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बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोले CM विष्णु देव साय: नई औद्योगिक नीति बदल रही छत्तीसगढ़ की तस्वीर

छत्तीसगढ़ सरकार नई औद्योगिक नीति, निवेश समझौते, SCR निर्माण, बुनियादी ढांचा, कृषि, खनन और पर्यटन विकास के जरिए रोजगार और राजस्व वृद्धि सुनिश्चित कर रही है: साय

Last Updated- September 08, 2025 | 10:55 PM IST
Vishnu Deo Sai
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय | फाइल फोटो

हाल ही में जापान और दक्षिण कोरिया की यात्रा कर लौटे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नई दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ सदन में अर्चिस मोहन से निवेश समझौतों से लेकर राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) बनाने, राजस्व की बरबादी रोकने और आगामी 1 नवंबर को प्रदेश की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में की जा रही तैयारी के बारे में विस्तृत बात की। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश

जापान और दक्षिण कोरिया की यात्रा कितनी सार्थक रही?

यह बेहद सफल दौरा रहा। हमने 24 से 30 अगस्त तक ओसाका वर्ल्ड एक्सपो 2025 में छत्तीसगढ़ पविलियन लगाया, जिसमें प्रतिदिन लगभग 30,000 दर्शकों की भीड़ उमड़ी। इसमें हमने राज्य की नई औद्योगिक नीति का प्रदर्शन किया और डोक्रा धातु शिल्प, कोसा हस्तशिल्प, रेशम उत्पादों और सिरपुर की बौद्ध विरासत सहित अपने खास उत्पाद पेश किए।

हमने टोक्यो और सोल में निवेशक-कनेक्ट सत्र भी आयोजित किए, जहां आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, सेमीकंडक्टर, स्वच्छ ऊर्जा, खाद्य प्रसंस्करण और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों पर चर्चा हुई। इस दौरान कौशल विकास समेत 6 समझौतों भी हस्ताक्षर किए गए। जापान छत्तीसगढ़ में कौशल विकास पाठ्यक्रम संचालित करने का इच्छुक है। इस संबंध में इसी महीने के अंत में जापानी प्रतिनिधिमंडल राज्य का दौरा कर सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा के दौरान अगले एक दशक में भारत में 10 लाख करोड़ येन (67 अरब डॉलर) के निजी निवेश की प्रतिबद्धता जताई और भारत से जापान में 50,000 कुशल कर्मियों की नियुक्ति सहित प्रतिभा गतिशीलता के लिए रोडमैप की घोषणा की गई। इसके अतिरिक्त, ओसाका स्थित सरताज फूड्स राज्य में एक खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करेगी। मैंने कौशल प्रशिक्षण और कार्यबल आदान-प्रदान में सहयोग पर चर्चा करने के लिए मोराबु हंसिन कंपनी के अध्यक्ष और जापान एक्सटर्नल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की।

नई औद्योगिक नीति की मुख्य बातें क्या हैं?

नई औद्योगिक नीति पिछले नवंबर में लाई गई। सभी हितधारकों के साथ विस्तृत परामर्श के बाद तैयार की गई यह नीति अगले पांच साल के लिए है। इसके लागू होने के साथ ही 6.65 लाख करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धताएं आ चुकी हैं। ये केवल कागजी नहीं हैं, इन्हें प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा। इसके लिए हमारा अफसरशाही तंत्र पूरी लगन से काम कर रहा है।  सिंगल-विंडो क्लीयरेंस प्रणाली ने प्रसंस्करण समय को कम कर दिया है। इससे नौकरियां पैदा करने में भी मदद मिलेगी।  

क्या अमेरिकी शुल्क से छत्तीसगढ़ का निर्यात भी प्रभावित होगा?

हमारे यहां अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव बहुत कम रहने की उम्मीद है, क्योंकि हम विशेष रूप से कपड़ा क्षेत्र में अपने निर्यात में विविधता लाने और इसे बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। रेशम निर्यात को बढ़ावा देने की सरकार की योजनाएं काफी कामयाब रही हैं, जिससे हम उत्साहित हैं।

बस्तर जिले के लिए आपकी क्या योजनाएं हैं, यहां खनन गतिविधियों को कैसे देखते हैं?

