोड़ रुपए तक बताई जा रही है। इसके अलावा पुलिस ने उसके घर पर भी रेड की, और वहां भी पुलिस को 2 करोड़ की कीमत का सोना और 2 करोड़ रुपए कैश बरामद हुए।
रान्या राव की गिरफ्तारी के बाद यह चर्चा चारों ओर होने लगी कि विदेश से अगर कोई व्यक्ति भारत आता है तो वह कितना सोना या पैसा अपने साथ ला सकता है। इसको लेकर क्या नियम हैं और क्या क्या छूट हैं?
बता दें कि हमारे देश में भारतीय कस्टम ड्यूटी एक्ट, 1962 के माध्यम से इंपोर्ट और एक्सपोर्ट ड्यूटी को नियंत्रित किया जाता है और कस्टम ड्यूटी के लिए नियम बनाया जाता है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम्स (CBIC) भारत में कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी और GST से संबंधित मामलों को संभालने वाली संस्था है। देशभर में कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी और GST से जुड़े मामलों की देखरेख CBIC द्वारा ही की जाती है।
अगर कोई यात्री विदेश से भारत आता है तो उन्हें इमिग्रेशन ऑफिसर से क्लीयरेंस मिलने के बाद कस्टम ड्यूटी चेकिंग से गुजरना पड़ता है। यात्रियों को अपने सामान के साथ कस्टम ड्यूटी चेकिंग के लिए दो चैनलों में से एक चुनना होता है:
ग्रीन चैनल: यदि यात्री के पास कोई कस्टम ड्यूटी से जुड़ा सामान या प्रतिबंधित सामान नहीं है, तो वह इस चैनल से गुजर सकता है।
रेड चैनल: जिन यात्रियों के पास कस्टम ड्यूटी से जुड़ा सामान या फिर प्रतिबंधित सामान होता है, उन्हें इस चैनल से गुजरना पड़ता है।
यदि कोई यात्री कस्टम ड्यूटी से जुड़ा सामान या सरकार द्वारा दी गई लिमिट से अधिक सामान ले जा रहा है, तो उसे कस्टम डिक्लेरेशन फॉर्म भरकर रेड चैनल से गुजरना जरूरी होता है। यात्री चाहें तो ATITHI मोबाइल ऐप के माध्यम से भी अपनी घोषणा कर सकते हैं।
यदि किसी यात्री के पास 5,000 डॉलर से अधिक की फॉरेन करेंसी या 10,000 डॉलर से अधिक की कुल करेंसी या फॉरेन एक्सचेंज हो, तो उन्हें इसकी जानकारी देनी होती है। अगर कोई यात्री प्रतिबंधित सामान के साथ ग्रीन चैनल से गुजरने की कोशिश करता है, तो उसे सजा, सामान की जब्ती या मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है।
नेपाल, भूटान या म्यांमार को छोड़कर अन्य देशों से भारत आने वाले यात्रियों के लिए कई ड्यूटी फ्री भत्ते लागू होते हैं।
भारतीय निवासी और भारत में रहने वाले विदेशी नागरिक के लिए यह लिमिट निजी उपयोग का सामान और स्मृति चिह्न, जिसकी कुल कीमत 50,000 रुपए तक हो, तक की है। हालांकि, इसमें फायरआर्म, अधिक मात्रा में तंबाकू या शराब, सोना और चांदी (गहनों को छोड़कर), और फ्लैट-पैनल टेलीविजन को शामिल नहीं किया गया है।
अगर बात विदेशी मूल के पर्यटक की करें तो वह व्यक्तिगत उपयोग की वस्तुएं और स्मृति चिह्न, जिनकी कुल कीमत 15,000 तक हो रुपए तक हो, अपने साथ ला सकते हैं। इसके अलावा नेपाल, भूटान और म्यांमार से आने वाले यात्रियों के लिए सभी श्रेणियों के यात्रियों के लिए ड्यूटी फ्री लिमिट 15,000 रुपए है।
भारत में कस्टम ड्यूटी नियमों के तहत यात्रियों को अपने साथ सोना लाने की अनुमति दी गई है। भारतीय पासपोर्ट एक्ट, 1967 के तहत, भारतीय यात्री अधिकतम 1 किलोग्राम सोना ला सकते हैं। ड्यूटी फ्री लिमिट के अंतर्गत पुरुष यात्री 20 ग्राम (50,000 रुपए तक) और महिला यात्री 40 ग्राम (1,00,000 रुपए तक) सोना ला सकते हैं। बच्चों को भी उनके जेंडर के हिसाब से 20 या 40 ग्राम सोना लाने की अनुमति है, जिसकी अधिकतम कीमत क्रमशः 50,000 रुपए और 1,00,000 रुपए होगी।