खनन से आगे भी बस्तर में बहुत कुछ है। यहां के झरने और प्राकृतिक सुंदरता बहुत लुभावनी है। इसलिए जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। हम मॉडल गांवों और होमस्टे को बढ़ावा दे रहे हैं। इनके विकास के लिए शुरू की गई सरकार की नीतियों से ये मॉडल गांव और होमस्टे काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। कृषि क्षेत्र पर सरकार का पूरा ध्यान है, जहां सिंचाई के लिए सहायता प्रदान कर रहे हैं। प्रत्येक आदिवासी परिवार को दो गायें देकर दूध उत्पादन को बढ़ावा दे रहे हैं। इसके लिए हमने दूध संग्रह के लिए नैशनल डेरी डेवलपमेंट बोर्ड के साथ साझेदारी की है। राज्य में तेंदू पत्ता भी महत्त्वपूर्ण वन उत्पाद है। यह 12.5 लाख परिवारों के लिए आजीविका का प्रमुख स्रोत है। उन्हें समर्थन देने के लिए सरकार ने तेंदू पत्तों के एक मानक बोरे की खरीद मूल्य को बढ़ाकर 5,500 रुपये कर दिया है।

खनिज संपदा का उपयोग करने और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए क्या-क्या योजनाएं हैं?

हमारी सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास, विशेष रूप से सड़क निर्माण के लिए 4,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया है। राज्य में रेल नेटवर्क का भी विस्तार जोर-शोर से किया जा रहा है। जिस समय हम छत्तीसगढ़ की स्थापना के 25 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, उसी दौरान इस राज्य के निर्माता, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मशती भी मना रहे हैं।  

राज्य सरकार आदिवासियों से जुड़े जल, जंगल और जमीन जैसे मुद्दों से कैसे निपट रही है?

सरकार लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के तहत आदिवासी अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। किसी भी समस्या से निपटने के लिए जन सुनवाई की जाती है। कोई भी फैसला ग्राम सभाओं की सहमति के बाद ही लिया जाता है। इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल और अन्य सुविधाओं के लिए न केवल कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत बल्कि खनिज विकास कोष से भी धन आवंटित किया जाता है।

सरकार ने राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) बनाने की योजना की घोषणा की है?

हाल ही में नैशनल कैपिटल रीजन के मॉडल पर एससीआर बनाने का प्रस्ताव विधान सभा में पारित किया गया है। इसमें रायपुर, दुर्ग-भिलाई और नया रायपुर अटल नगर जैसे आसपास के जिले शामिल होंगे। एससीआर पर गंभीरता से काम करने के लिए जल्द ही एक प्राधिकरण बनाया जाएगा। अटल नगर-नवा रायपुर पहले से ही आधुनिक शहर के रूप में आकार ले रहा है और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि विकास के मामले में यह आने वाले वर्षों में चंडीगढ़ को पीछे छोड़ देगा।

कांग्रेस आपकी सरकार में 14 मंत्री होने को असंवैधानिक बताती है। उसका तर्क है कि 90 सदस्यीय विधान सभा वाले राज्य में यह संख्या अधिक है?

हरियाणा सरकार की मंत्रिपरिषद के संबंध में पहले से ही अदालतों में एक मामला लंबित है। वहां भी 90 सदस्यीय विधान सभा में 14 मंत्री हैं। हम इस मामले पर अदालत के फैसले का इंतजार करेंगे।

‘मोदी की गारंटी’ की क्या स्थिति है, जिस पर भाजपा ने विधान सभा चुनाव लड़ा था?

हमने पदभार संभालने के 20 महीनों के भीतर अपने अधिकांश वादे पूरे कर दिए हैं। इनमें गरीबों के लिए 18 लाख घर बनाने को मंजूरी देना, 13 लाख किसानों के बकाया ऋण का निपटान करना, किसानों से 3,100 रुपये की कीमत पर प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदना और महिलाओं को 1,000 रुपये मासिक भत्ता देना प्रमुख रूप से शामिल है। खास बात है कि हम कल्याणकारी योजनाओं और राजस्व जुटाने के बीच संतुलन बनाए हुए हैं। सरकार ने कई ऐसी सुधार योजनाएं लागू की हैं, जिनसे खनन क्षेत्र में राजस्व का रिसाव रुका है। पिछली सरकार में किए गए घोटालों की जांच के आदेश दिए गए हैं।

First Published - September 8, 2025 | 10:55 PM IST

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