भारतीय मूल के यात्री या वैध पासपोर्ट धारक, जो कम से कम छह महीने विदेश में रहकर लौटे हैं, वे अपने साथ सोना ला सकते हैं। यदि इस छह महीने के दौरान यात्री की भारत यात्रा 30 दिनों से अधिक नहीं होती और उसने पहले इस छूट का लाभ नहीं लिया है, तो इस अवधि को नजरअंदाज किया जा सकता है। अन्य यात्रियों को बैगेज में सोना लाने की इजाजत नहीं है।
एनआरआई यात्रियों को, यदि वे कम से कम छह महीने से विदेश में रह रहे हैं, तो प्रत्येक छह महीने में अधिकतम 10,000 ग्राम (10 किलोग्राम) सोना भारत में लाने की इजाजत है। हालांकि, इसका केवल एक भाग ही ड्यूटी फ्री होगा, और बाकी पर कस्टम ड्यूटी लागू होगा।
सोने की छड़ों और सिक्कों पर निर्माता या रिफाइनर का खुदा हुआ सीरियल नंबर और मेट्रिक इकाइयों में वजन होना जरूरी है। इन पर 12.5% कस्टम ड्यूटी और 1.25% का सोशल वेलफेयर सरचार्ज लागू होगा। टोला बार और बिना जड़े हुए गहनों पर भी 12.5% कस्टम ड्यूटी और 1.25% सोशल वेलफेयर सरचार्ज लगेगा। जिन यात्रियों को रियायती शुल्क लाभ नहीं मिलता, उन्हें 38.5% तक का कस्टम ड्यूटी देना होगा।
भारत में पहुंचने के बाद, सभी यात्रियों को पहले इमीग्रेशन ऑफिसर से क्लीयरेंस लेना होगा और फिर अपने बैगेज को कलेक्ट करने के बाद कस्टम ड्यूटी से जांच करवानी होगी।
यात्रियों को कस्टम ड्यूटी द्वारा निर्धारित फॉर्म में अपने पास मौजूद सोने की मात्रा और प्रकार के बारे में बताना होगा। कस्टम ड्यूटी की गणना 2007 कस्टम वैल्यूएशन रूल्स के अनुसार की जाती है। सोने की शुद्धता और खरीद प्रमाणित करने के लिए चालान, बिल और प्रमाण पत्र आवश्यक होते हैं। यदि कोई यात्री इन चीजों का पालन नहीं करता, तो कस्टम ड्यूटी एक्ट, 1962 की धारा 111 के तहत उसका सोना जब्त किया जा सकता है।
जिन यात्रियों के पास प्रतिबंधित या कस्टम ड्यूटी योग्य सामान है, या जो अपनी ड्यूटी फ्री लिमिट से अधिक सामान ला रहे हैं, उन्हें कस्टम ड्यूटी फॉर्म भरकर रेड चैनल से गुजरना होगा। ग्रीन चैनल से प्रतिबंधित या शुल्क योग्य सामान ले जाने वाले यात्रियों पर कानूनी कार्रवाई, दंड और सामान की जब्ती हो सकती है। किसी भी यात्री को अनिश्चित मात्रा में विदेशी मुद्रा भारत लाने की अनुमति है, लेकिन कुछ मामलों में घोषणा करना जरूरी है।
भारत में लाई जाने वाली विदेशी मुद्रा पर कोई लिमिट नहीं है। हालांकि, यदि किसी यात्री के पास 5,000 डॉलर से अधिक की विदेशी मुद्रा या 10,000 डॉलर से अधिक की करेंसी और फॉरेन एक्सचेंज हो, तो उसे इसके बारे में बताना होगा। इसके अलावा भारतीय रुपए को विदेश से लाना गैरकानूनी है, लेकिन यदि कोई भारतीय निवासी विदेश यात्रा से लौट रहा है, तो वह अधिकतम 25,000 रुपया नकद साथ ला सकता है।
बता दें कि कस्टम ड्यूटी एक्ट के अनुसार, गलत जानकारी देना, वस्तुओं को छिपाना या घोषणा न करना गंभीर उल्लंघन माने जाते हैं। ऐसा करने पर यात्री के सामान को जब्त किया जा सकता है, उस पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है और कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। यह एक्ट उन लोगों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाने की अनुमति देता है जो ग्रीन चैनल से प्रतिबंधित, सीमित या कर योग्य वस्तुओं को लाने का प्रयास करते हैं या रेड चैनल में गलत जानकारी देते हैं।
ये नियम यात्रियों की के लिए आसान से भारत में एंट्री को सुनिश्चित करते हैं अवैध वित्तीय गतिविधियों को रोकते हैं। अगर कोई यात्री इन नियमों का पालन नहीं करता है, तो उसे कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें सामान की जब्ती और भारतीय कस्टम ड्यूटी एक्ट के तहत मुकदमा चलाया जाना शामिल है।